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IIT INDORE का कमाल, बहुत कम लागत में मेथनॉल से हाइड्रोजन प्रॉडक्शन

आईआईटी इंदौर ने मेथनॉल से बहुत कम लागत में शुद्ध हाइड्रोजन का प्रॉडक्शन करने की तकनीक विकसित की है.

IIT INDORE RESEARCH
आईआईटी इंदौर, बहुत कम लागत में मेथनॉल से हाइड्रोजन प्रॉडक्शन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 16, 2024, 8:02 PM IST

इंदौर (PTI)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर (IIT INDORE) ने पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत कम तापमान पर और कम लागत पर प्रभावी तरीके से मेथनॉल से शुद्ध हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए उत्प्रेरक विकसित किया है. बुधवार को आईआईटी इंदौर के प्रबंधन ने बताया "ये उत्प्रेरक एक ऐसा पदार्थ है जो किसी रासायनिक प्रतिक्रिया को तेज करता है या प्रतिक्रिया के दौरान खुद का उपभोग किए बिना उसे शुरू करने के लिए आवश्यक तापमान या दबाव को कम करता है."

130 डिग्री सेल्सियस पर मेथनॉल से शुद्ध हाइड्रोजन

आईआईटी इंदौर के अनुसार ये उत्प्रेरक पारंपरिक तरीकों के माध्यम से 200 डिग्री सेल्सियस से अधिक की तुलना में 130 डिग्री सेल्सियस पर मेथनॉल से शुद्ध हाइड्रोजन का उत्पादन करने में मदद करता है. यह 13 लीटर मेथनॉल से एक किलोग्राम हाइड्रोजन के उत्पादन की सुविधा प्रदान कर सकता है. कम तापमान पर शुद्ध हाइड्रोजन बनाने की यह किफायती और पर्यावरण अनुकूल तकनीक औद्योगिक और व्यावसायिक उपयोग के लिए उपयुक्त है. वास्तविक मापदंडों पर खरा उतरने के बाद इस तकनीक को पेटेंट दे दिया गया है और इसे बाजार में लाने के लिए उद्योग के साथ चर्चा चल रही है.

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जीवाश्म ईंधन के लिए महत्वपूर्ण विकल्प हाइड्रोजन

बता दें कि रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर संजय के. सिंह के नेतृत्व में IIT इंदौर की टीम ने अपने पीएचडी छात्र महेंद्र अवस्थी के साथ मिलकर एक ऐसी प्रक्रिया विकसित की है, जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में 130°C से कम तापमान पर मेथनॉल से शुद्ध हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करती है, जिसके लिए 200°C से अधिक की आवश्यकता होती है. सतत ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इस सफलता से हाइड्रोजन उत्पादन को अधिक कुशल, लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की उम्मीद है, जो स्वच्छ ऊर्जा प्रयासों को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा. स्वच्छ ऊर्जा में बदलाव में हाइड्रोजन को जीवाश्म ईंधन के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में देखा जाता है. बता दें कि जीवाश्म ईंधन पेट्रोल, डीजल, केरोसिन आदि के रूप में होता है. इसका उपयोग वाहन चलाने, खाना पकाने, रोशनी करने आदि में किया जाता है.

इंदौर (PTI)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर (IIT INDORE) ने पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत कम तापमान पर और कम लागत पर प्रभावी तरीके से मेथनॉल से शुद्ध हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए उत्प्रेरक विकसित किया है. बुधवार को आईआईटी इंदौर के प्रबंधन ने बताया "ये उत्प्रेरक एक ऐसा पदार्थ है जो किसी रासायनिक प्रतिक्रिया को तेज करता है या प्रतिक्रिया के दौरान खुद का उपभोग किए बिना उसे शुरू करने के लिए आवश्यक तापमान या दबाव को कम करता है."

130 डिग्री सेल्सियस पर मेथनॉल से शुद्ध हाइड्रोजन

आईआईटी इंदौर के अनुसार ये उत्प्रेरक पारंपरिक तरीकों के माध्यम से 200 डिग्री सेल्सियस से अधिक की तुलना में 130 डिग्री सेल्सियस पर मेथनॉल से शुद्ध हाइड्रोजन का उत्पादन करने में मदद करता है. यह 13 लीटर मेथनॉल से एक किलोग्राम हाइड्रोजन के उत्पादन की सुविधा प्रदान कर सकता है. कम तापमान पर शुद्ध हाइड्रोजन बनाने की यह किफायती और पर्यावरण अनुकूल तकनीक औद्योगिक और व्यावसायिक उपयोग के लिए उपयुक्त है. वास्तविक मापदंडों पर खरा उतरने के बाद इस तकनीक को पेटेंट दे दिया गया है और इसे बाजार में लाने के लिए उद्योग के साथ चर्चा चल रही है.

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जीवाश्म ईंधन के लिए महत्वपूर्ण विकल्प हाइड्रोजन

बता दें कि रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर संजय के. सिंह के नेतृत्व में IIT इंदौर की टीम ने अपने पीएचडी छात्र महेंद्र अवस्थी के साथ मिलकर एक ऐसी प्रक्रिया विकसित की है, जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में 130°C से कम तापमान पर मेथनॉल से शुद्ध हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करती है, जिसके लिए 200°C से अधिक की आवश्यकता होती है. सतत ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इस सफलता से हाइड्रोजन उत्पादन को अधिक कुशल, लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की उम्मीद है, जो स्वच्छ ऊर्जा प्रयासों को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा. स्वच्छ ऊर्जा में बदलाव में हाइड्रोजन को जीवाश्म ईंधन के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में देखा जाता है. बता दें कि जीवाश्म ईंधन पेट्रोल, डीजल, केरोसिन आदि के रूप में होता है. इसका उपयोग वाहन चलाने, खाना पकाने, रोशनी करने आदि में किया जाता है.

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