अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में बीते दो-तीन दिनों से जंगलों के धधकने का सिलसिला फिर से शुरू हो गया. प्रदेश के अलग-अलग जिलों से वनाग्नि के मामले सामने आ रहे है. कई जगहों पर वनाग्नि बेकाबू होती जा रही है. ऐसा ही एक मामला अल्मोड़ा से सामने आया है. जहां जंगलों की आग रिहायशी इलाके तक पहुंच गई थी, जिसकी चपेट में गांव का एक घर भी आ गया था. जंगल की आग में घर जलकर पूरी तरह के खाक हो गया. फायर ब्रिगेड की टीम ने बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया. इसके अलावा रानीखेत में सेना के रिकॉर्ड रूम तक भी आग पहुंच गई थी.
वनाग्नि ने गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक फिर से तांडव मचना शुरू कर दिया है. बुधवार को भी ऐसा हुआ. अल्मोड़ा के निकट कोसी के स्यूरा पैस्यारी गांव तक जंगल की आग पहुंच गई थी. वनाग्नि की चपेट में भवानी दत्त भट्ट का घर आ गया था. भवानी दत्त भट्ट और उसने परिवार ने घर से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई.
वहीं, आग का विकराल रूप देख ग्रामीणों ने तत्काल मामले की जानकारी फायर ब्रिगेड को दी. सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम ने घटनास्थल पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. अग्निशमन अधिकारी महेश चंद्र ने बताया कि तीन होज पाइप फैलाकर एमएफई से पंपिंग से आग पर पानी डाला गया और उसे फैलने से रोका गया.
वहीं, अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में भी जंगल की आग सेना के रिकॉर्ड ऑफिस के पास तक पहुंच गई थी, जिस पर काबू किया गया. इसके अलावा कनोसा कॉन्वेंट स्कूल और कुमाऊं विहार एमएच के सामने के जंगल सहित अनेक रिहायशी क्षेत्र में आग लगी है. एफएसएसओ वंश नारायण यादव के नेतृत्व में फायर ब्रिगेड की टीम इन इलाकों में भी आग बुझाने में लगी हुई है. वहीं रानीखेत में द्वारसों के जंगल भी आग की चपेट में आ गए. रानीखेत के अग्निशमन अधिकारी वंश नारायण यादव ने बताया कि आग बबरखोला के पास जंगल में लगी थी, जिसे दमकल की टीम ने बुझा दिया है.
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