पांवटा साहिब: हिमाचल में एक बार फिर प्रदेशभर के डॉक्टरों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. प्रदेश भर के अस्पतालों में डॉक्टर काले बिल्ले लगाकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. तीसरे दिन भी डॉक्टरों का ये प्रदर्शन जारी है. अस्पतालों में डॉक्टर काले बिल्ले लगाकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के आह्वान पर प्रदेश में डॉक्टरों द्वारा 18 जनवरी से लेकर 24 जनवरी तक काले बिल्ले लगाकर अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है.
पांच सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन: इसी कड़ी में सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में भी डॉक्टर काले बिल्ले लगाकर अस्पताल पहुंचे हैं. हालांकि इस प्रदर्शन के दौरान अस्पताल की सेवाएं प्रभावित नहीं हो रही हैं. डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर अस्पताल में अपनी सेवाओं को नियमित रूप से जारी रखा है. सिविल अस्पताल पांवटा साहिब के वरिष्ठ डॉक्टर एवी राघव ने कहा कि उन्होंने अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर आज प्रदर्शन के तीसरे दिन काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट किया है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 3 जून 2023 को हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ की संयुक्त संघर्ष समिति को आश्वासन दिया था कि आगे डॉक्टरों की नियुक्ति के समय एनपीए को दोबारा शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक डॉक्टरों की नियुक्ति में एनपीए को नहीं जोड़ा गया है. - एवी राघव, वरिष्ठ डॉक्टर, सिविल अस्पताल पांवटा साहिब
डॉक्टर एवी राघव ने कहा कि हिमाचल में अनुबंध पर नियुक्त स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को 33,660 रुपए वेतन मिलता है, जोकि पूरे देशभर में सबसे कम है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एड्स कंट्रोल सोसायटी में परियोजना निदेशक का कार्यभार वापस स्वास्थ्य निदेशक को लौटाने का आश्वासन दिया था. इसके साथ ही 4-9-14 पे-स्केल की बहाली का आश्वासन दिया था, लेकिन इनमें से कोई भी मांग अब तक सरकार द्वारा पूरी नहीं की गई है. जिसके चलते प्रदेशभर में डॉक्टरों द्वारा काले बिल्ले लगाकर रोष प्रदर्शन किया जा रहा है. डॉ. एवि राघव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में लगभग डेढ़ सालों से खंड चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर्स के पदों पर पदोन्नति नहीं हुई है. जिसे लेकर डॉक्टरों में भारी रोष है.