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वन विभाग में सरकारी धन का गबन, IFS अफसर ने दर्ज कराया मुकदमा, जानें पूरा प्रकरण - Embezzlement of Government Funds

Embezzlement of Government Funds in Rudraprayag Forest Department उत्तराखंड वन विभाग में सरकारी धन के गबन को लेकर आईएफएस अफसर ने मुकदमा दर्ज करवाया है. वर्किंग प्लान के अंतर्गत इसे उत्तराखंड में पहली बार की गई कानूनी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है. उधर प्राथमिक जांच में भी कूट रचित अभिलेखों के जरिए सरकारी धन के गबन की बात सही पाई गई है.

Embezzlement of Government Funds
वन विभाग में सरकारी धन का गबन (FILE PHOTO ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 6, 2024, 5:57 PM IST

देहरादूनः दस्तावेजों में कूटरचना कर सरकारी धन के गबन का प्रकरण अब पुलिस तक जा पहुंचा है. मामला उत्तराखंड वन विभाग से जुड़ा हुआ है. जहां वर्किंग प्लान के काम के दौरान फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी धन को अपने खाते में लिया गया. खास बात यह है कि शुरुआती जांच में भी ये आरोप सही पाए गए हैं. जिसके बाद वन संरक्षक आकाश वर्मा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

पूरा प्रकरण रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के वन क्षेत्र में वानिकी कार्यों की 10 वर्षीय कार्य योजना गठन की कार्रवाई के बाद का है. जिसमें वन क्षेत्र के सर्वे के लिए वन विभाग की टीम ने काम किया. इस दौरान टीम के साथ ढुलान जैसे कार्यों के लिए 5 श्रमिकों को भेजा जाना था. इस काम के लिए श्रमिक ठेकेदार का चयन किया गया. जिनके द्वारा ही टीम के साथ जाने वाले श्रमिकों का भुगतान किया जाना था. वन विभाग द्वारा श्रमिक ठेकेदारों को डीबीटी के माध्यम से भुगतान होना था. वर्किंग प्लान के भुगतान की जांच करने पर पाया गया कि दो श्रमिकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भुगतान करवाया गया.

Embezzlement of Government Funds
वन विभाग में सरकारी धन का गबन, (PHOTO- Rudraprayag Police)

6 महीने के भुगतान के रूप में गबन: इन दोनों श्रमिकों द्वारा अगस्त 2023 तक क्षेत्र में गई टीम के साथ काम किया गया था. इसके बाद यह दोनों श्रमिक हरिद्वार में एक निजी कंपनी में काम करने लगे. लेकिन इसके बावजूद इन दोनों श्रमिकों के नाम पर सितंबर से फरवरी 2024 तक अतिरिक्त भुगतान लिया गया.

पुलिस ने की जांच: इसके बाद गढ़वाल वृत्त के वन संरक्षक आकाश वर्मा ने इसकी शिकायत पुलिस में लिखित रूप से की. लिखित शिकायत के आधार पर पुलिस ने इसकी प्राथमिक जांच की और जांच में मामला सही पाए जाने के बाद रुद्रप्रयाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई.

Embezzlement of Government Funds
IFS अफसर ने दर्ज कराया मुकदमा (PHOTO- Rudraprayag Police)

CCF के निर्देश पर FIR: बताया जा रहा है कि वन विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इस तरह के भुगतान के दूसरे भी कई मामले हैं. जबकि वर्किंग प्लान के अंतर्गत पहली बार इस तरह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी धन के गबन को लेकर कानूनी कार्रवाई की गई है. सीसीएफ (चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट) वर्किंग प्लान संजीव चतुर्वेदी के निर्देश पर वन संरक्षक आकाश वर्मा ने पुलिस में लिखित शिकायत की थी. जिसके बाद श्रमिक ठेकेदार सतीश भट्ट, अजय पंवार पर एफआईआर की गई है.

ये भी पढ़ें: वन विभाग में कथित घूसखोरी वायरल वीडियो मामला, वन दरोगा समेत 3 सस्पेंड - Uttarakhand Forest Department

ये भी पढ़ें: चौकीदार ने खुद को बताया वन दरोगा, महिला कांस्टेबल को शादी का झांसा देकर किया दुष्कर्म, खाते से डेढ़ लाख रुपए भी उड़ाए

देहरादूनः दस्तावेजों में कूटरचना कर सरकारी धन के गबन का प्रकरण अब पुलिस तक जा पहुंचा है. मामला उत्तराखंड वन विभाग से जुड़ा हुआ है. जहां वर्किंग प्लान के काम के दौरान फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी धन को अपने खाते में लिया गया. खास बात यह है कि शुरुआती जांच में भी ये आरोप सही पाए गए हैं. जिसके बाद वन संरक्षक आकाश वर्मा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

पूरा प्रकरण रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के वन क्षेत्र में वानिकी कार्यों की 10 वर्षीय कार्य योजना गठन की कार्रवाई के बाद का है. जिसमें वन क्षेत्र के सर्वे के लिए वन विभाग की टीम ने काम किया. इस दौरान टीम के साथ ढुलान जैसे कार्यों के लिए 5 श्रमिकों को भेजा जाना था. इस काम के लिए श्रमिक ठेकेदार का चयन किया गया. जिनके द्वारा ही टीम के साथ जाने वाले श्रमिकों का भुगतान किया जाना था. वन विभाग द्वारा श्रमिक ठेकेदारों को डीबीटी के माध्यम से भुगतान होना था. वर्किंग प्लान के भुगतान की जांच करने पर पाया गया कि दो श्रमिकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भुगतान करवाया गया.

Embezzlement of Government Funds
वन विभाग में सरकारी धन का गबन, (PHOTO- Rudraprayag Police)

6 महीने के भुगतान के रूप में गबन: इन दोनों श्रमिकों द्वारा अगस्त 2023 तक क्षेत्र में गई टीम के साथ काम किया गया था. इसके बाद यह दोनों श्रमिक हरिद्वार में एक निजी कंपनी में काम करने लगे. लेकिन इसके बावजूद इन दोनों श्रमिकों के नाम पर सितंबर से फरवरी 2024 तक अतिरिक्त भुगतान लिया गया.

पुलिस ने की जांच: इसके बाद गढ़वाल वृत्त के वन संरक्षक आकाश वर्मा ने इसकी शिकायत पुलिस में लिखित रूप से की. लिखित शिकायत के आधार पर पुलिस ने इसकी प्राथमिक जांच की और जांच में मामला सही पाए जाने के बाद रुद्रप्रयाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई.

Embezzlement of Government Funds
IFS अफसर ने दर्ज कराया मुकदमा (PHOTO- Rudraprayag Police)

CCF के निर्देश पर FIR: बताया जा रहा है कि वन विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इस तरह के भुगतान के दूसरे भी कई मामले हैं. जबकि वर्किंग प्लान के अंतर्गत पहली बार इस तरह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी धन के गबन को लेकर कानूनी कार्रवाई की गई है. सीसीएफ (चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट) वर्किंग प्लान संजीव चतुर्वेदी के निर्देश पर वन संरक्षक आकाश वर्मा ने पुलिस में लिखित शिकायत की थी. जिसके बाद श्रमिक ठेकेदार सतीश भट्ट, अजय पंवार पर एफआईआर की गई है.

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