शिमला: हिमाचल प्रेदश की सीमा ठाकुर ने एचआरटीसी में पहली महिला बस ड्राइवर चालक बनने का गौरव हासिल किया था. इसके साथ ही सीमा ठाकुर पहली महिला बस चालक हैं, जिन्होंने एचआरटीसी वोल्वो बस का स्टीयरिंग थामा है. इन दिनों सीमा ठाकुर लंबी छुट्टी पर हैं. इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की पोस्ट वायरल हो रही है. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि सीमा ठाकुर को विभाग ने जानबूझकर घर बिठा दिया है. अब इस मामले पर एचआरटीसी ने अपना पक्ष रखा है.
एचआरटीसी के कार्यकारी निदेशक मुरारी लाल ने कहा कि, 'ये बड़े गर्व की बात है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम में सीमा ठाकुर पहली महिला चालक के रूप में कार्यरत हैं, सीमा ठाकुर ने 05 मई 2016 को शिमला लोकल यूनिट में बतौर चालक अपनी सेवाएं शुरू की थी. इसके बाद परिवहन निगम ने उन्हें वोल्वो प्रशिक्षण के लिए 17 से 21 अक्टूबर 2022 तक बेंगलुरु में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में भेजा. प्रशिक्षण के बाद उनकी इच्छा के अनुरूप उन्हें वोल्वो बस में चालक के रूप में तैनात किया गया. हालांकि, वोल्वो बस संचालन के दौरान उनसे दो गंभीर दुर्घटनाएं और दो अन्य लापरवाही से संबंधित मामले सामने आए, जो स्पष्ट रूप से उनकी कार्यशैली में लापरवाही को दर्शाते हैं. यह सभी मामले यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े हैं, जिन्हें किसी भी परिस्थिति में अनदेखा नहीं किया जा सकता.'
एचआरटीसी ने नहीं किया निलंबित
एचआरटीसी के कार्यकारी निदेशक मुरारी लाल ने कहा कि, 'सामान्य परिस्थितियों में इस प्रकार की लापरवाही के मामलों में चालकों को निलंबित किया जाता है. हालांकि, विभाग ने महिला कर्मचारी होने के मद्देनजर नरम रुख अपनाते हुए उन्हें निलंबित नहीं किया. हम महिला कर्मचारियों और महिला सशक्तीकरण को हर स्तर पर प्रोत्साहित करते हैं. हालांकि, एक आदर्श कर्मचारी के रूप में हर कर्मचारी के कुछ कर्तव्य भी होते हैं. जनता की सुरक्षा से समझौता करते हुए किसी विशेष व्यक्ति या कर्मचारी को अनुचित लाभ देना उचित नहीं है. परिणामस्वरूप, उन्हें 8 जुलाई, 2024 को शिमला स्थानीय क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया और स्थानीय बस सेवाओं में चालक ड्यूटी पर तैनात किया गया.'
'छुट्टी के बाद ड्यूटी पर नहीं लौटी सीमा ठाकुर'
एचआरटीसी निदेशक मुरारी लाल ने कहा कि, 'स्थानांतरण के उपरांत सीमा ठाकुर ने स्थानीय क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई. विभाग ने उन्हें एक माह का अवकाश प्रदान किया, जिसकी अवधि 01 अक्टूबर, 2024 को समाप्त हो चुकी है. इसके बाद उन्होंने न तो अपनी ड्यूटी पर उपस्थिति दर्ज करवाई है और न ही विभाग के समय-समय पर भेजे गए पंजीकृत डाक नोटिसों का उत्तर दिया है. विभाग ने अब तक नरम रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ सेवा नियमों के तहत अनुपस्थित रहने पर कोई कार्रवाई नहीं की है, लेकिन सोशल मीडिया पर गलत तथ्य वायरल हो रहे हैं.
क्या है सोशल मीडिया का दावा
सोशल मीडिया पर सीमा ठाकुर के मामले में सरकार को महिला विरोधी बताते हुए कहा जा रहा है कि, 'सीमा ठाकुर को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. पहले सरकार में HAS ऑफिसर ओशिन शर्मा की प्रसिद्धि से चिढ़कर उनपर कई तरह के आरोप लगाकर उन्हें तहसीलदार के पद हटाकर भाषा विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया. ठीक ऐसे ही सीमा ठाकुर को लोकल रूट से हटाकर वॉल्वो बस थमाकर कटरा-शिमला रूट पर भेज दिया. GPS से उनका रास्ता थोड़ा भटका, जो किसी का भी भटक सकता है, तो इन्हें बिना किसी कसूर के घर बिठा दिया गया. अब सीमा ठाकुर बिना किसी जांच के पिछले छह महीनों से घर बैठी हैं. मंत्री लोग अपनी खुद की बेटियों के लिए संजीदा हैं, लेकिन गरीब घर की बेटियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है.'
कौन हैं सीमा ठाकुर
सोलन जिले के अर्की की सीमा ठाकुर बीते कई सालों सालों से एचआरटीसी में बतौर चालक सेवाएं दे रही हैं. सीमा ने कोटशेरा कॉलेज से बीए के बाद विश्वविद्यालय से एमए की है. सीमा के पिता भी एचआरटीसी में ही चालक थे. पिता के साथ बस में सफर के दौरान ही सीमा को बस चलाने का शौक पैदा हुआ. 5 मई 2016 को एचआरटीसी में बतौर चालक ज्वाइनिंग देने के बाद भी उन्हें बस न देकर टैक्सी चलाने को दी गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और उनकी मेहनत ही है कि फरवरी 2018 में उन्हें एचआरटीसी की बस शिमला से सोलन के लिए चलाने को दी गई. सीमा पहली एचआरटीसी महिला बस चालक हैं, जिन्हें इंटरस्टेट रूट पर बस चलाने का अनुभव है.