राजगढ़। देश व प्रदेश से अक्सर रिश्वतखोरी की खबरें सामने आती है. जहां कोई अधिकारी, कोई अफसर, कोई पुलिसकर्मी तो कई बाबू किसी काम के एवज में बेबस और लाचार लोगों को रिश्वत के जाल में फंसाते हैं. वर्तमान समय में लोगों के एक्टिव होने के चलते ऐसे कई मामलों पर रिश्वत मांगने वाला पकड़ा जाता है. इन सबसे अलग एक मामला एमपी के छतरपुर जिले से सामने आया है. यहां कोई रिश्वतखोर अफसर नहीं बल्कि एक अफसर की ईमानदारी ने सभी को चौंका दिया है. महिला अधिकारी की चारों ओर तारीफ हो रही है.
टीचर ने की आईएएस तपस्या को रिश्वत की पेशकश
दरअसल पूरा मामला, जिला पंचायत छतरपुर का है. जहां पर तपस्या परिहार जिला पंचायत सीईओ के पद पर पदस्थ हैं. उन्होंने चुनाव के दौरान विशाल अस्थाना नाम के एक शिक्षक को कार्य में लापरवाही बरतने के चलते निलंबित कर दिया था. इसी निलंबन से बहाल होने के लिए यह शिक्षक जिला पंचायत सीईओ के पास पहुंचा और बहाली के लिए उन्हें 50 हजार रुपये की रिश्वत की पेशकश की. जिसे जिला सीईओ व आईएएस महिला अधिकारी ने सिरे से खारिज कर दिया.
यहां पढ़ें... |
आईएएस ने सिखाया टीचर को सबक
बता दें जब सस्पेंड टीचर पैसों से भरा बैग लेकर जिला पंचायत सीईओ तपस्या परिहार के पास पहुंचा तो उन्होंने उसे लेने से साफ इंकार दिया है. इतना नहीं उस टीचर को तुरंत वहीं पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं सिटी कोतवाली पुलिस ने रिश्वत की पेशकश करने वाले शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है. उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है. जिला पंचायत सीईओ के इस कदम के चलते वे सुर्खियों में आ गई हैं. चारों ओर उनकी ईमानदारी की मिसाल दी जा र ही है.