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जम्मू कश्मीर: कुलगाम मुठभेड़ में 10 लाख का इनामी हिजबुल कमांडर फारूक ढेर, प्रवासी श्रमिकों की हत्या में था शामिल - SECURITY FORCES DOWN HIZB COMMANDER

कुलगाम में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन का दस लाख का इनामी कमांडर फारूक अहमद मारा गया है.

Hizbul commander Farooq, carrying a bounty of Rs 10 lakh, killed in Kulgam encounter
कुलगाम मुठभेड़ में 10 लाख का इनामी हिजबुल कमांडर फारूक ढेर (iIANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

श्रीनगर: दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी को मार गिराने में सफलता मिली है. बताया जाता है कि हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी और सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले आतंकवादी कमांडर को ढेर कर दिया गया है.

उसे फारूक अहमद उर्फ ​​नाली जिसे उमर के नाम से भी जाना जाता था. उमर को अपने चार आतंकवादी साथियों के साथ अपने गृहनगर में भोर से पहले हुई मुठभेड़ में मार गिराया गया. उस पर 10 लाख रुपये का इनाम था. कुलगाम के बेहीबाग के कद्देर गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना द्वारा संयुक्त रूप से आतंकवाद रोधी अभियान शुरू किया गया था.

जुलाई के बाद से हिजबुल आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है, जिसमें सुरक्षा बलों ने कुलगाम जिले में चार आतंकवादियों को एक ही बार में मार गिराया था. लेकिन प्रवासी श्रमिकों की टॉरगेट किलिंग सहित कई मामलों में मुख्य आरोपी नाली की हत्या को संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. वह लंबे समय से सुरक्षा बलों से बच रहा था.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ने उसके माध्यम से दक्षिण कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया. मृत आतंकवादी गैर-स्थानीय लोगों और नागरिकों पर हमला करने का मुख्य आरोपी बताया गया था. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पिछले पांच वर्षों में कश्मीर में गैर-स्थानीय प्रवासी श्रमिकों और कश्मीरी पंडितों की चुनिंदा हत्याएं हुई हैं.

ऐसे ही एक मामले का हवाला देते हुए, पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के निर्देश पर काम कर रहे नाली ने मार्च 2022 में कुलगाम के अडूरा में सरपंच शब्बीर अहमद मीर की उनके घर के अंदर हत्या करवा दी थी. उसने अपने सहयोगियों के माध्यम से योजना को तेजी से अंजाम दिया, जिन्हें बाद में पुलिस ने पकड़ लिया था. 2015 में आतंकवादी बनने के बाद से वह फरार था. उसके घर पर पिछले साल जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 2019 में पांच गैर-स्थानीय श्रमिकों की हत्या के सिलसिले में छापा मारा था.

मारे गए व्यक्ति को ए प्लस प्लस श्रेणी में रखा गया था, उसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम था. इस बारे में जम्मू-कश्मीर पुलिस के उप महानिरीक्षक (DIG) दक्षिण कश्मीर जाविद इकबाल मट्टू ने पांच आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि की, लेकिन अभी तक पहचान उजागर नहीं की. उनके अनुसार, आतंकवाद रोधी अभियान अभी भी जारी है और आतंकवादियों के शव बरामद किए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में मुठभेड़ में 5 आतंकी ढेर, तलाशी अभियान जारी

श्रीनगर: दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी को मार गिराने में सफलता मिली है. बताया जाता है कि हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी और सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले आतंकवादी कमांडर को ढेर कर दिया गया है.

उसे फारूक अहमद उर्फ ​​नाली जिसे उमर के नाम से भी जाना जाता था. उमर को अपने चार आतंकवादी साथियों के साथ अपने गृहनगर में भोर से पहले हुई मुठभेड़ में मार गिराया गया. उस पर 10 लाख रुपये का इनाम था. कुलगाम के बेहीबाग के कद्देर गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना द्वारा संयुक्त रूप से आतंकवाद रोधी अभियान शुरू किया गया था.

जुलाई के बाद से हिजबुल आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है, जिसमें सुरक्षा बलों ने कुलगाम जिले में चार आतंकवादियों को एक ही बार में मार गिराया था. लेकिन प्रवासी श्रमिकों की टॉरगेट किलिंग सहित कई मामलों में मुख्य आरोपी नाली की हत्या को संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. वह लंबे समय से सुरक्षा बलों से बच रहा था.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ने उसके माध्यम से दक्षिण कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया. मृत आतंकवादी गैर-स्थानीय लोगों और नागरिकों पर हमला करने का मुख्य आरोपी बताया गया था. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पिछले पांच वर्षों में कश्मीर में गैर-स्थानीय प्रवासी श्रमिकों और कश्मीरी पंडितों की चुनिंदा हत्याएं हुई हैं.

ऐसे ही एक मामले का हवाला देते हुए, पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के निर्देश पर काम कर रहे नाली ने मार्च 2022 में कुलगाम के अडूरा में सरपंच शब्बीर अहमद मीर की उनके घर के अंदर हत्या करवा दी थी. उसने अपने सहयोगियों के माध्यम से योजना को तेजी से अंजाम दिया, जिन्हें बाद में पुलिस ने पकड़ लिया था. 2015 में आतंकवादी बनने के बाद से वह फरार था. उसके घर पर पिछले साल जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 2019 में पांच गैर-स्थानीय श्रमिकों की हत्या के सिलसिले में छापा मारा था.

मारे गए व्यक्ति को ए प्लस प्लस श्रेणी में रखा गया था, उसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम था. इस बारे में जम्मू-कश्मीर पुलिस के उप महानिरीक्षक (DIG) दक्षिण कश्मीर जाविद इकबाल मट्टू ने पांच आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि की, लेकिन अभी तक पहचान उजागर नहीं की. उनके अनुसार, आतंकवाद रोधी अभियान अभी भी जारी है और आतंकवादियों के शव बरामद किए जा रहे हैं.

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