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जन्मदिन पर हेमंत ने साझा की हाथ पर लगी जेल की मुहर वाली तस्वीर, लिया ये संकल्प, पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं - Hemant Soren

Jail stamp on Hemant Soren's hand. हेमंत सोरेन के 49वें जन्मदिन पर सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. खुशी की इस घड़ी को सीएम हेमंत सोरेन ने एक अलग अंदाज में व्यक्त किया है. उन्होंने अपने दाहिने हाथ पर लगी उस मुहर की तस्वीर साझा की है, जिसे 28 जून को जेल से निकलने के वक्त जेल शासन ने लगाई थी.

Jail stamp on Hemant Soren's hand
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 10, 2024, 1:21 PM IST

Updated : Aug 10, 2024, 2:16 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी है. उन्होंने दीर्घायु और स्वस्थ रहने की कामना की है. अपने 49वे जन्मदिन के मौके पर हेमंत सोरेन ने अन्याय से लड़ने का प्रण लिया. सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये अपने जेल से रिहाई के वक्त हाथ पर लगे कैदी वाले निशान की मुहर को साझा करते हुए उन्होंने उस निशान को वर्तमान में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों का प्रतीक बताया.

हेमंत सोरेन ने अपने पोस्ट के जरिये ये बताने की कोशिश की है कि बिना किसी शिकायत, अपराध या सबूत के उन्हें एक राजनीतिक साजिश के तहत जेल भेजा गया था. मुख्यमंत्री ने हाथ पर लगी जेल की मुहर को लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक बताया है. उन्होंने किसी पार्टी विशेष का नाम लिए बगैर पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा किया है. अपनी गिरफ्तारी के मुद्दे पर वो लिखते हैं कि बिना किसी शिकायत या अपराध के एक चुने हुए मुख्यमंत्री को 150 दिन तक जेल में डाल सकते हैं तो फिर ये आम आदिवासियों/दलितों/शोषितों के साथ क्या करेंगे. यह मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है.

उन्होंने लिखा है कि अब वे शोषित, वंचित, दलित, पिछड़ा, आदिवासी, मूलवासी के पक्ष में अपने संकल्प को और मजबूत कर हर उसे व्यक्ति या समुदाय के लिए आवाज उठाएंगे जिसे दबाया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि आज भी रंग, समुदाय, खानपान, पहनावे के आधार पर लोगों को सताया जा रहा है. उन्होंने एकजुट होकर एक ऐसे समाज के निर्माण की बात कही है जहां का कानून सभी के लिए समान हो, जहां सत्ता का दुरुपयोग ना हो.

हालांकि, नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने आदिवासी दिवस का हवाला देते हुए कहा है कि हेमंत सोरेन के लिए उनके परिवार ही सब कुछ हैं. खास दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान भी मंच पर उनके परिवार के लोग ही दिखे थे. उन्होंने जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप स्वस्थ रहें लेकिन जो कहते हैं उसे पूरा जरूर करें.

जमीन घोटाले से जुड़े मामले में हेमंत सोरेन को ईडी ने पिछले साल 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी से पहले उनको इस्तीफा देना पड़ा था जिसके बाद उन्ही की पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड आंदोलन के दौरान शिबू सोरेन के साथ सक्रिय रहने वाले चम्पाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. लैंड स्कैम मामले में करीब 5 माह तक जेल में रहे हेमंत सोरेन को उसी दिन हाई कोर्ट से जमानत मिली थी.

आपको बता दें कि कुछ वर्ष पहले तक हेमंत सोरेन का राजनीति से दूर-दूर कोई रिश्ता नहीं था. उनके पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के साथ उनके बड़े भाई दुर्गा सोरेन ही राजनीति में सक्रिय थे. लेकिन दुर्गा सोरेन के असमय निधन के बाद हेमंत सोरेन राजनीति में सक्रिय हुए और बहुत जल्द खुद को स्थापित करने में सफलता भी हासिल कर ली. साल 2013 में अर्जुन मुंडा की सरकार से समर्थन लेने के बाद उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई और पहली बार 13 जुलाई 2013 को मुख्यमंत्री बने. फिर 2019 में महागठबंधन की सरकार में दूसरी बार सीएम बने.

हालांकि इस दौरान खनन पट्टा मामले में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट को लेकर उनकी परेशानी बढ़ी रही. फिर 31 जनवरी 2024 को बड़गांई स्थित 8.86 एकड़ जमीन मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसका उन्हें लोकसभा चुनाव में भरपूर फायदा भी मिला. भाजपा को अपनी सभी तीन एसटी सीटें गंवानी पड़ गई. लेकिन 28 जून को जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने चंपई सोरेन को हटाकर 4 जुलाई को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अब झामुमो को भरोसा है कि इसी तरह का उत्साह विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा.

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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी है. उन्होंने दीर्घायु और स्वस्थ रहने की कामना की है. अपने 49वे जन्मदिन के मौके पर हेमंत सोरेन ने अन्याय से लड़ने का प्रण लिया. सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये अपने जेल से रिहाई के वक्त हाथ पर लगे कैदी वाले निशान की मुहर को साझा करते हुए उन्होंने उस निशान को वर्तमान में लोकतंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों का प्रतीक बताया.

हेमंत सोरेन ने अपने पोस्ट के जरिये ये बताने की कोशिश की है कि बिना किसी शिकायत, अपराध या सबूत के उन्हें एक राजनीतिक साजिश के तहत जेल भेजा गया था. मुख्यमंत्री ने हाथ पर लगी जेल की मुहर को लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक बताया है. उन्होंने किसी पार्टी विशेष का नाम लिए बगैर पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा किया है. अपनी गिरफ्तारी के मुद्दे पर वो लिखते हैं कि बिना किसी शिकायत या अपराध के एक चुने हुए मुख्यमंत्री को 150 दिन तक जेल में डाल सकते हैं तो फिर ये आम आदिवासियों/दलितों/शोषितों के साथ क्या करेंगे. यह मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है.

उन्होंने लिखा है कि अब वे शोषित, वंचित, दलित, पिछड़ा, आदिवासी, मूलवासी के पक्ष में अपने संकल्प को और मजबूत कर हर उसे व्यक्ति या समुदाय के लिए आवाज उठाएंगे जिसे दबाया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि आज भी रंग, समुदाय, खानपान, पहनावे के आधार पर लोगों को सताया जा रहा है. उन्होंने एकजुट होकर एक ऐसे समाज के निर्माण की बात कही है जहां का कानून सभी के लिए समान हो, जहां सत्ता का दुरुपयोग ना हो.

हालांकि, नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने आदिवासी दिवस का हवाला देते हुए कहा है कि हेमंत सोरेन के लिए उनके परिवार ही सब कुछ हैं. खास दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान भी मंच पर उनके परिवार के लोग ही दिखे थे. उन्होंने जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप स्वस्थ रहें लेकिन जो कहते हैं उसे पूरा जरूर करें.

जमीन घोटाले से जुड़े मामले में हेमंत सोरेन को ईडी ने पिछले साल 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी से पहले उनको इस्तीफा देना पड़ा था जिसके बाद उन्ही की पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड आंदोलन के दौरान शिबू सोरेन के साथ सक्रिय रहने वाले चम्पाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. लैंड स्कैम मामले में करीब 5 माह तक जेल में रहे हेमंत सोरेन को उसी दिन हाई कोर्ट से जमानत मिली थी.

आपको बता दें कि कुछ वर्ष पहले तक हेमंत सोरेन का राजनीति से दूर-दूर कोई रिश्ता नहीं था. उनके पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के साथ उनके बड़े भाई दुर्गा सोरेन ही राजनीति में सक्रिय थे. लेकिन दुर्गा सोरेन के असमय निधन के बाद हेमंत सोरेन राजनीति में सक्रिय हुए और बहुत जल्द खुद को स्थापित करने में सफलता भी हासिल कर ली. साल 2013 में अर्जुन मुंडा की सरकार से समर्थन लेने के बाद उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई और पहली बार 13 जुलाई 2013 को मुख्यमंत्री बने. फिर 2019 में महागठबंधन की सरकार में दूसरी बार सीएम बने.

हालांकि इस दौरान खनन पट्टा मामले में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट को लेकर उनकी परेशानी बढ़ी रही. फिर 31 जनवरी 2024 को बड़गांई स्थित 8.86 एकड़ जमीन मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसका उन्हें लोकसभा चुनाव में भरपूर फायदा भी मिला. भाजपा को अपनी सभी तीन एसटी सीटें गंवानी पड़ गई. लेकिन 28 जून को जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने चंपई सोरेन को हटाकर 4 जुलाई को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अब झामुमो को भरोसा है कि इसी तरह का उत्साह विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा.

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Last Updated : Aug 10, 2024, 2:16 PM IST
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