शिमला: हिमाचल प्रदेश में 27 जून को मानसून की एंट्री हुई थी. मौसम विभाग द्वारा प्रदेश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई थी, मगर प्रदेश में अभी भी ज्यादातर हिस्सों में बारिश सामान्य से भी कम रही है. मौसम विभाग शिमला द्वारा तीन दिनों तक बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. बुधवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी रहा.
कहीं सूखा-कहीं तबाही
मौसम विभाग ने प्रदेश में 23 जुलाई तक बारिश को लेकर संभावना जताई है. 18, 19 और 20 जुलाई को हिमाचल में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि प्रदेश के अधिकतर हिस्से में बारिश की कमी दर्ज की जा रही है. जिसका सीधा असर कृषि और बागवानी पर पड़ रहा है. वहीं, कई जगहों पर मानसून तबाही बन कर बरपा है.
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों के लिए प्रदेश में बारिश से बागानों, बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान, कमजोर संरचनाओं को आंशिक नुकसान, तेज हवाओं और बारिश के कारण कच्चे घरों और झोपड़ियों को मामूली नुकसान की आशंका जाहिर की है. इसके साथ ही ट्रैफिक जाम की समस्या, निचले इलाकों में पानी भरने को लेकर भी चेतावनी जारी की है.
ऊना में सबसे कम बारिश
बुधवार शाम तक प्रदेश में सबसे ज्यादा 99.4 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके अलावा ओलिंडा में 94.6, नैना देवी में 44.8, बैजनाथ में 32 मिमी, कांगड़ा में 16.8 मिमी, नाहन में 11.2 मिमी, मंडी में 8.6 मिमी, धौलाकुआं में 6 मिमी, कंडाघाट में 5.6 मिमी और ऊना में 4 मिमी बारिश दर्ज की गई.
186 करोड़ का नुकसान
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक 27 जून को मानसून की एंट्री से लेकर 17 जुलाई तक प्रदेश को बरसात से 186 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जबकि बारिश से संबंधित घटनाओं में 31 लोगों की अब तक मौत हो गई है.
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