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अब कारगिल के लिए शुरू होगी निगम की बस सेवा, सैनिकों और लोगों को मिलेगी आवाजाही की सुविधा - kargil bus service - KARGIL BUS SERVICE

हिमाचल परिवहन निगम अब मनाली से कारगिल के पदुम तक बस सेवा शुरू करेगा. यह रूट करीब 180 किलोमीटर लंबा है. इसमें 100 किलोमीटर कच्ची सड़क है, जिसे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बड़े वाहनों के लिए तैयार किया है. भारत का सीमावर्ती क्षेत्र होने के चलते एचआरटीसी की बस सेवा शुरू होने से यहां तैनात सैनिकों और लोगों को आवाजाही की सुविधा मिलेगी और पर्यटन के लिए भी यह बस सेवा महत्वपूर्ण है.

KULLU HRTC BUS
एचआरटीसी ने केलंग कारगिल के लिए किया बस ट्रायल (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 1:35 PM IST

केलांग: हिमाचल परिवहन निगम को दुनिया के सबसे ऊंचे बस रूट दिल्ल-लेह मार्ग पर बस सेवा चलाने का गौरव प्राप्त है. वहीं, अब परिवहन निगम एक और कीर्तिमान को छूने जा रहा है. हिमाचल प्रदेश एचआरटीसी अब मनाली से कारगिल के पदुम तक भी बस सेवा शुरू करेगा. इस बस सेवा के शुरू होने से जांस्कर, पदुम, कारगिल जाने वाले लोगों को काफी आसानी होगी. इससे पहले यहां के लोगों को श्रीनगर होते हुए कारगिल पहुंचना पड़ता था और गर्मियों में मनाली से लेह होते हुए उन्हें कारगिल का रुख करना पड़ता था.

अब निगम की बस सेवा शुरू होने से लोग कम समय में कारगिल के पदम तक पहुंच पाएंगे और उन्हें टैक्सियों के महंगे सफर से भी निजात मिलेगी. एचआरटीसी केलांग का इस रूट पर बस ट्रायल सफल रहा है. अब निगम इस रूट पर बस का किराया तय करेगा और जल्द ही इस बस सेवा को शुरू कर दिया जाएगा. निगम प्रबंधन ने 37 सीटर बस को बीती सुबह छह बजे ट्रायल के लिए रवाना किया था. यह बस समुद्र तल से 16 हजार 580 फीट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रा को पार कर दोपहर बाद पदुम पहुंची.

जम्मू कश्मीर का पदुम इलाका कारगिल जिले का हिस्सा है. वही, इस बस में चालक मनोज कुमार, परिचालक आयुष ठाकुर, क्षेत्रीय प्रबंधक केलंग राधा देवी, कार्यकारी प्रबंधक कुल्लू आयुष उपाध्याय, निरीक्षक मान चंद, वरिष्ठ लेखा परीक्षक उमेश शर्मा सवार थे. उन्होंने पदुम पहुंचने पर एसडीएम रोमिल सिंह से मुलाकात कर बस के सफल ट्रायल के बारे में बताया. वहीं, उन्होंने बताया कि इस बस को शीघ्र नियमित रूट पर चलाया जाएगा. हालांकि अभी दो से तीन और ट्रायल किए जाएंगे. इसके बाद बस का किराया तय किया जाएगा.

यह रूट करीब 180 किलोमीटर लंबा है. इसमें 100 किलोमीटर कच्ची सड़क है, जिसे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बड़े वाहनों के लिए तैयार किया है. भारत का सीमावर्ती क्षेत्र होने के चलते एचआरटीसी की बस सेवा शुरू होने से यहां तैनात सैनिकों और लोगों को आवाजाही की सुविधा मिलेगी और पर्यटन के लिए भी यह बस सेवा महत्वपूर्ण है.

एचआरटीसी के एमडी रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि केलांग से पदुम के लिए एचआरटीसी की बस का पहला ट्रायल वीरवार को किया गया है. ट्रायल सफल रहा है. 37 सीटर बस ट्रायल के लिए भेजी गई थी. बस को दोबारा ट्रायल पर भेजा जाएगा. ट्रायल पूरा होने के बाद किराया तय कर बस नियमित रूप से चलाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: बिलासपुर में कोर्ट परिसर के बाहर फायरिंग, गोली लगने से सौरभ पटियाल की हालत गंभीर, लुधियाना का शूटर गिरफ्तार

केलांग: हिमाचल परिवहन निगम को दुनिया के सबसे ऊंचे बस रूट दिल्ल-लेह मार्ग पर बस सेवा चलाने का गौरव प्राप्त है. वहीं, अब परिवहन निगम एक और कीर्तिमान को छूने जा रहा है. हिमाचल प्रदेश एचआरटीसी अब मनाली से कारगिल के पदुम तक भी बस सेवा शुरू करेगा. इस बस सेवा के शुरू होने से जांस्कर, पदुम, कारगिल जाने वाले लोगों को काफी आसानी होगी. इससे पहले यहां के लोगों को श्रीनगर होते हुए कारगिल पहुंचना पड़ता था और गर्मियों में मनाली से लेह होते हुए उन्हें कारगिल का रुख करना पड़ता था.

अब निगम की बस सेवा शुरू होने से लोग कम समय में कारगिल के पदम तक पहुंच पाएंगे और उन्हें टैक्सियों के महंगे सफर से भी निजात मिलेगी. एचआरटीसी केलांग का इस रूट पर बस ट्रायल सफल रहा है. अब निगम इस रूट पर बस का किराया तय करेगा और जल्द ही इस बस सेवा को शुरू कर दिया जाएगा. निगम प्रबंधन ने 37 सीटर बस को बीती सुबह छह बजे ट्रायल के लिए रवाना किया था. यह बस समुद्र तल से 16 हजार 580 फीट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रा को पार कर दोपहर बाद पदुम पहुंची.

जम्मू कश्मीर का पदुम इलाका कारगिल जिले का हिस्सा है. वही, इस बस में चालक मनोज कुमार, परिचालक आयुष ठाकुर, क्षेत्रीय प्रबंधक केलंग राधा देवी, कार्यकारी प्रबंधक कुल्लू आयुष उपाध्याय, निरीक्षक मान चंद, वरिष्ठ लेखा परीक्षक उमेश शर्मा सवार थे. उन्होंने पदुम पहुंचने पर एसडीएम रोमिल सिंह से मुलाकात कर बस के सफल ट्रायल के बारे में बताया. वहीं, उन्होंने बताया कि इस बस को शीघ्र नियमित रूट पर चलाया जाएगा. हालांकि अभी दो से तीन और ट्रायल किए जाएंगे. इसके बाद बस का किराया तय किया जाएगा.

यह रूट करीब 180 किलोमीटर लंबा है. इसमें 100 किलोमीटर कच्ची सड़क है, जिसे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बड़े वाहनों के लिए तैयार किया है. भारत का सीमावर्ती क्षेत्र होने के चलते एचआरटीसी की बस सेवा शुरू होने से यहां तैनात सैनिकों और लोगों को आवाजाही की सुविधा मिलेगी और पर्यटन के लिए भी यह बस सेवा महत्वपूर्ण है.

एचआरटीसी के एमडी रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि केलांग से पदुम के लिए एचआरटीसी की बस का पहला ट्रायल वीरवार को किया गया है. ट्रायल सफल रहा है. 37 सीटर बस ट्रायल के लिए भेजी गई थी. बस को दोबारा ट्रायल पर भेजा जाएगा. ट्रायल पूरा होने के बाद किराया तय कर बस नियमित रूप से चलाई जाएगी.

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