रांची: विधानसभा चुनाव में निराशा हाथ लगने के बाद संवैधानिक पद को छोड़कर झारखंड की राजनीति में वापस लौटे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास इन दिनों सुर्खियों में हैं. पार्टी के अंदर और बाहर रघुवर की राजनीति में इंट्री की चर्चा जगह-जगह हो रही है.
रघुवर दास के बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके समर्थक उत्साहित हैं और उनकी वापसी से पार्टी को मजबूती मिलने का दावा कर रहे हैं. मगर रघुवर की आलोचना करने वाले कहते हैं कि इससे पहले जब प्रदेश अध्यक्ष रघुवर दास थे उस समय हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को सबसे कम महज 18 विधायक से ही संतोष करना पड़ा था. 2019 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री रहते रघुवर दास हार गए थे, ऐसे में ज्यादा उम्मीद करके रखना जल्दबाजी होगी. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा कि मानें तो अभी उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है उनकी भूमिका संगठन के अंदर क्या होती है यह देखना होगा.
फिट एंड फाइटिंग बीजेपी बनाने में जुटे रघुवर
सक्रिय राजनीति में लौटे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पहले दिन से ही अपने पुराने तेवर में दिखे. सदस्यता ग्रहण करने के बाद बीजेपी कार्यालय में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि फिट एंड फाइटिंग बीजेपी बनेगी. कार्यकर्ता संगठन को धारदार बनाने में अपनी पूरी ताकत झोकेंगे और एक बार फिर हम मजबूती के साथ जनता का विश्वास जीतने में सफल होंगे.
रघुवर दास ने कहा कि 1984 में हम दो ही थे, विपक्षी हमारी खिल्ली उड़ाते थे, मगर जनता के आशीर्वाद से आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में भारतीय जनता पार्टी है. अपने आपको एम्बेसडर बताते हुए रघुवर दास ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता एम्बेसडर है जो संगठन और जनता के बीच कड़ी का काम करता है. 2024 के विधानसभा चुनाव परिणाम को भूलने की जरूरत है. अतीत से सबक लेते हुए भविष्य को लेकर तैयारी में कार्यकर्ता जुट जाएंगे.
रघुवर की इंट्री के वक्त चंपाई, अर्जुन मुंडा सरीखे नेता रहे दूर
रघुवर दास के सदस्यता ग्रहण समारोह से पार्टी के कई बड़े नेता दूर रहे. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, सांसद दीपक प्रकाश, सीता सोरेन, गीता कोड़ा, सुदर्शन भगत, समीर उड़ांव सहित कई बड़े चेहरे कार्यक्रम स्थल पर नहीं दिखे. जाहिर तौर पर पार्टी के अंदर इसको लेकर चर्चा बनी रही. हालांकि रघुवर दास के साथ काम करनेवाले कई पुराने नेता जरूर मौजूद रहे जिसमें केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, सीपी सिंह शामिल हैं.
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