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लोकसभा चुनाव 2024: सिंहभूम लोकसभा सीट का सफरनामा, यहां के लोगों ने कभी एक पार्टी पर नहीं किया भरोसा, जानिए क्या है इतिहास - सिंहभूम लोकसभा सीट का इतिहास

History of Singhbhum Loksabha Seat. सिंहभूम जिला झारखंड के सबसे पुराने जिलों में से एक है. सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो इसमें सरायकेला, चाईबासा, मझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर और चक्रधरपुर विधानसभा सीटें शामिल हैं. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यह संसदीय लोकसभा क्षेत्र में कभी झारखंड पार्टी का गढ़ हुआ करता था. लेकिन अब यहां के मतदाता किसी एक पार्टी या उम्मीदवार पर लगातार भरोसा नहीं दिखाते हैं. यही वजह है कि इस सीट पर कोई भी पार्टी दावे के साथ जीत का दावा नहीं कर सकती है.

History of Singhbhum Loksabha Seat
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 1, 2024, 3:35 PM IST

Updated : Mar 6, 2024, 8:52 PM IST

रांची: सिंहभूम लोकसभा सीट पर पहली बार 1957 में लोकसभा चुनाव हुए थे. 1952 में देश में पहले लोकसभा चुनाव में सिंहभूम लोक सभा सीट शामिल नहीं थी. 1957 में हुए चुनाव में यहां से झारखंड पार्टी ने जीत दर्ज की. शंभू चरण ने 51.80 मत प्राप्त किया था. जबकि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सीढ़ियां हेंब्रम ने 15.7 फीसदी मत प्राप्त किया था.

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1962 में झारखंड पार्टी ने दर्ज की थी जीत

1962 में हुए लोकसभा चुनाव में झारखंड पार्टी ने ही जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार झारखंड पार्टी ने अपने उम्मीदवार को बदल दिया था. इस बार यहां से हरिचरण सोय ने इस सीट पर जीत दर्ज की. उन्हें कुल 29.6 फ़ीसदी मत मिले थे जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाखों बोथरा को 26.5 फीसदी मत प्राप्त हुए थे.

1967 में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत

1967 के लोकसभा चुनाव में यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के बिरजू ने जीत दर्ज की थी. जिन्हें कुल 21.8 फ़ीसदी मत मिले थे, जबकि भारतीय जनसंघ को 19.3, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 16.7 और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को 16.5 फ़ीसदी वोट प्राप्त हुए थे.

1971 में फिर जीती झारखंड पार्टी

1971 की हुए लोकसभा चुनाव में ऑल इंडिया झारखंड पार्टी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. इन्हें कुल 38.9 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे. यहां से मोरन सिंह पूर्ति ने जीत दर्ज की थी. जबकि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर देवेंद्र नाथ चैंपियन को 24.3 फीसदी मत प्राप्त हुए थे.

1977 में झारखंड पार्टी ने दर्ज की जीत

1977 की लोकसभा चुनाव में यहां से ऑल इंडिया झारखंड पार्टी ने जीत दर्ज की. हालांकि इस बार ऑल इंडिया झारखंड पार्टी ने अपनी उम्मीदवार का बदलाव किया था. बागुन सुंग्रई को 70 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए थे, जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े मोहन सिंह पूर्ति को 13.5 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए थे.

1980 में जनता पार्टी ने दर्ज की जीत

1980 के लोकसभा चुनाव में सिंहभूम से जनता पार्टी की जीत हुई. यहां से बागुन सुंग्रई ने 31.20 मत प्राप्त कर सीट पर जीत दर्ज की. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आई के खाते में 21.4 फीसदी मत मिले थे.

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1984 में पहली बार जीती कांग्रेस

1984 में पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने सीट पर जीत दर्ज की. जब उन्होंने बागुन सुंग्रई को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से टिकट दिया. इस बार कांग्रेस को 42.6 फ़ीसदी मत यहां प्राप्त हुए. जबकि निर्दलीय के तौर पर देवेंद्र मांझी को 17.7 फीसदी, झारखंड मुक्ति मोर्चा को 8.6 फीसदी और भारतीय जनता पार्टी को 8.3 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए.

1989 में कांग्रेस ने फिर दर्ज की जीत

1989 की लोकसभा चुनाव में भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ही यहां से जीत दर्ज की. बागुन सुंग्रई को 29. 3 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए थे, जबकि जनता दल को 22.4 झारखंड मुक्ति मोर्चा को 22 फीसदी मत प्राप्त हुए थे.

1991 में पहली बार यहां झामुमो ने दर्ज की जीत

1991 के हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीत दर्ज की थी. इस सीट से कृष्णा मरांडी ने 35.30 प्रतिशत मत हासिल कर इस सीट पर कब्जा किया था. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विजय सिंह सोए कोई 21.8 फीसदी और भारतीय जनता पार्टी को 20 फ़ीसदी मत मिले थे.

1996 में पहली बार यहां से जीती बीजेपी

1996 की हुए लोकसभा चुनाव में सिंहभूम सीट से भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की. इस सीट पर चंद्रसेन सिंकू ने जीत दर्ज किया. इन्हें कुल 20.1 फीसदी वोट मिले थे. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को 12.5 और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 11.2 फीसदी रिपोर्ट प्राप्त हुए थे.

1998 में कांग्रेस ने किया कब्जा

1998 की लोकसभा चुनाव में एक बार फिर सिंहभूम सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने कब्जा किया. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विजय सिंह सोय को 35.4 फ़ीसदी वोट मिले. जबकि भारतीय जनता पार्टी को 33.4 फ़ीसदी वोट मिले. झारखंड मुक्ति मोर्चा 23.7 फीसद मत हासिल किए.

1999 में कांग्रेस को मिली हार

1999 की हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ही इस सीट पर जीती. हालांकि इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार को बदला था और लक्ष्मण गिलुआ को इस सीट से मैदान में उतारा था. भारतीय जनता पार्टी को 1999 के चुनाव में कुल 45.9 फीसदी वोट मिले थे, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 30.9 और झारखंड मुक्ति मोर्चा को 14.8 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए थे.

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बंटवारे के बाद कांग्रेस को मिली सिंहभूम सीट

झारखंड बंटवारे के बाद 2004 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में सिंहभूम की सीट फिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खाते में चली गई. यहां से बागुन सुंग्रई ने जीत दर्ज की. यहां भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 42.6 फ़ीसदी वोट मिले. जबकि भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मण गिलुओ को 31.20 मत ही प्राप्त हुए. जबकि आजसू पार्टी को 2004 के लोकसभा चुनाव में कुल 14 फीसदी वोट प्राप्त हुए.

2009 में जीते मधुकोड़ा

2009 के हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार मधु कोड़ा विजयी हुए. जबकि भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार को बदलकर बरकुरवार गागराई को मैदान में उतारा. भारतीय जनता पार्टी को कुल 28.8 फीसदी मत प्राप्त हुए थे, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 16.5 फीसदी वोट मिले थे.

2014 में लक्ष्मण गिलुआ ने दर्ज की जीत

2014 में मोदी के लहर का असर सिंहभूम सीट पर भी दिखा और एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने लक्ष्मण गिलुआ ने जीत हासिल की. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने यहां से 38.8 फीसदी मत प्राप्त किया. जबकि जय भारत समता पार्टी की गीता कोड़ा ने 27.1 प्रतिशत मत प्राप्त किया था. हालांकि इससे पहले निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा ने 2009 के लोकसभा चुनाव में सिंहभूम सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज किया था.

मोदी लहर के बाद भी कांग्रेस की गीता कोड़ा ने दर्ज की जीत

2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की गीता कोड़ा ने जीत दर्ज की. गीता कोड़ा को कुल 49.8 फीसदी वोट मिले, जबकि भारतीय जनता पार्टी को 40.9 फीसदी मत प्राप्त हुए. 2024 की तैयारी में एक बार फिर सिंहभूम में राजनीतिक सरगम तेज हुई है. अब देखना है कि जिस तरीके से सिंहभूम में मोदी के लहर मोदी के आसार और उसके बाद भी जनता ने बदलाव का जो जन्म दिया है उसका क्या रंग 2024 में देखने को मिलता है.

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रांची: सिंहभूम लोकसभा सीट पर पहली बार 1957 में लोकसभा चुनाव हुए थे. 1952 में देश में पहले लोकसभा चुनाव में सिंहभूम लोक सभा सीट शामिल नहीं थी. 1957 में हुए चुनाव में यहां से झारखंड पार्टी ने जीत दर्ज की. शंभू चरण ने 51.80 मत प्राप्त किया था. जबकि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सीढ़ियां हेंब्रम ने 15.7 फीसदी मत प्राप्त किया था.

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1962 में झारखंड पार्टी ने दर्ज की थी जीत

1962 में हुए लोकसभा चुनाव में झारखंड पार्टी ने ही जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार झारखंड पार्टी ने अपने उम्मीदवार को बदल दिया था. इस बार यहां से हरिचरण सोय ने इस सीट पर जीत दर्ज की. उन्हें कुल 29.6 फ़ीसदी मत मिले थे जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाखों बोथरा को 26.5 फीसदी मत प्राप्त हुए थे.

1967 में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत

1967 के लोकसभा चुनाव में यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के बिरजू ने जीत दर्ज की थी. जिन्हें कुल 21.8 फ़ीसदी मत मिले थे, जबकि भारतीय जनसंघ को 19.3, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 16.7 और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को 16.5 फ़ीसदी वोट प्राप्त हुए थे.

1971 में फिर जीती झारखंड पार्टी

1971 की हुए लोकसभा चुनाव में ऑल इंडिया झारखंड पार्टी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. इन्हें कुल 38.9 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे. यहां से मोरन सिंह पूर्ति ने जीत दर्ज की थी. जबकि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर देवेंद्र नाथ चैंपियन को 24.3 फीसदी मत प्राप्त हुए थे.

1977 में झारखंड पार्टी ने दर्ज की जीत

1977 की लोकसभा चुनाव में यहां से ऑल इंडिया झारखंड पार्टी ने जीत दर्ज की. हालांकि इस बार ऑल इंडिया झारखंड पार्टी ने अपनी उम्मीदवार का बदलाव किया था. बागुन सुंग्रई को 70 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए थे, जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े मोहन सिंह पूर्ति को 13.5 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए थे.

1980 में जनता पार्टी ने दर्ज की जीत

1980 के लोकसभा चुनाव में सिंहभूम से जनता पार्टी की जीत हुई. यहां से बागुन सुंग्रई ने 31.20 मत प्राप्त कर सीट पर जीत दर्ज की. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आई के खाते में 21.4 फीसदी मत मिले थे.

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1984 में पहली बार जीती कांग्रेस

1984 में पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने सीट पर जीत दर्ज की. जब उन्होंने बागुन सुंग्रई को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से टिकट दिया. इस बार कांग्रेस को 42.6 फ़ीसदी मत यहां प्राप्त हुए. जबकि निर्दलीय के तौर पर देवेंद्र मांझी को 17.7 फीसदी, झारखंड मुक्ति मोर्चा को 8.6 फीसदी और भारतीय जनता पार्टी को 8.3 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए.

1989 में कांग्रेस ने फिर दर्ज की जीत

1989 की लोकसभा चुनाव में भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ही यहां से जीत दर्ज की. बागुन सुंग्रई को 29. 3 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए थे, जबकि जनता दल को 22.4 झारखंड मुक्ति मोर्चा को 22 फीसदी मत प्राप्त हुए थे.

1991 में पहली बार यहां झामुमो ने दर्ज की जीत

1991 के हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीत दर्ज की थी. इस सीट से कृष्णा मरांडी ने 35.30 प्रतिशत मत हासिल कर इस सीट पर कब्जा किया था. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विजय सिंह सोए कोई 21.8 फीसदी और भारतीय जनता पार्टी को 20 फ़ीसदी मत मिले थे.

1996 में पहली बार यहां से जीती बीजेपी

1996 की हुए लोकसभा चुनाव में सिंहभूम सीट से भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की. इस सीट पर चंद्रसेन सिंकू ने जीत दर्ज किया. इन्हें कुल 20.1 फीसदी वोट मिले थे. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को 12.5 और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 11.2 फीसदी रिपोर्ट प्राप्त हुए थे.

1998 में कांग्रेस ने किया कब्जा

1998 की लोकसभा चुनाव में एक बार फिर सिंहभूम सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने कब्जा किया. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विजय सिंह सोय को 35.4 फ़ीसदी वोट मिले. जबकि भारतीय जनता पार्टी को 33.4 फ़ीसदी वोट मिले. झारखंड मुक्ति मोर्चा 23.7 फीसद मत हासिल किए.

1999 में कांग्रेस को मिली हार

1999 की हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ही इस सीट पर जीती. हालांकि इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार को बदला था और लक्ष्मण गिलुआ को इस सीट से मैदान में उतारा था. भारतीय जनता पार्टी को 1999 के चुनाव में कुल 45.9 फीसदी वोट मिले थे, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 30.9 और झारखंड मुक्ति मोर्चा को 14.8 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए थे.

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बंटवारे के बाद कांग्रेस को मिली सिंहभूम सीट

झारखंड बंटवारे के बाद 2004 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में सिंहभूम की सीट फिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खाते में चली गई. यहां से बागुन सुंग्रई ने जीत दर्ज की. यहां भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 42.6 फ़ीसदी वोट मिले. जबकि भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मण गिलुओ को 31.20 मत ही प्राप्त हुए. जबकि आजसू पार्टी को 2004 के लोकसभा चुनाव में कुल 14 फीसदी वोट प्राप्त हुए.

2009 में जीते मधुकोड़ा

2009 के हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार मधु कोड़ा विजयी हुए. जबकि भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार को बदलकर बरकुरवार गागराई को मैदान में उतारा. भारतीय जनता पार्टी को कुल 28.8 फीसदी मत प्राप्त हुए थे, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 16.5 फीसदी वोट मिले थे.

2014 में लक्ष्मण गिलुआ ने दर्ज की जीत

2014 में मोदी के लहर का असर सिंहभूम सीट पर भी दिखा और एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने लक्ष्मण गिलुआ ने जीत हासिल की. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने यहां से 38.8 फीसदी मत प्राप्त किया. जबकि जय भारत समता पार्टी की गीता कोड़ा ने 27.1 प्रतिशत मत प्राप्त किया था. हालांकि इससे पहले निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा ने 2009 के लोकसभा चुनाव में सिंहभूम सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज किया था.

मोदी लहर के बाद भी कांग्रेस की गीता कोड़ा ने दर्ज की जीत

2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की गीता कोड़ा ने जीत दर्ज की. गीता कोड़ा को कुल 49.8 फीसदी वोट मिले, जबकि भारतीय जनता पार्टी को 40.9 फीसदी मत प्राप्त हुए. 2024 की तैयारी में एक बार फिर सिंहभूम में राजनीतिक सरगम तेज हुई है. अब देखना है कि जिस तरीके से सिंहभूम में मोदी के लहर मोदी के आसार और उसके बाद भी जनता ने बदलाव का जो जन्म दिया है उसका क्या रंग 2024 में देखने को मिलता है.

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Last Updated : Mar 6, 2024, 8:52 PM IST
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