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चांदनी चौक के किनारी बाजार में कलीरों का ब्राइडल कलेक्शन, यहां से शॉपिंग आपकी शादी में लगाएगी चार चांद - KALIRE ENHANCING BEAUTY OF BRIDE

दुल्हन की खूबसूरती बढ़ाने में कलीरों का है रोल, 500 से 6000 रुपए तक की डिजाइनर कलीरें उपलब्ध.

बाजार में तरह-तरह के कलीरा की वेराइटी है उपलब्ध
बाजार में तरह-तरह के कलीरा की वेराइटी है उपलब्ध (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 26, 2024, 6:19 AM IST

नई दिल्ली: भारत में शादियां सिर्फ समारोह नहीं हैं, वे सार्थक पवित्र अनुष्ठानों और साझा भावनाओं के उत्सव हैं. ऐसी ही एक आनंददायक रस्म है कलीरा समारोह. जो पंजाबी शादियों का एक मुख्य हिस्सा है और अब लगभग सभी उत्तर भारतीय शादियों में एक रिवाज़ है. शादी के हर सामान की तरह, दुल्हनें अपने कलीरे का चयन सावधानी से करती हैं ताकि वे गलियारे में चलते समय सबसे खास दिखें. पारंपरिक सोने की थीम वाली कलीरे चूड़ियों से लेकर अनोखे आधुनिक कलीरे सभी तरह की कलीरें बाजार में उपलब्ध हैं. कलीरे दुल्हन की खूबसूरती बढ़ाने के अलावा धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं.

दुल्हन की खूबसूरती बढ़ाने वाली कलीरें : राजधानी के बाजारों में डिजाइनर कलीरे बिक रहे हैं. ऐतिहासिक चांदनी चौक के किनारी बाजार में कई आकर्षक कलीरों की बिक्री करने वाले और किनारी बाजार मार्केट एसोसिएशन के प्रधान प्रदीप जैन ने बताया कि शादी की अलग-अलग परंपराओं के मुताबिक, इसमें कई रस्में निभाई जाती हैं, जिस तरह हिंदू धर्म में 7 फेरे लेने की रस्म है, जिस तरह मुस्लिम समुदाय में निकाह का रिवाज़ है, उसी तरह पंजाबी समुदाय के लोग भी कलीरा समारोह को काफी शिद्दत से मानते हैं.

बाजारों में डिजाइनर कलीरों की एक से एक वैराइटी उपलब्ध (ETV BHARAT)

पंजाबी शादी की बेहद दिलचस्प रस्म है कलीरा समारोह: पंजाबी शादी की एक रस्म बेहद ही दिलचस्प और सबसे हटकर है. इस पंजाबी रस्म के मुताबिक शादी में दुल्हन कलीरे पहनती हैं. मान्यता है शादी के बाद दुल्हन अपनी अविवाहित छोटी बहनों के ऊपर इसको झाड़ती हैं. जिसके ऊपर भी वह टूट कर गिर जाता है. मतलब अगली शादी उनकी होगी.

बाजार में तरह-तरह के कलीरा की वैराइटी है उपलब्ध : पहले केवल पंजाबी समुदाय की शादियों में ब्राइडल कलीरे पहनती थी. लेकिन अब यह फैशन बन गया है. अब हर वर्ग, समुदाय और धर्म की दुल्हन कलीरे पहनती हैं. पहले बाजार में केवल ट्रेडिशनल कलीरे बिकते थे, जो आसानी से टूट जाते हैं. वहीं, अब ब्राइडल भारी और डिजाइनर कलीरे मांगती हैं. इसके अलावा लहंगे की मैचिंग के कलीरे भी मांगती हैं. ब्राइडल की डिमांड के आधार पर कलीरे की लंबाई भी बढ़ जाती है.

कलीरा की बाजार में कीमत : प्रदीप आगे बताते हैं कि कलीरो को मेटल से तैयार किया जाता है. इसके बाद इसको नग, मोती, मीना आदि आकर्षक सजावट की चीजों से डेकोरेट किया जाता है. बाजार में सबसे सस्ते कलीरे की कीमत 500 रुपए है. वहीं डिजाइन और लंबाई के आधार पर इसकी कीमत भी बढ़ती जाती हैं. फिलहाल उनके पास सब से महंगे लकीरें की कीमत 6000 रुपए है.

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नई दिल्ली: भारत में शादियां सिर्फ समारोह नहीं हैं, वे सार्थक पवित्र अनुष्ठानों और साझा भावनाओं के उत्सव हैं. ऐसी ही एक आनंददायक रस्म है कलीरा समारोह. जो पंजाबी शादियों का एक मुख्य हिस्सा है और अब लगभग सभी उत्तर भारतीय शादियों में एक रिवाज़ है. शादी के हर सामान की तरह, दुल्हनें अपने कलीरे का चयन सावधानी से करती हैं ताकि वे गलियारे में चलते समय सबसे खास दिखें. पारंपरिक सोने की थीम वाली कलीरे चूड़ियों से लेकर अनोखे आधुनिक कलीरे सभी तरह की कलीरें बाजार में उपलब्ध हैं. कलीरे दुल्हन की खूबसूरती बढ़ाने के अलावा धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं.

दुल्हन की खूबसूरती बढ़ाने वाली कलीरें : राजधानी के बाजारों में डिजाइनर कलीरे बिक रहे हैं. ऐतिहासिक चांदनी चौक के किनारी बाजार में कई आकर्षक कलीरों की बिक्री करने वाले और किनारी बाजार मार्केट एसोसिएशन के प्रधान प्रदीप जैन ने बताया कि शादी की अलग-अलग परंपराओं के मुताबिक, इसमें कई रस्में निभाई जाती हैं, जिस तरह हिंदू धर्म में 7 फेरे लेने की रस्म है, जिस तरह मुस्लिम समुदाय में निकाह का रिवाज़ है, उसी तरह पंजाबी समुदाय के लोग भी कलीरा समारोह को काफी शिद्दत से मानते हैं.

बाजारों में डिजाइनर कलीरों की एक से एक वैराइटी उपलब्ध (ETV BHARAT)

पंजाबी शादी की बेहद दिलचस्प रस्म है कलीरा समारोह: पंजाबी शादी की एक रस्म बेहद ही दिलचस्प और सबसे हटकर है. इस पंजाबी रस्म के मुताबिक शादी में दुल्हन कलीरे पहनती हैं. मान्यता है शादी के बाद दुल्हन अपनी अविवाहित छोटी बहनों के ऊपर इसको झाड़ती हैं. जिसके ऊपर भी वह टूट कर गिर जाता है. मतलब अगली शादी उनकी होगी.

बाजार में तरह-तरह के कलीरा की वैराइटी है उपलब्ध : पहले केवल पंजाबी समुदाय की शादियों में ब्राइडल कलीरे पहनती थी. लेकिन अब यह फैशन बन गया है. अब हर वर्ग, समुदाय और धर्म की दुल्हन कलीरे पहनती हैं. पहले बाजार में केवल ट्रेडिशनल कलीरे बिकते थे, जो आसानी से टूट जाते हैं. वहीं, अब ब्राइडल भारी और डिजाइनर कलीरे मांगती हैं. इसके अलावा लहंगे की मैचिंग के कलीरे भी मांगती हैं. ब्राइडल की डिमांड के आधार पर कलीरे की लंबाई भी बढ़ जाती है.

कलीरा की बाजार में कीमत : प्रदीप आगे बताते हैं कि कलीरो को मेटल से तैयार किया जाता है. इसके बाद इसको नग, मोती, मीना आदि आकर्षक सजावट की चीजों से डेकोरेट किया जाता है. बाजार में सबसे सस्ते कलीरे की कीमत 500 रुपए है. वहीं डिजाइन और लंबाई के आधार पर इसकी कीमत भी बढ़ती जाती हैं. फिलहाल उनके पास सब से महंगे लकीरें की कीमत 6000 रुपए है.

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