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प्रथम चरण शिक्षक बहाली के पूरक परिणाम को लेकर HC ने बीपीएससी और सरकार को किया तलब - Patna High Court - PATNA HIGH COURT

Patna High Court : प्रथम चरण शिक्षक बहाली के पूरक परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट सुनवाई करते हुए बीपीएससी और सरकार को तलब किया है. वहीं कोर्ट ने मानवाधिकार आयोग में बड़े पैमाने पर अधिकारियों व कर्मचारियों के पद रिक्त पड़े होने के मामले पर सुनवाई की है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 5, 2024, 10:05 PM IST

पटना: पटना हाई कोर्ट ने प्रथम चरण शिक्षक बहाली के पूरक परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार और बीपीएससी से जबाब तलब किया है. जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने धीरेन्द्र कुमार समेत बड़ी संख्या में दायर याचिकायों पर सुनवाई की. कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर जबाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया. कोर्ट को बताया गया कि बीपीएससी ने प्रथम चरण शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन संख्या 26/2023 प्रकाशित किया था. उनका कहना था कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती के पूरक रिजल्ट में भारी गड़बड़ी हुई हैं.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: पटना हाईकोर्ट बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में बड़े पैमाने पर अधिकारियों व कर्मचारियों के पद रिक्त पड़े होने के मामले पर सुनवाई 19 जुलाई 2024 को की जाएगी. अधिवक्ता प्रिंस कुमार मिश्रा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार और बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग को हलफनामा दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया था.

राज्य मानवाधिकार आयोग में पद रिक्त: बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग की ओर से अधिवक्ता अमीष कुमार ने बताया था कि उन्होंने आयोग की ओर से कोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर कर दिया है. याचिकाकर्ता अधिवक्ता प्रिंस कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में बड़े पैमाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों के पद रिक्त पड़े हुए है. इस कारण आयोग का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रही है. इसका खामियाजा आम पीड़ित लोगों को भुगतना पड़ता है.

19 जुलाई को होगी सुनवाई: उन्होंने कोर्ट को बताया कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष व अन्य महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े थे, लेकिन कुछ समय पहले पटना हाईकोर्ट सेवानिवृत जज एएम बदर आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किये गये. इस मामले पर अगली सुनवाई 19 जुलाई 2024 को की जाएगी. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रिंस कुमार मिश्रा व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग की ओर से अधिवक्ता अमीष कुमार ने पक्षों को प्रस्तुत किया.

पटना: पटना हाई कोर्ट ने प्रथम चरण शिक्षक बहाली के पूरक परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार और बीपीएससी से जबाब तलब किया है. जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने धीरेन्द्र कुमार समेत बड़ी संख्या में दायर याचिकायों पर सुनवाई की. कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर जबाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया. कोर्ट को बताया गया कि बीपीएससी ने प्रथम चरण शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन संख्या 26/2023 प्रकाशित किया था. उनका कहना था कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती के पूरक रिजल्ट में भारी गड़बड़ी हुई हैं.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: पटना हाईकोर्ट बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में बड़े पैमाने पर अधिकारियों व कर्मचारियों के पद रिक्त पड़े होने के मामले पर सुनवाई 19 जुलाई 2024 को की जाएगी. अधिवक्ता प्रिंस कुमार मिश्रा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार और बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग को हलफनामा दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया था.

राज्य मानवाधिकार आयोग में पद रिक्त: बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग की ओर से अधिवक्ता अमीष कुमार ने बताया था कि उन्होंने आयोग की ओर से कोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर कर दिया है. याचिकाकर्ता अधिवक्ता प्रिंस कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में बड़े पैमाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों के पद रिक्त पड़े हुए है. इस कारण आयोग का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रही है. इसका खामियाजा आम पीड़ित लोगों को भुगतना पड़ता है.

19 जुलाई को होगी सुनवाई: उन्होंने कोर्ट को बताया कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष व अन्य महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े थे, लेकिन कुछ समय पहले पटना हाईकोर्ट सेवानिवृत जज एएम बदर आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किये गये. इस मामले पर अगली सुनवाई 19 जुलाई 2024 को की जाएगी. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रिंस कुमार मिश्रा व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग की ओर से अधिवक्ता अमीष कुमार ने पक्षों को प्रस्तुत किया.

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