ETV Bharat / state

चर्चित IAS केके पाठक के आगे नीतीश सरकार लाचार! फिर हुआ तबादला, अब बने राजस्व पर्षद के अध्यक्ष - KK Pathak

KK Pathak Transferred: शिक्षा विभाग में बतौर अपर मुख्य सचिव लगातार सुर्खियों में रहने वाले केके पाठक के सामने राज्य सरकार लाचार नजर आ रही है. तीन हफ्ते तक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में ज्वाइनिंग नहीं करने के बाद अब उनका फिर से तबादला किया गया है. उनको बिहार राजस्व पर्षद का अध्यक्ष बनाया गया है.

KK Pathak
केके पाठक का तबादला (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 4, 2024, 9:54 AM IST

Updated : Jul 4, 2024, 10:00 AM IST

पटना: नीतीश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक का फिर से तबादला कर दिया है. उनको राजस्व पर्षद का अध्यक्ष बनाया गया है. वह शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर लगभग एक साल तक रहे. इस दौरान कई तरह के विवादों में भी रहे. खासकर राजभवन के साथ विवाद भी खूब चर्चा में रहा. पटना डीएम के साथ विवाद भी किसी से छिपा नहीं है. स्कूल में छुट्टी को लेकर उनकी सरकार से भी नाराजगी रही और इसी कारण अचानक छुट्टी पर भी चले गए और मनाने पर भी नहीं माने.

केके पाठक का फिर तबादला: 13 जून को नीतीश सरकार ने केके पाठक का तबादला शिक्षा विभाग से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर कर दिया था लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में भी केके पाठक ने ज्वाइनिंग नहीं दी. वह लगातार अपनी छुट्टी बढ़ाते रहे. आखिरकार सरकार को केके पाठक का फिर से तबादला करना पड़ा है. हालांकि उनके कामकाज की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार तारीफ करते रहे हैं.

शिक्षा मंत्री से चला था संघर्ष: जब नीतीश कुमार महागठबंधन की सरकार चला रहे थे, तब भी शिक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में उन्होंने केके पाठक की खूब तारीफ की थी. हालांकि पाठक का तत्कालीन शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से विवाद छिपा नहीं है. चंद्रशेखर ने उस समय कार्यालय आना तक छोड़ दिया था. मुख्यमंत्री आवास में नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री और केके पाठक के बीच विवाद को सुलझाने की कोशिश भी की थी लेकिन सफलता नहीं मिली.

पाठक के मुरीद रहे हैं नीतीश: बाद में नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया और फिर एनडीए के साथ सरकार बना ली लेकिन केके पाठक तब भी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बने रहे. बाद में गर्मी के दौरान छुट्टी को लेकर सरकार के हस्तक्षेप से नाराज हो गए और खुद लंबी छुट्टी पर चले गए. जब नहीं माने तो सरकार को मजबूरी में केके पाठक का तबादला करना पड़ा.

राजभवन से भी रहा विवाद: केके पाठक का राज भवन के साथ विवाद भी लंबा चला. केके पाठक के रवैया पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी. उस समय विश्वविद्यालय को राशि नहीं देने को लेकर भी विवाद हुआ था. मामला यहां तक पहुंच गया है कि शिक्षा विभाग की ओर से बुलाई गई बैठक में राजभवन के तरफ से कुलपतियों को जाने से मना कर दिया गया. वहीं केके पाठक भी राजभवन की किसी बैठक में शामिल नहीं हुए.

तबादले के बाद भी नहीं की ज्वाइन: स्कूल के समय को लेकर भी काफी विवाद हुआ था. कुल मिलाकर देखें तो जब से शिक्षा विभाग की जिम्मेवारी संभाली थी, तब से केके पाठक विवादों में थे. हालांकि शिक्षा विभाग ने उस दौरान बड़ी संख्या में नौकरी भी बांटा. दूसरी तरफ स्कूलों में पढ़ाई भी बेहतर हुई और बच्चों का अटेंडेंस भी बढ़ा. एक समय तो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की भी चर्चा होने लगी थी, एनओसी भी मिल गया था लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा.

पटना: नीतीश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक का फिर से तबादला कर दिया है. उनको राजस्व पर्षद का अध्यक्ष बनाया गया है. वह शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर लगभग एक साल तक रहे. इस दौरान कई तरह के विवादों में भी रहे. खासकर राजभवन के साथ विवाद भी खूब चर्चा में रहा. पटना डीएम के साथ विवाद भी किसी से छिपा नहीं है. स्कूल में छुट्टी को लेकर उनकी सरकार से भी नाराजगी रही और इसी कारण अचानक छुट्टी पर भी चले गए और मनाने पर भी नहीं माने.

केके पाठक का फिर तबादला: 13 जून को नीतीश सरकार ने केके पाठक का तबादला शिक्षा विभाग से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर कर दिया था लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में भी केके पाठक ने ज्वाइनिंग नहीं दी. वह लगातार अपनी छुट्टी बढ़ाते रहे. आखिरकार सरकार को केके पाठक का फिर से तबादला करना पड़ा है. हालांकि उनके कामकाज की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार तारीफ करते रहे हैं.

शिक्षा मंत्री से चला था संघर्ष: जब नीतीश कुमार महागठबंधन की सरकार चला रहे थे, तब भी शिक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में उन्होंने केके पाठक की खूब तारीफ की थी. हालांकि पाठक का तत्कालीन शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से विवाद छिपा नहीं है. चंद्रशेखर ने उस समय कार्यालय आना तक छोड़ दिया था. मुख्यमंत्री आवास में नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री और केके पाठक के बीच विवाद को सुलझाने की कोशिश भी की थी लेकिन सफलता नहीं मिली.

पाठक के मुरीद रहे हैं नीतीश: बाद में नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया और फिर एनडीए के साथ सरकार बना ली लेकिन केके पाठक तब भी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बने रहे. बाद में गर्मी के दौरान छुट्टी को लेकर सरकार के हस्तक्षेप से नाराज हो गए और खुद लंबी छुट्टी पर चले गए. जब नहीं माने तो सरकार को मजबूरी में केके पाठक का तबादला करना पड़ा.

राजभवन से भी रहा विवाद: केके पाठक का राज भवन के साथ विवाद भी लंबा चला. केके पाठक के रवैया पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी. उस समय विश्वविद्यालय को राशि नहीं देने को लेकर भी विवाद हुआ था. मामला यहां तक पहुंच गया है कि शिक्षा विभाग की ओर से बुलाई गई बैठक में राजभवन के तरफ से कुलपतियों को जाने से मना कर दिया गया. वहीं केके पाठक भी राजभवन की किसी बैठक में शामिल नहीं हुए.

तबादले के बाद भी नहीं की ज्वाइन: स्कूल के समय को लेकर भी काफी विवाद हुआ था. कुल मिलाकर देखें तो जब से शिक्षा विभाग की जिम्मेवारी संभाली थी, तब से केके पाठक विवादों में थे. हालांकि शिक्षा विभाग ने उस दौरान बड़ी संख्या में नौकरी भी बांटा. दूसरी तरफ स्कूलों में पढ़ाई भी बेहतर हुई और बच्चों का अटेंडेंस भी बढ़ा. एक समय तो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की भी चर्चा होने लगी थी, एनओसी भी मिल गया था लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा.

ये भी पढ़ें:

यहां जानिए केके पाठक की जगह किसे मिला राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का प्रभार - KK Pathak

शिक्षा विभाग से हटाए गए केके पाठक, अब राजस्व व भूमि सुधार विभाग की संभालेंगे जिम्मेदारी - KK Pathak Transfer

'केके पाठक से नाराज थे शिक्षक, हिंदू की छुट्टियों को काट रहे थे', ये क्या बोल गए BJP MLC - Jiwan Kumar

'केके पाठक की मानसिक हालत ठीक नहीं, मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती कराने की जरूरत'- बोले, BJP MLC - Uproar over KK Pathak

Last Updated : Jul 4, 2024, 10:00 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.