नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारियों के देयकों का भुगतान नहीं करने और उनसे वसूली किए जाने को लेकर दायर परिवहन निगम की विशेष अपीलों पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए निगम की विशेष अपीलों को खारिज कर दिया है.
पूर्व में एकलपीठ ने इन रिटायर्ड कर्मचारी के रिकवरी आदेश पर रोक लगाते हुए परिवहन निगम को आदेश दिए थे कि इनके समस्त देयकों का तीन माह के भीतर भुगतान करें, जो कटौतियां की गई उनका भी ब्याज सहित भुगतान करें. इस आदेश के खिलाफ निगम ने खंडपीठ में विशेष अपीलें दायर की. आज सुनवाई के बाद खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए निगम की अपीलों को खारिज कर दिया है.
मामले के अनुसार कृष्णकांत यादव व अन्य लोगों ने उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कर कहा था कि वे परिवहन निगम से विभिन्न पदों से रिटायर कर्मचारी हैं. निगम ने उनका रिटायरमेंट के समस्त लाभों का भुगतान नहीं किया गया. साथ ही निगम ने रिटायरमेंट होने के बाद उनसे रिकवरी करने का आदेश जारी कर दिया. कर्मचारियों ने कई बार उनके रिटायरमेंट के देयकों का भुगतान करने के लिए प्रत्यावेदन दिया. उसके बाद भी उनको भुगतान नहीं किया गया. उसके बाद भी निगम द्वारा उनके देयकों से कटौती करने के आदेश जारी किए गए. याचिकर्ताओं का यह भी कहना है कि उनको रिटायर्ड हुए कई साल हो गए हैं, जबकि उनकी आर्थिक स्थित ठीक नहीं है, इसलिए उनका रिटायरमेंट का भुगतान शीघ्र कराया जाए और रिकवरी आदेश पर रोक लगाई जाए.
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