देहरादून: हर साल की तरह इस वर्ष भी विरासत महोत्सव का आयोजन देहरादून में होने जा रहा है. 15 अक्टूबर यानि आज से होने जा रहे विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल का शुभारंभ उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज करेंगे. वहीं विरासत महोत्सव में उत्तराखंड के लोक संस्कृति के साथ ही अन्य प्रदेशों की कलाओं का संगम भी देखने को मिलेगा
इस बार भी महोत्सव में लोगों को शास्त्रीय नृत्य, संगीत, कला ,शिल्प और भारत की व्यापक विरासत देखने को मिलेगी. एक पखवाड़े तक चलने वाले इस उत्सव का समापन 29 अक्टूबर को होगा. इसमें लोक और सूफी संगीत के साथ ही गजल, हिंदुस्तानी और कर्नाटक संगीत, भरतनाट्यम और कथक जैसे नृत्य रूप और सरोद, तबला, बांसुरी, वायलिन ,पियानो की धुन दर्शकों को मंत्र मुक्त कर देती है. महोत्सव के संस्थापक और महासचिव आरके सिंह के मुताबिक इस मेले का कॉन्सेप्ट उनके जेहन में 30 साल पूर्व चाय के खोखे में चाय पीते समय आया था. उस समय देश में कहीं भी इस तरह का कार्यक्रम एक्सपोज़र नहीं हुआ करता था.
उसी चाय के खोखे से विरासत महोत्सव का उद्गम हुआ. पहले इस उत्सव का आयोजन राजपुर रोड में किया जाता था, लेकिन भारी भीड़ को देखते हुए ओएनजीसी ने पहल की और इस मेले का आयोजन डॉ बीआर अंबेडकर स्टेडियम कौलागढ़ रोड पर किया जाने लगा. उन्होंने बताया कि इस महोत्सव को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य डांस ,क्राफ्ट, म्यूजिक, पेंटिंग, टॉक,व्यंजनों के प्रति युवाओं और अवाम को मीनिंगफुल बनाना है. उत्तराखंड से समूचे देश में कला और संस्कृति का ऐसा संदेश जाना चाहिए, जिससे नेटिव ट्रेडिशन को प्रिजर्व किया जा सके.
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