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जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्यों-चेयरमैन की तैनाती का मामला, HC ने सचिव से पूछा सवाल, अगली सुनवाई पर मांगा जवाब

जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्यों की तैनाती के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट में पेश हुए संबंधित विभाग के सचिव फनाई.

uttarakhand high court
नैनीताल हाईकोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 12, 2024, 4:57 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के कई जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्यों की तैनाती के मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सम्बंधित विभाग के सचिव से पूछा है कि चार जिलों के अलावा क्या बाकी जिलों में जिला जजों को इसकी जिमेदारी दी जा सकती है. क्या राज्य सरकार अन्य जिलों में भी नियुक्ति करने जा रही है. कोर्ट को अवगत कराएं.

आज मंगलवार 12 नवंबर को सुनवाई पर संबंधित विभाग के सचिव फनाई कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने 4 जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्यों की नियुक्ति कर दी है, बाकी जिलों का इनको कार्य करने का कार्यभार सौंपा गया है. 13 जिलों के सभी उपभोक्ता फोरम में स्टाफ मौजूद है. जिसपर न्यायालय ने उनसे पूछा कि देहरादून से उत्तरकाशी की दूरी करीब तीन सौ किलोमीटर और उधमसिंह नगर से पिथौरागढ़ की दूरी भी ऐसी ही है. आप बताएं कि इसका समाधान कैसे किया जा सकता? अगली तिथि तक कोर्ट को अवगत कराएं.

अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी. पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि सभी 13 जिलों में सदस्यों की नियुक्ति करने के लिए विज्ञप्ति जारी करें. जिस पर सरकार ने विज्ञप्ति जारी की, लेकिन 4 जिलों में ही सदस्यों की नियुक्ति करके बाकी जिलों का कार्यभार उन्हें सौंप दिया.

मामले के अनुसार समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट ने उपभोक्ता फोरम में रिक्त पदों के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी. तब राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया था कि इन पदों को भरने की तैयारी कर रही है. 13 जिलों के उपभोक्ता फोरम में से अभी तक 4 जिलों में चेयरमैन की ही नियुक्तियां हो पायी है, जबकि पहाड़ी इलाकों में चेयमैन के पद खाली पड़े हुए हैं.

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नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के कई जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्यों की तैनाती के मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सम्बंधित विभाग के सचिव से पूछा है कि चार जिलों के अलावा क्या बाकी जिलों में जिला जजों को इसकी जिमेदारी दी जा सकती है. क्या राज्य सरकार अन्य जिलों में भी नियुक्ति करने जा रही है. कोर्ट को अवगत कराएं.

आज मंगलवार 12 नवंबर को सुनवाई पर संबंधित विभाग के सचिव फनाई कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने 4 जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्यों की नियुक्ति कर दी है, बाकी जिलों का इनको कार्य करने का कार्यभार सौंपा गया है. 13 जिलों के सभी उपभोक्ता फोरम में स्टाफ मौजूद है. जिसपर न्यायालय ने उनसे पूछा कि देहरादून से उत्तरकाशी की दूरी करीब तीन सौ किलोमीटर और उधमसिंह नगर से पिथौरागढ़ की दूरी भी ऐसी ही है. आप बताएं कि इसका समाधान कैसे किया जा सकता? अगली तिथि तक कोर्ट को अवगत कराएं.

अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी. पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि सभी 13 जिलों में सदस्यों की नियुक्ति करने के लिए विज्ञप्ति जारी करें. जिस पर सरकार ने विज्ञप्ति जारी की, लेकिन 4 जिलों में ही सदस्यों की नियुक्ति करके बाकी जिलों का कार्यभार उन्हें सौंप दिया.

मामले के अनुसार समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट ने उपभोक्ता फोरम में रिक्त पदों के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी. तब राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया था कि इन पदों को भरने की तैयारी कर रही है. 13 जिलों के उपभोक्ता फोरम में से अभी तक 4 जिलों में चेयरमैन की ही नियुक्तियां हो पायी है, जबकि पहाड़ी इलाकों में चेयमैन के पद खाली पड़े हुए हैं.

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