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सरकार से अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे सरकारी कर्मचारी, 10 सितंबर से आकस्मिक अवकाश का ऐलान - HP Secretariat Employees Union

डीए और एरियर किस्त ना मिलने को लेकर सरकार और कर्मचारियों के बीच गतिरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. कर्मचारी संगठनों ने दो टूक चेतावनी दी है कि अब भी अगर सरकार की नींद नहीं टूटी तो विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त होते ही कर्मचारी कैजुअल लीव पर चले जाएंगे. वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार पर कर्मचारियों की देनदारी लगातार बढ़ रही है.

ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन
ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 22, 2024, 5:58 PM IST

Updated : Aug 22, 2024, 7:45 PM IST

कर्मचारियों की सरकार को चेतावनी (ETV BHARAT)

शिमला: हिमाचल में डीए और एरियर सहित अन्य मांगों को लेकर कल सरकार पर फिर से कर्मचारियों को गुस्सा फूटेगा. सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के प्रांगण में 21 अगस्त को हुए जरनल हाउस में कर्मचारी संगठनों ने सरकार को वार्ता के लिए गुरुवार तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन इसके बाद भी सरकार ने कर्मचारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के क्लास वन से लेकर क्लास फोर तक के सभी कर्मचारी कल फिर से सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के प्रांगण में एकत्रित होकर सरकार खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.

हिमाचल में डीए और छठे वेतनमान का संशोधित एरियर न मिलने से कर्मचारियों के सब्र का बांध अब टूट चुका है. ऐसे में कर्मचारी संगठनों ने दो टूक चेतावनी दी है कि अब भी अगर सरकार की नींद नहीं टूटी तो विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त होते ही कर्मचारी कैजुअल लीव पर चले जाएंगे, जिसके बाद मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों के पास कोई पानी पिलाने वाला भी नहीं मिलेगा. हिमाचल में स्वतंत्रता दिवस पर लाखों सरकारी कर्मचारियों को आस थी कि देहरा में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू डीए और एरियर को लेकर कोई बड़ी घोषणा करेंगे.

लाखों कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 90 हजार करोड़ के करीब कर्ज में दबी सरकार से कम से कम चार फीसदी डीए की घोषणा कर सकती है, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने संबोधन में न तो चार फीसदी डीए का जिक्र किया और न ही एरियर की घोषणा की गई। हालांकि, इस दौरान सीएम ने 75 साल की उम्र पूरी कर चुके आयु के पेंशनरों के एरियर का पूरा भुगतान करने का ऐलान जरूर किया. वहीं, सीएम ने अन्य कर्मचारियों को अगले साल से चरणबद्ध तरीके से डीए-एरियर के भुगतान की बात कही गई. ऐसे में लाखों कर्मचारियों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

तीन किस्त पेंडिंग, चौथी अब देय
वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार पर कर्मचारियों की देनदारी लगातार बढ़ रही है. इसमें पूर्व हिमाचल दिवस, स्वतंत्रता दिवस या दिवाली के मौके पर कर्मचारियों की देनदारियों को निपटाया जाता रहा है, लेकिन अब कर्ज के बोझ से दबी सरकार का खजाना कर्मचारियों के लिए खाली है. हालत ये है कि प्रदेश सरकार को डीए की तीन किस्त देनी हैं, जिसमें पहली किस्त 1 जनवरी 2023, दूसरी 1 जुलाई 2023 और तीसरी किस्त 1 जनवरी 2024 से दी जानी अभी बाकी है. इस पर अब 1 जुलाई 2024 से चौथी किस्त भी देय हो गई है. यही नहीं कर्मचारियों को अभी छठे वेतनमान का संशोधित एरियर नहीं मिला है, जिससे प्रदेश भर में विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठन अब सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतर गए हैं.

10 सितंबर से कैजुअल लीव पर जाने की चेतावनी

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के चेयरमैन संजीव शर्मा का कहना है कि, 'जरनल हाउस में हमें पूरे प्रदेश के कर्मचारियों का समर्थन मिल रहा है. सचिवालय कर्मचारियों की मांगों सहित डीए और एरियर की मांग सभी कर्मचारी कर रहे है, जिसको लेकर 21 अगस्त को सचिवालय के प्रांगण में जरनल हाउस बुलाया गया था, जिसमें सरकार को वार्ता के लिए एक दिन का समय दिया गया था, लेकिन आज सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया है. ऐसे में कल फिर से जरनल हाउस बुलाया गया है. इसके बाद भी अगर मांगे नहीं मानी जाती है तो पूरे प्रदेश में कर्मचारी 10 सितंबर से मास कैजुअल लीव पर चले जाएंगे.'

ये भी पढ़ें: कांग्रेस का आरोप, "बिक रहा है देश, दो गुजराती बेच रहे और 2 खरीद रहे"

कर्मचारियों की सरकार को चेतावनी (ETV BHARAT)

शिमला: हिमाचल में डीए और एरियर सहित अन्य मांगों को लेकर कल सरकार पर फिर से कर्मचारियों को गुस्सा फूटेगा. सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के प्रांगण में 21 अगस्त को हुए जरनल हाउस में कर्मचारी संगठनों ने सरकार को वार्ता के लिए गुरुवार तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन इसके बाद भी सरकार ने कर्मचारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के क्लास वन से लेकर क्लास फोर तक के सभी कर्मचारी कल फिर से सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के प्रांगण में एकत्रित होकर सरकार खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.

हिमाचल में डीए और छठे वेतनमान का संशोधित एरियर न मिलने से कर्मचारियों के सब्र का बांध अब टूट चुका है. ऐसे में कर्मचारी संगठनों ने दो टूक चेतावनी दी है कि अब भी अगर सरकार की नींद नहीं टूटी तो विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त होते ही कर्मचारी कैजुअल लीव पर चले जाएंगे, जिसके बाद मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों के पास कोई पानी पिलाने वाला भी नहीं मिलेगा. हिमाचल में स्वतंत्रता दिवस पर लाखों सरकारी कर्मचारियों को आस थी कि देहरा में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू डीए और एरियर को लेकर कोई बड़ी घोषणा करेंगे.

लाखों कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 90 हजार करोड़ के करीब कर्ज में दबी सरकार से कम से कम चार फीसदी डीए की घोषणा कर सकती है, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने संबोधन में न तो चार फीसदी डीए का जिक्र किया और न ही एरियर की घोषणा की गई। हालांकि, इस दौरान सीएम ने 75 साल की उम्र पूरी कर चुके आयु के पेंशनरों के एरियर का पूरा भुगतान करने का ऐलान जरूर किया. वहीं, सीएम ने अन्य कर्मचारियों को अगले साल से चरणबद्ध तरीके से डीए-एरियर के भुगतान की बात कही गई. ऐसे में लाखों कर्मचारियों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

तीन किस्त पेंडिंग, चौथी अब देय
वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार पर कर्मचारियों की देनदारी लगातार बढ़ रही है. इसमें पूर्व हिमाचल दिवस, स्वतंत्रता दिवस या दिवाली के मौके पर कर्मचारियों की देनदारियों को निपटाया जाता रहा है, लेकिन अब कर्ज के बोझ से दबी सरकार का खजाना कर्मचारियों के लिए खाली है. हालत ये है कि प्रदेश सरकार को डीए की तीन किस्त देनी हैं, जिसमें पहली किस्त 1 जनवरी 2023, दूसरी 1 जुलाई 2023 और तीसरी किस्त 1 जनवरी 2024 से दी जानी अभी बाकी है. इस पर अब 1 जुलाई 2024 से चौथी किस्त भी देय हो गई है. यही नहीं कर्मचारियों को अभी छठे वेतनमान का संशोधित एरियर नहीं मिला है, जिससे प्रदेश भर में विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठन अब सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतर गए हैं.

10 सितंबर से कैजुअल लीव पर जाने की चेतावनी

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के चेयरमैन संजीव शर्मा का कहना है कि, 'जरनल हाउस में हमें पूरे प्रदेश के कर्मचारियों का समर्थन मिल रहा है. सचिवालय कर्मचारियों की मांगों सहित डीए और एरियर की मांग सभी कर्मचारी कर रहे है, जिसको लेकर 21 अगस्त को सचिवालय के प्रांगण में जरनल हाउस बुलाया गया था, जिसमें सरकार को वार्ता के लिए एक दिन का समय दिया गया था, लेकिन आज सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया है. ऐसे में कल फिर से जरनल हाउस बुलाया गया है. इसके बाद भी अगर मांगे नहीं मानी जाती है तो पूरे प्रदेश में कर्मचारी 10 सितंबर से मास कैजुअल लीव पर चले जाएंगे.'

ये भी पढ़ें: कांग्रेस का आरोप, "बिक रहा है देश, दो गुजराती बेच रहे और 2 खरीद रहे"

Last Updated : Aug 22, 2024, 7:45 PM IST
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