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देहरादून आसन बैराज के उपर वाहन चलाने के मामले में सुनवाई, जानिये क्या कुछ हुआ - NAINITAL HIGH COURT

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ में हुई. अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी

NAINITAL HIGH COURT
नैनीताल हाईकोर्ट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 30, 2024, 5:00 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के आसन बैराज से निकलने वाली नहरों के ऊपर बने पुलों में भारी वाहन चलाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद आज पूर्व के आदेश पर राज्य सरकार ने स्थिति से अवगत कराया. राज्य सरकार ने कहा ट्रैफिक व भारी वाहनों को रोकने की व्यवस्था की जा रही है. साथ में पुलिस बैरिकैडिंग करने जा रही है.

कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने पुलों का निरीक्षण किया, जांच करने पर उनकी स्थिति वास्तव में ठीक नहीं पाई गई. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ में हुई. मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी.

देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता रघुनाथ सिंह नेगी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून के आसन बैराज से निकलने वाली नहरों के ऊपर 1965 में उत्तर प्रदेश सरकार ने आवाजाही हेतु कई पुलों का निर्माण किया गया था. जिनकी भार क्षमता भी नियमित की गई, लेकिन राज्य सरकार ने खनन की अनुमति देने बाद इन पुलों में भारी वाहन चलने लगे. पुलों की भार वहन करने की क्षमता कम होने के कारण ये कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, इसलिए पुलों के ऊपर भारी वाहन व ट्रैफिक पर रोक लगाई जाये. साथ ही इनकी मरम्मत की जाये. जांच एजेंसियों ने भी इनका सर्वे किया. उसमें भी भारी वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी गई. वैसे भी इनकी भार वहन करने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है.

पढे़ं- निकाय चुनाव की अधिसूचनाओं को चुनौती वाली याचिकाओं पर सुनवाई, सरकार को पक्ष रखने के लिए 2 दिन का समय

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के आसन बैराज से निकलने वाली नहरों के ऊपर बने पुलों में भारी वाहन चलाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद आज पूर्व के आदेश पर राज्य सरकार ने स्थिति से अवगत कराया. राज्य सरकार ने कहा ट्रैफिक व भारी वाहनों को रोकने की व्यवस्था की जा रही है. साथ में पुलिस बैरिकैडिंग करने जा रही है.

कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने पुलों का निरीक्षण किया, जांच करने पर उनकी स्थिति वास्तव में ठीक नहीं पाई गई. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ में हुई. मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी.

देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता रघुनाथ सिंह नेगी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून के आसन बैराज से निकलने वाली नहरों के ऊपर 1965 में उत्तर प्रदेश सरकार ने आवाजाही हेतु कई पुलों का निर्माण किया गया था. जिनकी भार क्षमता भी नियमित की गई, लेकिन राज्य सरकार ने खनन की अनुमति देने बाद इन पुलों में भारी वाहन चलने लगे. पुलों की भार वहन करने की क्षमता कम होने के कारण ये कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, इसलिए पुलों के ऊपर भारी वाहन व ट्रैफिक पर रोक लगाई जाये. साथ ही इनकी मरम्मत की जाये. जांच एजेंसियों ने भी इनका सर्वे किया. उसमें भी भारी वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी गई. वैसे भी इनकी भार वहन करने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है.

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