शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में इन दिनों आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकालने का मामला गरमाया हुआ है. जिसके चलते आईजीएमसी में आउटसोर्स कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे. वहीं, अब सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि आईजीएमसी में नौकरी से निकाले गए 132 आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी नहीं जाएगी. आईजीएमसी में आउटसोर्स पर तैनात कर्मचारियों को रि-टेंडर कर फिर से वापस नौकरी पर रखा जाएगा.
आईजीएमसी अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. प्रवीण भाटिया ने बताया, "अस्पताल में आज से ऑपरेशन की सुविधा शुरू हो जाएगी. अस्पताल प्रशासन को सरकार से आदेश जारी हुआ हैं कि 132 कर्मचारियों के साथ फिर से री-टेंडर किया जाए और उनको दोबारा से काम पर रखा जाए. कर्मचारियों को फिर से 6 महीने के लिए काम पर रखने के आदेश आईजीएमसी अस्पताल को सरकार की तरफ से आए हैं."
कर्मचारियों ने खत्म की हड़ताल
आईजीएमसी में हड़ताल पर रहे कर्मचारियों ने अब अपनी हड़ताल वापस ले ली है और काम पर लौट आए हैं. नौकरी से निकाले गए 132 आउटसोर्स कर्मचारियों को फिर से नौकरी पर रखने के प्रशासन के फैसले का कर्मचारियों ने स्वागत किया है. आउटसोर्स यूनियन के प्रधान वीरेंद्र और उपप्रधान निशा ने बताया, "हमारी मांगे मान ली गई है और हमें काम पर आने के लिए कहा गया है. आईजीएमसी अस्पताल प्रशासन ने हमारी सारी मांगे मान ली हैं, इसलिए अब हड़ताल का कोई मतलब नहीं रहता है. इसलिए आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल को वापस ले लिया गया है."
1 जनवरी को खत्म की थी सेवाएं
गौरतलब है कि आईजीएमसी में तैनात 132 आउटसोर्स कर्मचारियों की 1 जनवरी से सेवाएं समाप्त कर दी गई थी. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन के खिलाफ आउटसोर्स कर्मियों का गुस्सा फूटा और अस्पताल पर तैनात कर्मचारी हड़ताल पर चले गए. जिससे अस्पताल में सारी व्यवस्थाएं ठप रहीं. इसके बाद शुक्रवार को एडीसी शिमला हड़ताल पर गए कर्मचारियों से मिले और उन्हें दिया कि वो शनिवार को काम पर लौट जाएं और वो सरकार से इस बारे में बात करेंगे. शुक्रवार शाम तक प्रदेश सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी की गई कि आउटसोर्स कर्मियों को आगामी 6 महीने के लिए अस्पताल में रखा जाए.