जोधपुर. हाईकोर्ट के निर्देश पर जोधपुर प्रशासन ने गुरुवार को सूरसागर स्थित मगजी की घाटी पर हुए वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की. इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए. सरकारी कारिंदों को रोकने की कोशिश हुई. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा. बड़ी संख्या में वहां रहने वाले लोग पुलिस के सामने हो गए. जेसीबी रोक दी गई. अंतत: प्रशासन को कहना पड़ा कि अभी हम सिर्फ खाली बाड़ों का अतिक्रमण हटाएंगे. यदि कोई इस परिसर में रह रहा है तो उसे हटाने की कार्रवाई नहीं होगी. इस दौरान पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे. फिलहाल मौके पर कार्रवाई जारी है. पुलिस और आरएसी के जवानों को तैनात किया गया है. इसके अलावा आला अधिकारी भी मौके पर ही बने हुए हैं.
दरअसल, हाईकोर्ट के आदेश की पालना में यह कार्रवाई हो रही है. मगजी की घाटी में संरक्षित वन भूमि पर करीब 2 हजार हेक्टयर में 62 खसरों पर अतिक्रमण कर रखा है. इसे हटाने के लिए जिला कलेक्टर, वन विभाग, पुलिस, जेडीए, नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची. जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि रामजी व्यास बनाम राजस्थान सरकार रिट पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की जा रही है. इसमें नोडल वन विभाग है. आचार संहिता के कारण कार्रवाई रुकी हुई थी, आज टीम मौके पर पहुंच कर कार्रवाई कर रही है.
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आठ जुलाई को पेश करनी है हाई कोर्ट में रिपोर्ट: पर्यावरणविद् रामजी व्यास ने हाईकोर्ट में 2021 में याचिका दायर कर मगजी की घाटी, बेरी गंगा में 62 खसरों पर करीब 2 हजार हेक्टयर भूमि को अतिक्रमण भूमि को मुक्त करवाने की मांग रखी थी. अतिक्रमियों ने यहां घर बनाकर बिजली पानी के कनेक्शन ले लिए थे, जबकि यह पूरी जगह संरक्षित वन क्षेत्र है. यहां पर 1980 से वन संरक्षण अधिनियम की अवहेलना हो रही है. इस मामले में 5 मार्च को दिए कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जिला कलेक्टर, डीएफओ वन विभाग को अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे. इसकी रिपोर्ट अगली सुनवाई 8 जुलाई को कोर्ट में संबंधित विभागों को पेश करनी है.