कुल्लू: लाहौल स्पीति से कांग्रेस के टिकट के इंतजार में बैठे रहे पूर्व मंत्री राम लाल मारकंडा को आखिरकार कांग्रेस से भी टिकट नहीं मिल पाई. कांग्रेस ने यहां से अनुराधा राणा को प्रत्याशी बनाया है. वहीं मारकंडा को बीजेपी से तो पहले ही आशा नहीं थी. भारतीय जनता पार्टी ने लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर पहले ही उम्मीदवार बना दिया था. ऐसे में मारकंडा अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकने के मूड में दिख रहे हैं.
जनसमर्थन जुटाने के लिए मारकंडा मंगलवार (6 मई) को लाहौल स्पीति पहुंच रहे हैं. उन्होंने यह निर्णय लिया है कि घाटी की जनता जो चाहेगी, वही वो करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर घाटी की जनता चुनाव लड़ने को कहेगी तो वो चुनाव जरूर लड़ेंगे और जनात अगर चुनाव लड़ने से मना करेगी तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.
पूर्व मंत्री डॉ. राम लाल को पहले भाजपा से टिकट नहीं मिल पाया और इसके बाद उन्होंने आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का एलान किया था. लेकिन बीच में कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उनसे संपर्क किया और टिकट का आश्वासन दिया था. जिस कारण वे टिकट का इंतजार करते रहे. लेकिन रविवार रात कांग्रेस ने टिकट जिला परिषद अध्यक्ष अनुराधा राणा को दिया. जिस कारण अब मारकंडा के पास आजाद चुनाव लड़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं रहा.
पूर्व मंत्री राम लाल अब मंगलवार को लाहौल पहुंच रहे हैं और अपने समर्थकों की राय लेने के बाद चुनाव को लेकर आगे का फैसला लेंगे. मिली जानकारी के अनुसार राम लाल मारकंडा का टिकट कांग्रेस में लगभग पक्का था. लेकिन बताया जा रहा है कि कांग्रेस के दो बड़े नेताओं को उनकी एंट्री से अपने भविष्य के लिए खतरा महसूस हो रहा था. जिस कारण वे दोनों नेता मारकंडा को टिकट नहीं देने के लिए जोर आजमाइश करते रहे.
लिहाजा अब देखना है कि लाहौल की जनता और उनके समर्थक की इस बारे में क्या राय है. अगर पूर्व मंत्री राम लाल आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे तो दोनों बड़े दलों के उमीदवारों के लिए खतरा बन सकते हैं. वहीं अगर वह चुनावी मैदान में नहीं उतरते हैं तो उनके समर्थक और मारकंडा किसको समर्थन करते हैं यह भी बड़ी बात होगी. जिस भी प्रत्याशी को पूर्व मंत्री के समर्थकों का साथ रहेगा, उस प्रत्याशी को इसका लाभ मिलने की पूरी संभावना है. फिलहाल यह स्थिति बनती नजर नहीं आ रही है. मतलब राम लाल भी चुनाव लड़न के मूड में कहीं न कही नजर आ रहे हैं. फिर भी अगर उनके चुनाव नहीं लड़ने की संभावना बनती है तो ऐसे में भाजपा से इस्तीफा दे चुके पूर्व मंत्री मारकंडा, बीजेपी उम्मीदवार रवि ठाकुर को समर्थन नहीं देंगे. अब सभी की नजरे मंगलवार को होने वाली बैठक पर टिक गई है. इस बैठक के बाद ही साफ होगा की पूर्व मंत्री आजाद चुनाव लड़ते हैं या नहीं. तब तक उनके इस निर्णय के लिए सभी को इंतजार करना पड़ेगा.
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