नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली आबकारी घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दी है. इस मामले की सुनवाई करने वाले जज राकेश स्याल के उपलब्ध नहीं होने की वजह से सुनवाई टली. अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी.
बता दें कि 20 दिसंबर 2023 को कोर्ट ने आरोप तय करने के मामले में आंशिक दलीलें सुनी थी. 1 दिसंबर 2023 को कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को दस्तावेजों की जांच की अनुमति दे दी थी. सत्येंद्र जैन की ओर से 18 नवंबर 2023 को दस्तावेजों की जांच की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की गई थी. सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा था कि ईडी द्वारा जो लिस्ट दी गई है वह पूरी नहीं है. जुलाई 2022 के बाद मेरे और इस मामले के सह-आरोपियों के बयान दर्ज किए गए थे, जिसकी जानकारी अभी तक एजेंसी ने सत्येंद्र जैन को नहीं दी है. उन्होंने कहा था कि जुलाई 2022 के बाद अगर कोई बयान दर्ज नहीं कराया है तो इसकी भी जानकारी कोर्ट को देनी होगी, क्योंकि ईडी के मुताबिक मामले की जांच अभी जारी है.
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जैन की ओर से कहा गया था कि गवाहों की लिस्ट में योगेश मलिक का नाम है, लेकिन जो लिस्ट हमें दिया गया है उसमें योगेश मलिक का नाम नहीं है. आखिरकार ईडी कोर्ट से यह खेल क्यों खेल रही है. जैन की ओर से कहा गया कि एजेंसी ने अगर छापेमारी के दौरान कोई चीज जब्त नहीं की है तो उसको भी बताना होगा. क्योंकि सत्येंद्र जैन के पुराने आवास से कुछ चीजें गायब हैं. सत्येंद्र जैन ने कोर्ट को बताया कि 2016 में जांच शुरू हुई. पांच साल बाद मेरे खिलाफ केस दर्ज किए गया. आठ बार बयान लिया जा चुका है. जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई. इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.
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