शिमला: हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू शनिवार को यानी आज अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगे. शुक्रवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण को फाइनल टच दिया. इससे पहले राज्यपाल के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट में कई बड़ी घोषणाएं होंगी.
कर्मचारियों-युवाओं को बजट से उम्मीदें
सरकार के बजट से कर्मचारियों को कम से कम डीए की एक किश्त की आस है. साथ ही छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद बकाया एरियर की एक किस्त की भी उम्मीद है. जयराम सरकार के कार्यकाल में एरियर के तौर पर पचास हजार रुपए तक की किस्त दी गई थी. वहीं, युवाओं को सरकारी सेक्टर में नौकरियों की उम्मीद है. साथ ही राज्य चयन आयोग को लेकर ठोस वादे का इंतजार है. सुखविंदर सरकार विभिन्न विभागों में नौकरियों का ऐलान कर सकती है.
बागवानों-पर्यटन कारोबारियों को बजट से आस
चुनाव पूर्व कांग्रेस की गारंटियों में प्रति वर्ष एक लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन हिमाचल की स्थितियों को देखते हुए ये संभव नहीं है. राज्य का युवा चयन आयोग के फंक्शनल होने और नई भर्तियों के इंतजार में है. इसे लेकर बजट में कोई घोषणा हो सकती हैं. बागवानों व किसानों को भी इस बजट से कई उम्मीदें हैं. पर्यटन सेक्टर से जुड़े लोग भी किसी राहत भरी घोषणा की आस में हैं. धार्मिक पर्यटन के लिए सीएम कोई ऐलान कर सकते हैं.
बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष नहीं होंगे मौजूद
शनिवार को सीएम सुखविंदर सिंह 11 बजे बजट पेश करेंगे. बड़ी बात ये है कि इस दौरान सदन में नेता प्रतिपक्ष मौजूद नहीं होंगे. भाजपा की राष्ट्रीय स्तर पर एक मीटिंग में भाग लेने के लिए जयराम ठाकुर शुक्रवार देर शाम को ही दिल्ली रवाना हो गए हैं.
58 से 60 हजार करोड़ हो सकता है आकार
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दूसरे बजट का आकार 58 हजार करोड़ से 60 हजार करोड़ रुपए तक हो सकता है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपना पहला बजट 53,413 करोड़ रुपए का पेश किया था. पहले बजट का फोकस ग्रीन एनर्जी स्टेट पर था. स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोबोटिक सर्जरी सुविधा का वादा था. शिक्षा में राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूल खोलने की बात कही गई थी. इसी तरह हर सेक्टर में कोई न कोई घोषणा की गई थी. सरकार के बजट आकार से 10,307 करोड़ रुपए अधिक खर्च हुए. अनुपूरक बजट सदन में पारित हो चुका है.
'मौजूदा परिस्थितियों में बजट तैयार करना चुनौतीपूर्ण'
हिमाचल सरकार के पूर्व वित्त सचिव केआर भारती का कहना है कि कर्ज के बोझ तले दबे राज्य में मौजूदा समय में बजट तैयार करना चुनौतियों भरा काम है. सीमित संसाधनों में राज्य के विकास को गति देना कठिन है. बजट का बड़ा हिस्सा कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन पर खर्च हो जाता है. ऐसे में विकास के लिए धन जुटाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है. हिमाचल को राजस्व बढ़ाने के उपायों पर काम करने की जरूरत है.
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