शिमला: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में अवैध खनन को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. ऊना जिला में माइनिंग पर एक साल के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. यही नहीं अवैध खनन को लेकर डीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी किया गया है, जो अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सचिवालय में माइनिंग विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और अवैध खनन को लेकर फीडबैक भी लिया. इस दौरान मंत्री ने अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए. हर्षवर्धन ने कहा, "ऊना जिला में फिलहाल क्रशर पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है. एक हाई पावर कमेटी का गठन किया जा रहा है, जिसमें माइनिंग अधिकारी भी शामिल होंगे, जो सुझाव देंगे कि आगे किस तरह से कार्य करना है. ऊना जिला में माइनिंग पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है. क्योंकि ऊना से काफी ज्यादा अवैध खनन को लेकर शिकायत आ रही थी. जिसको देखते हुए फिलहाल 1 साल के लिए नए क्रशर पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है.
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा, "कई बार जिलों से यह भी शिकायत आती है कि पुलिस माइनिंग अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं करते हैं. यही नहीं पुलिस के कुछ कर्मी और अधिकारी इनफॉरमेशन को लीक भी कर देते हैं. इसको लेकर मुख्यमंत्री से भी चर्चा की गई है और एसपी को यह निर्देश देने को कहा गया है कि पुलिस की ओर से सूचना को लीक न किया जाए. यदि ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए".
बता दें कि ऊना जिला में अवैध खनन को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है. सरकार पर अवैध खनन को बढ़ावा देने आरोप भी लगाए जा रहे थे. इसको देखते हुए सरकार ने अवैध खनन रोकने को लेकर कमेटी का गठन किया है.
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