शिमला: सरकारी बस में मोबाइल में डिबेट सुनने को लेकर पहले एचआरटीसी बस ड्राइवर और कंडक्टर को कारण बताओं नोटिस भेजा गया. ये नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सुक्खू सरकार की फजीहत हुई. इस नोटिस को लेकर बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. वहीं, अब मामले में एचआरटीसी एमडी ने सफाई दी. उन्होंने कहा ड्राइवर और कंडक्टर पर कोई कार्रवाई भी नहीं होगी.
हिमाचल पथ परिवहन निगम में तैनात ड्राइवर और कंडक्टर को उप मंडलीय प्रबंधक की ओर से एक 'अनोखा' नोटिस जारी किया गया. एचआरटीसी में तैनात ड्राइवर टेक राज और कंडक्टर शेष राम को एक शिकायत का आधार पर नोटिस जारी किया गया. इसकी शिकायत सैमुअल प्रकाश नाम के शख्स ने मुख्यमंत्री के अवर सचिव को की थी. यह शिकायत मुख्यमंत्री के अवर सचिव को 5 नवंबर को मिली थी. हालांकि, अब इस मामले में कार्रवाई न करने की भी बात कही गई है.
हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने कहा, "ड्राइवर और कंडक्टर पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होगी. यह नोटिस ढली उप मंडलीय प्रबंधक की ओर से जारी किया गया था. उन्हें व्यक्तिगत तौर पर यह समझा दिया गया है कि नोटिस देते हुए भाषा शैली का ध्यान रखा जाए. जो शिकायत मिली है, वह भी पूरी तरह निराधार है. इस तरह की शिकायत का कोई औचित्य नहीं बनता. ऐसे में ड्राइवर और कंडक्टर पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होगी. बस में जो ऑडियो सुना जा रहा था, वह यात्री के निजी मोबाइल पर चल रहा था न कि उसे बस में लगाया गया था. ऐसे में इस पूरे मामले में ड्राइवर और कंडक्टर की कोई गलती नहीं है".
गौरतलब है कि एचआरटीसी बस में मोबाइल में डिबेट के दौरान राहुल गांधी सहित इंडी गठबंधन के खिलाफ दुष्प्रचार सुनने के मामले में ड्राइवर और कंडक्टर के जवाब के बाद जांच को निरस्त कर दिया गया है. प्रारंभिक जांच में निगम प्रबंधन ने पाया कि परिवहन निगम की बस में ऐसा कोई ऑडियो नहीं बजाया गया था. वहीं, शिकायतकर्ता भी निगम प्रबंधन को बस में राहुल गांधी के दुष्प्रचार वाला कोई ऑडियो बजाने का सबूत भी नहीं दे पाया.
बता दें कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ऑडियो बजाने के मामले में एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी. शिकायतकर्ता का आरोप था कि शिमला से संजौली रूट पर चल रही बस में राहुल गांधी के खिलाफ दुष्प्रचार का आडियो बजाया गया था. मुख्यमंत्री कार्यालय से इस बारे में पथ परिवहन निगम को जांच करने के आदेश दिए गए. इन आदेशों के बाद पथ परिवहन प्रबंधन ने चालक परिचालक से जवाब तलब किया था. अब चालक परिचालक के जवाब के बाद एचआरटीसी प्रबंधन ने जांच निरस्त कर दी है.