नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रुद्रप्रयाग के अमसारी गांव के आपदा पीड़ितों को राज्य सरकार द्वारा मुआवजा नहीं देने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ती राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन सप्ताह बाद की तारीख निर्धारित की गई है.
मामले के अनुसार अमसारी के आपदा पीड़ित राजेन्द्र सिंह बिष्ट की ओर से इस मामले में जनहित याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वर्ष 2022 में अमसारी गांव में आपदा आई थी, जिससे गांव के 20 परिवार प्रभावित हुए थे. ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से 13 परिवारों को मुआवजा दिया गया, लेकिन सात परिवारों को वंचित कर दिया गया.
जिला प्रशासन की ओर से कहा गया कि जिन लोगों के अन्य शहरों और कस्बों में मकान हैं, उन्हें मुआवजा नहीं दिया जाएगा. जनहित याचिका में आगे कहा गया कि कई गांव के कई परिवार रोजी रोटी के लिए बाहर गए हैं और वो किराए के मकान में रहते हैं. कोरोना काल में रोजगार नहीं मिलने पर उनके द्वारा अपनी पैतृक संपत्ति की मरम्मत की गई. ग्राम प्रधान के चुनाव होने पर वोट देने के लिए उन्हें गांव बुला लिया जाता है. क्या उन्हें राज्य की सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलना चाहिए. 2022 में आपदा आने से सरकार द्वारा उनके साथ मुआवजा देने के लिए मतभेद किया जा रहा है.
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