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जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्टाफ तैनाती मामला, हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, जानिये क्या हुआ - NAINITAL HIGH COURT

मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व वरिष्ठ न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई सुनवाई, हफ्ते भर में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश

NAINITAL HIGH COURT
जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्टाफ तैनाती मामला (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 30, 2024, 6:56 PM IST

नैनीताल: उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के जिलों में स्थापित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों में विशेषज्ञ स्टॉफ की तैनाती की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई की. नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से एक हफ्ते के भीतर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

मामले के अनुसार मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की संस्था 'रोशनी' की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. दायर जनहित याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार के फंड से जिलों में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खोले गए हैं. इन केंद्रों में अलग अलग श्रेणी के दिव्यांगजनों की मदद के लिये विशेषज्ञ स्टॉफ की नियुक्ति व अन्य ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करानी होती है. जिसका समस्त खर्चा केंद्र सरकार वहन करती है, किंतु टिहरी जिले को छोड़ अन्य जिलों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण इस अति महत्वपूर्ण सुविधा के लाभ से दिव्यांगजन वंचित हो रहे हैं. इस मामले पर विशेषतौर से ध्यान दिया जाये. जिसे लेकर याचिका दाखिल की जा रही है.

याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व वरिष्ठ न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई. खंडपीड ने केंद्र व राज्य सरकार को इस मामले में एक हफ्ते के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

पढ़ें- सहकारिता समितियों का चुनाव: HC का आदेश, 6 जनवरी तक कोर्ट में चुनावी कार्यक्रम प्रस्तुत करें अधिकारी, नहीं तो हो पेश

नैनीताल: उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के जिलों में स्थापित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों में विशेषज्ञ स्टॉफ की तैनाती की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई की. नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से एक हफ्ते के भीतर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

मामले के अनुसार मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की संस्था 'रोशनी' की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. दायर जनहित याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार के फंड से जिलों में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खोले गए हैं. इन केंद्रों में अलग अलग श्रेणी के दिव्यांगजनों की मदद के लिये विशेषज्ञ स्टॉफ की नियुक्ति व अन्य ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करानी होती है. जिसका समस्त खर्चा केंद्र सरकार वहन करती है, किंतु टिहरी जिले को छोड़ अन्य जिलों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण इस अति महत्वपूर्ण सुविधा के लाभ से दिव्यांगजन वंचित हो रहे हैं. इस मामले पर विशेषतौर से ध्यान दिया जाये. जिसे लेकर याचिका दाखिल की जा रही है.

याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व वरिष्ठ न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई. खंडपीड ने केंद्र व राज्य सरकार को इस मामले में एक हफ्ते के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

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