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हिमाचल भवन नई दिल्ली की कुर्की का मामला, एकल पीठ के आदेश वापिस लेने की अर्जी पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई - HIMACHAL BHAWAN

हिमाचल भवन कुर्की मामले में हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी. हालांकि, सरकार ने तय नियमों के अनुसार कोर्ट में ₹64 करोड़ जमा कर दिए हैं.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 8, 2024, 5:42 PM IST

Updated : Dec 9, 2024, 11:38 AM IST

शिमला: एक हाइड्रो पावर कंपनी की अपफ्रंट प्रीमियम की रकम न चुकाने पर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने के आदेश जारी किए थे. बाद में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में 64 करोड़ रुपए की रकम तय नियमों के अनुसार जमा करवा दी. अब एकल पीठ के हिमाचल भवन दिल्ली को कुर्क करने संबंधी आदेश वापिस लेने पर आज सोमवार को हाईकोर्ट की डबल बेंच सुनवाई करेगी. चूंकि राज्य सरकार ने अनुपालना याचिका के निर्देश के तहत तय रकम रजिस्ट्री में जमा करवा दी है, लिहाजा राज्य सरकार को पूरी आस है कि हिमाचल भवन की कुर्की के आदेश वापस हो जाएंगे. इसी पर हाईकोर्ट की डबल बेंच आज सुनवाई करेगी.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी. इससे पहले न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने अपफ्रंट प्रीमियम की रकम न चुकाने पर हिमाचल भवन की कुर्की के आदेश जारी किए थे. इस मामले में खूब राजनीति भी हुई थी. भाजपा ने सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया था कि उसके कार्यकाल में प्रदेश की संपत्तियां कुर्क हो रही हैं. वहीं, सीएम व डिप्टी सीएम ने कहा था कि हिमाचल की संपत्तियों को हर हाल में बचाए रखा जाएगा.

सरकार ने दाखिल की है एप्लीकेशन

उल्लेखनीय है कि एकल पीठ के हिमाचल भवन को कुर्क करने के फैसले को वापिस लिए जाने के आग्रह को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में एक एप्लीकेशन दाखिल की है. इसी पर आज सुनवाई होनी है. इस मामले में शुक्रवार 6 दिसंबर को अनुपालना याचिका की सुनवाई में राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि आदेश के अनुसार 64 करोड़ रुपए की रकम जमा करवा दी गई है. अदालत की चिंता इस बात को लेकर भी थी कि अपफ्रंट प्रीमियम की रकम समय पर न चुकाने पर सरकारी कोष को ब्याज भरना पड़ रहा है. रकम समय पर जमा न करवाने वाले दोषी अफसरों के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया, इस पर भी हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में रिपोर्ट तलब की है.

उल्लेखनीय है कि लाहौल-स्पीति में एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी ने टेंडर भरा था. प्रोजेक्ट के लिए कंपनी ने 64 करोड़ रुपए का अपफ्रंट प्रीमियम भी जमा करवाया था. बाद में प्रोजेक्ट वायबल न होने पर कंपनी ने अपना अपफ्रंट प्रीमियम वापस मांगा था. मामला हाईकोर्ट में गया था. इसी केस में अनुपालना याचिका पर हाईकोर्ट ने तय समय में 7 फीसदी ब्याज सहित रकम वापस न करने पर नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने के आदेश जारी किए थे.

ये भी पढ़ें: नए साल में महंगी बिजली के लिए तैयार रहे उपभोक्ता, जाने इसके पीछे की वजह

शिमला: एक हाइड्रो पावर कंपनी की अपफ्रंट प्रीमियम की रकम न चुकाने पर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने के आदेश जारी किए थे. बाद में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में 64 करोड़ रुपए की रकम तय नियमों के अनुसार जमा करवा दी. अब एकल पीठ के हिमाचल भवन दिल्ली को कुर्क करने संबंधी आदेश वापिस लेने पर आज सोमवार को हाईकोर्ट की डबल बेंच सुनवाई करेगी. चूंकि राज्य सरकार ने अनुपालना याचिका के निर्देश के तहत तय रकम रजिस्ट्री में जमा करवा दी है, लिहाजा राज्य सरकार को पूरी आस है कि हिमाचल भवन की कुर्की के आदेश वापस हो जाएंगे. इसी पर हाईकोर्ट की डबल बेंच आज सुनवाई करेगी.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी. इससे पहले न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने अपफ्रंट प्रीमियम की रकम न चुकाने पर हिमाचल भवन की कुर्की के आदेश जारी किए थे. इस मामले में खूब राजनीति भी हुई थी. भाजपा ने सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया था कि उसके कार्यकाल में प्रदेश की संपत्तियां कुर्क हो रही हैं. वहीं, सीएम व डिप्टी सीएम ने कहा था कि हिमाचल की संपत्तियों को हर हाल में बचाए रखा जाएगा.

सरकार ने दाखिल की है एप्लीकेशन

उल्लेखनीय है कि एकल पीठ के हिमाचल भवन को कुर्क करने के फैसले को वापिस लिए जाने के आग्रह को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में एक एप्लीकेशन दाखिल की है. इसी पर आज सुनवाई होनी है. इस मामले में शुक्रवार 6 दिसंबर को अनुपालना याचिका की सुनवाई में राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि आदेश के अनुसार 64 करोड़ रुपए की रकम जमा करवा दी गई है. अदालत की चिंता इस बात को लेकर भी थी कि अपफ्रंट प्रीमियम की रकम समय पर न चुकाने पर सरकारी कोष को ब्याज भरना पड़ रहा है. रकम समय पर जमा न करवाने वाले दोषी अफसरों के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया, इस पर भी हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में रिपोर्ट तलब की है.

उल्लेखनीय है कि लाहौल-स्पीति में एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी ने टेंडर भरा था. प्रोजेक्ट के लिए कंपनी ने 64 करोड़ रुपए का अपफ्रंट प्रीमियम भी जमा करवाया था. बाद में प्रोजेक्ट वायबल न होने पर कंपनी ने अपना अपफ्रंट प्रीमियम वापस मांगा था. मामला हाईकोर्ट में गया था. इसी केस में अनुपालना याचिका पर हाईकोर्ट ने तय समय में 7 फीसदी ब्याज सहित रकम वापस न करने पर नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने के आदेश जारी किए थे.

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Last Updated : Dec 9, 2024, 11:38 AM IST
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