शिमला: मंगलवार 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है. हिमाचल प्रदेश में भी राज्यसभा की एक सीट के लिए वोटिंग होनी है. जिसे लेकर बीते दिनों कांग्रेस की ओर से व्हिप जारी किया गया था. जिसके मुताबिक कांग्रेस विधायकों को पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने के निर्देश जारी किए गए. अब कांग्रेस के इस व्हिप पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं और इसपर विरोध दर्ज करते हुए चुनाव आयोग को लिखित शिकायत दी है.
"कांग्रेस विधायकों पर आलाकमान बना रहा है दबाव"
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा व्हिप जारी करने के बाद कांग्रेस सरकार, मुख्यमंत्री और पार्टी का आलाकमान विधायकों पर दबाव बना रहा है. जिससे विधायकों पर दबाव है और तनाव का माहौल पैदा हो रहा है. जयराम ठाकुर ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताने के साथ-साथ चनाव आयोग के नियमों के खिलाफ बताया है.
"एक लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप बीजेपी ने हर्ष महाजन को उम्मीदवार के रूप में उतारा है. जबसे हमने कैंडिडेट घोषित किया है, तबसे कांग्रेस सरकार, मुख्यमंत्री और कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं की ओर से विधायकों के ऊपर लगातार दबाव बनाया जा रहा है. पार्टी की ओर से व्हिप जारी करके कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने के लिए कहा गया है. मुख्यमंत्री विधायक दल की बैठक में पार्टी के खिलाफ जाने वाले विधायकों पर कार्रवाई की बात कह चुके हैं. जिससे विधायकों पर दबाव है और वे तनाव में हैं. हमने इस संदर्भ में पार्टी और कैंडिडेट की ओर से चुनाव आयोग को शिकायत दी है."- जयराम ठाकुर, नेता विपक्ष
गौरतलब है कि हिमाचल से मौजूदा समय में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सीट खाली हो रही है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार और 68 विधायकों वाले सदन में कांग्रेस के 40 विधायक हैं. ऐसे में ये सीट कांग्रेस की झोली में जाना लगभग तय था. कांग्रेस ने नामांकन से एक दिन पहले 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को अपना उम्मीदवार बना दिया. एक वक्त लग रहा था कि अभिषेक मनु सिंघवी बिना मतदान के ही राज्यसभा पहुंच जाएंगे क्योंकि बहुमत का आंकड़ा कांग्रेस के पास है लेकिन नामांकन के आखिरी दिन बीजेपी ने हर्ष महाजन को कैंडिडेट के रूप में उतार दिया. हर्ष महाजन 4 दशक से ज्यादा अरसे तक कांग्रेस में रहे और 2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में चले गए थे. जयराम ठाकुर इससे पहले अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाने पर भी कांग्रेस पर निशाना साधते रहे हैं.
"कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए जो उम्मीदवार चुना है वो कांग्रेस सरकार के वाटर सेस लगाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ चुका है. सीएम सुखविंदर सुक्खू को साफ करना चाहिए कि वाटर सेस लगाने के मामले में वो सही हैं या नहीं क्योंकि उन्होंने जिन कंपनियों पर वाटर सेस लगाने का ऐलान किया. सुप्रीम कोर्ट में उन कंपनियों की पैरवी और सरकार के खिलाफ केस लड़ने वाले अभिषेक मनु सिंघवी को कांग्रेस आलाकमान ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बना दिया. ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनकर राज्यसभा चुनाव में वोटिंग करनी चाहिए."- जयराम ठाकुर, नेता विपक्ष
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