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हिमाचल के पर्यटन कारोबारियों को निर्मला सीतारमण के बजट से क्या उम्मीद है ?

Expectation from Budget 2024: केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली है. इस बजट से हिमाचल के पर्यटन कारोबारियों ने भी बड़ी आस लगाई हुई हैं.

निर्मला सीतारमण पेश करेंगी बजट
निर्मला सीतारमण पेश करेंगी बजट
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 31, 2024, 6:53 PM IST

Updated : Jan 31, 2024, 7:08 PM IST

कुल्लू: केद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार 1 फरवरी को मौजूदा सरकार का आखिरी बजट पेश करेंगी. दरअसल इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में वित्त मंत्री इस बार अंतरिम बजट पेश करेंगी. हांलांकि बजट के पिटारे से हर तबके ने उम्मीदें लगाई हुई हैं. हिमाचल प्रदेश पर्यटन राज्य हैं और पर्यटन कारोबारियों को केंद्र सरकार के बजट से अच्छी खासी उम्मीद है. हिमाचल प्रदेश में हर साल औसतन डेढ से ढाई करोड़ पर्यटक आते हैं. यही वजह है कि पर्यटन रोजगार का भी बड़ा जरिया है. यही वजह है कि होटल कारोबारियों से लेकर, टूर ऑपरेटर, टैक्सी ऑपरेटर्स आदि ने इस बजट से आस लगाई हुई है.

नए पर्यटन स्थलों की डिमांड- पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की मांग है कि हिमाचल में नए पर्यटन क्षेत्र विकसित किए जाएं, ये कदम पर्यटन राज्य के रूप में हिमाचल को मजबूत करेगा. इस तरह के कदम उठाने से हिमाचल आने वाले पर्यटकों की तादाद दो करोड़ को पार कर सकती है, वैसे हिमाचल सरकार ने आगामी वर्षों में 5 करोड़ पर्यटकों का लक्ष्य रखा है. लेकिन इस लक्ष्य को पाने के लिए नए पर्यटन स्थलों का विकास करना होगा.

निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी अंतरिम बजट 2024
निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी अंतरिम बजट 2024

मनाली के पर्यटन कारोबारी जसवंत ठाकुर का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में मनाली, शिमला, धर्मशाला जैसी जगहों को ही पर्यटन स्थल के रूप में ज्यादा प्रचारित किया गया है. जबकि कांगड़ा, चंबा, किन्नौर से लेकर मंडी और सोलन तक कई बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस हैं. जिनका पर्यटन मानचित्र पर कोई नामोनिशान नहीं है. धार्मिक पर्यटन के लिए सैलानी हिमाचल के विभिन्न शक्तिपीठों का रुख तो करते हैं लेकिन कई ऐतिहासिक मंदिर आज भी पर्यटन के मानचित्र से दूर हैं. ऐसे स्थानों को विकसित किया जा सकता है.

हवाई और रेल विस्तार- हिमाचल प्रदेश में रेलवे का विस्तार ऊंट के मुंह में जीरे के समान हुआ है और हवाई सेवा के नाम पर इक्का दुक्का फ्लाइट्स हैं. पर्यटन राज्य होने के बावजूद हिमाचल में अब तक इंटरनेशनल एयरपोर्ट नहीं है, जबकि यहां विदेशों से भी लाखों पर्यटक हर साल आते हैं. कुल्लू के पर्यटन कारोबारी अभिनव शर्मा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में साल 2023 में प्राकृतिक आपदा के चलते पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित रहा और सड़के सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं. सड़कों की मरम्मत के अलावा यहां रेल और हवाई सेवा के विस्तार को बढ़ावा देने की जरूरत है. दिल्ली से हिमाचल के बीच एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के अलावा किराये में भी कमी की जरूरत है ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक हिमाचल पहुंचे और पर्यटन को बढ़ावा मिले. सड़कों के अलावा रेलवे विस्तार को भी बढ़ाने की जरूरत है.

कुल्लू के पर्यटन कारोबारियों के मुताबिक प्राकृतिक आपदा के चलते सड़के क्षतिग्रस्त हुई और कई जगह पर एक महीना तक वाहनों की आवाजाही सुचारू नहीं हो पाई थी. ऐसे में हवाई सेवा के माध्यम से सैलानी हिमाचल प्रदेश का रुख कर सकते हैं. इसके लिए प्रदेश के हवाई अड्डों का विस्तार करने की जरूरत है. यहां एयरपोर्ट पर बने रनवे छोटे हैं और बड़े जहाज यहां पर नहीं उतर पाते हैं. बड़े जहाज जब यहां पर आना शुरू होंगे तो सैलानियों को कम किराया देना पड़ेगा. केंद्रीय बजट में सरकार को चाहिए कि वह हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में हवाई अड्डों के रनवे का विस्तार करने और एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर दे.

हिमाचल के पर्यटन कारोबारियों के बजट 2024 से उम्मीदें लगा रखी हैं
हिमाचल के पर्यटन कारोबारियों के बजट 2024 से उम्मीदें लगा रखी हैं

मंडी जिले के पर्यटन कारोबारी मनमिंदर अरोड़ा हिमाचल में रेल नेटवर्क के विस्तार पर जोर देते हैं. उनके मुताबिक हिमाचल आने वाले सैलानी चंडीगढ़ से किरतपुर होते हुए सीधे मनाली का रुख करते हैं लेकिन बीच में कई शहर ऐसे हैं जो पर्यटन सीजन के दौरान भी पर्यटकों के लिए तरसते हैं. केंद्र सरकार को रेलवे का विस्तार करना चाहिए क्योंकि रेलवे के माध्यम से जहां हिमाचल प्रदेश का सफर सस्ता होगा. वहीं जगह-जगह स्टेशन बनने पर सैलानी इन जगहों पर भी घूम सकेंगे. मंडी जिला में भी कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं लेकिन यहां पर सैलानियों की संख्या काफी कम है. इसके लिए सरकारों को सोचना होगा क्योंकि पर्यटन कारोबार बढ़ेगा तो सरकार की आय के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार की राह भी खुलती है.

रोपवे को बढ़ावा- मौजूदा समय में रोपवे भी परिवहन का बड़ा जरिया है लेकिन हिमाचल जैसे पर्यटन राज्य में अभी भी गिने-चुने रोपवे हैं. मणिकर्ण के पर्यटन कारोबारी अनिलकांत शर्मा का कहना है कि पहाड़ों पर खनन के चलते अब पहाड़ भी काफी कमजोर हो रहे हैं और बरसात के दिनों मे भूस्खलन की घटनाएं भी काफी बढ़ रही हैं. अब सरकार को चाहिए कि वह रोपवे के क्षेत्र में भी विशेष प्रयास करें. केंद्रीय बजट में हिमाचल के पहाड़ों पर रोपवे की व्यवस्था के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए. इससे पर्यटकों को कुदरती नजारों के आनंद के साथ-साथ रोमांच भी मिलेगा.

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कुल्लू: केद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार 1 फरवरी को मौजूदा सरकार का आखिरी बजट पेश करेंगी. दरअसल इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में वित्त मंत्री इस बार अंतरिम बजट पेश करेंगी. हांलांकि बजट के पिटारे से हर तबके ने उम्मीदें लगाई हुई हैं. हिमाचल प्रदेश पर्यटन राज्य हैं और पर्यटन कारोबारियों को केंद्र सरकार के बजट से अच्छी खासी उम्मीद है. हिमाचल प्रदेश में हर साल औसतन डेढ से ढाई करोड़ पर्यटक आते हैं. यही वजह है कि पर्यटन रोजगार का भी बड़ा जरिया है. यही वजह है कि होटल कारोबारियों से लेकर, टूर ऑपरेटर, टैक्सी ऑपरेटर्स आदि ने इस बजट से आस लगाई हुई है.

नए पर्यटन स्थलों की डिमांड- पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की मांग है कि हिमाचल में नए पर्यटन क्षेत्र विकसित किए जाएं, ये कदम पर्यटन राज्य के रूप में हिमाचल को मजबूत करेगा. इस तरह के कदम उठाने से हिमाचल आने वाले पर्यटकों की तादाद दो करोड़ को पार कर सकती है, वैसे हिमाचल सरकार ने आगामी वर्षों में 5 करोड़ पर्यटकों का लक्ष्य रखा है. लेकिन इस लक्ष्य को पाने के लिए नए पर्यटन स्थलों का विकास करना होगा.

निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी अंतरिम बजट 2024
निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी अंतरिम बजट 2024

मनाली के पर्यटन कारोबारी जसवंत ठाकुर का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में मनाली, शिमला, धर्मशाला जैसी जगहों को ही पर्यटन स्थल के रूप में ज्यादा प्रचारित किया गया है. जबकि कांगड़ा, चंबा, किन्नौर से लेकर मंडी और सोलन तक कई बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस हैं. जिनका पर्यटन मानचित्र पर कोई नामोनिशान नहीं है. धार्मिक पर्यटन के लिए सैलानी हिमाचल के विभिन्न शक्तिपीठों का रुख तो करते हैं लेकिन कई ऐतिहासिक मंदिर आज भी पर्यटन के मानचित्र से दूर हैं. ऐसे स्थानों को विकसित किया जा सकता है.

हवाई और रेल विस्तार- हिमाचल प्रदेश में रेलवे का विस्तार ऊंट के मुंह में जीरे के समान हुआ है और हवाई सेवा के नाम पर इक्का दुक्का फ्लाइट्स हैं. पर्यटन राज्य होने के बावजूद हिमाचल में अब तक इंटरनेशनल एयरपोर्ट नहीं है, जबकि यहां विदेशों से भी लाखों पर्यटक हर साल आते हैं. कुल्लू के पर्यटन कारोबारी अभिनव शर्मा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में साल 2023 में प्राकृतिक आपदा के चलते पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित रहा और सड़के सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं. सड़कों की मरम्मत के अलावा यहां रेल और हवाई सेवा के विस्तार को बढ़ावा देने की जरूरत है. दिल्ली से हिमाचल के बीच एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के अलावा किराये में भी कमी की जरूरत है ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक हिमाचल पहुंचे और पर्यटन को बढ़ावा मिले. सड़कों के अलावा रेलवे विस्तार को भी बढ़ाने की जरूरत है.

कुल्लू के पर्यटन कारोबारियों के मुताबिक प्राकृतिक आपदा के चलते सड़के क्षतिग्रस्त हुई और कई जगह पर एक महीना तक वाहनों की आवाजाही सुचारू नहीं हो पाई थी. ऐसे में हवाई सेवा के माध्यम से सैलानी हिमाचल प्रदेश का रुख कर सकते हैं. इसके लिए प्रदेश के हवाई अड्डों का विस्तार करने की जरूरत है. यहां एयरपोर्ट पर बने रनवे छोटे हैं और बड़े जहाज यहां पर नहीं उतर पाते हैं. बड़े जहाज जब यहां पर आना शुरू होंगे तो सैलानियों को कम किराया देना पड़ेगा. केंद्रीय बजट में सरकार को चाहिए कि वह हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में हवाई अड्डों के रनवे का विस्तार करने और एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर दे.

हिमाचल के पर्यटन कारोबारियों के बजट 2024 से उम्मीदें लगा रखी हैं
हिमाचल के पर्यटन कारोबारियों के बजट 2024 से उम्मीदें लगा रखी हैं

मंडी जिले के पर्यटन कारोबारी मनमिंदर अरोड़ा हिमाचल में रेल नेटवर्क के विस्तार पर जोर देते हैं. उनके मुताबिक हिमाचल आने वाले सैलानी चंडीगढ़ से किरतपुर होते हुए सीधे मनाली का रुख करते हैं लेकिन बीच में कई शहर ऐसे हैं जो पर्यटन सीजन के दौरान भी पर्यटकों के लिए तरसते हैं. केंद्र सरकार को रेलवे का विस्तार करना चाहिए क्योंकि रेलवे के माध्यम से जहां हिमाचल प्रदेश का सफर सस्ता होगा. वहीं जगह-जगह स्टेशन बनने पर सैलानी इन जगहों पर भी घूम सकेंगे. मंडी जिला में भी कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं लेकिन यहां पर सैलानियों की संख्या काफी कम है. इसके लिए सरकारों को सोचना होगा क्योंकि पर्यटन कारोबार बढ़ेगा तो सरकार की आय के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार की राह भी खुलती है.

रोपवे को बढ़ावा- मौजूदा समय में रोपवे भी परिवहन का बड़ा जरिया है लेकिन हिमाचल जैसे पर्यटन राज्य में अभी भी गिने-चुने रोपवे हैं. मणिकर्ण के पर्यटन कारोबारी अनिलकांत शर्मा का कहना है कि पहाड़ों पर खनन के चलते अब पहाड़ भी काफी कमजोर हो रहे हैं और बरसात के दिनों मे भूस्खलन की घटनाएं भी काफी बढ़ रही हैं. अब सरकार को चाहिए कि वह रोपवे के क्षेत्र में भी विशेष प्रयास करें. केंद्रीय बजट में हिमाचल के पहाड़ों पर रोपवे की व्यवस्था के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए. इससे पर्यटकों को कुदरती नजारों के आनंद के साथ-साथ रोमांच भी मिलेगा.

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Last Updated : Jan 31, 2024, 7:08 PM IST
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