पटना: पटना हाईकोर्ट में 42 फ्लैट खरीददारों के करोड़ों रुपए की अग्रिम राशि को लेकर धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों के मामले पर सुनवाई हुई. पटना हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप कुमार ने इन बिल्डरों के खिलाफ पटना के थानों में दर्ज हुए दर्जनों एफआईआर की जांच का जिम्मा राज्य की आर्थिक अपराध ईकाई (EOU) को नहीं सौंपने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. पटना हाईकोर्ट अब इस मामले पर अगली सुनवाई 29 अप्रैल 2024 को करेगी.
कोर्ट ने राज्य सरकार से किया जवाब तलब : प्रीति स्वराज सहित 42 फ्लैट खरीददारों की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप कुमार ने निर्देश दिया. गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने ही अपने एक पूर्व के न्याय निर्णय में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि बिल्डरों के खिलाफ धोखाधड़ी संबंधित दर्ज प्राथमिकियों को राज्य की आर्थिक अपराध ईकाई को अनुसंधान के लिए स्थानांतरित करें.
100 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया: पटना हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को भी आदेश दिया है कि वे दो हफ्ते में कोर्ट को बताए की रिट याचिकाकर्ताओं की तरफ से बिल्डरों के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गयी है. करीब 42 रिट याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पटना स्थित मेसर्स अनुनानंद कंस्ट्रक्शन ने उनसे फ्लैट बेचने के बहाने 100 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया है.
29 अप्रैल को फिर होगी सुनवाई: कोर्ट ने बताया कि इस सिलसिले में पटना के थानों में दो दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज हुए एक साल से अधिक हो गया है लेकिन पुलिस चुप रही. यह घोर लापरवाही है. कोर्ट ने जांच का जिम्मा राज्य की आर्थिक अपराध ईकाई नहीं सौंपने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 29अप्रैल 2024 को होगी.
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