भरतपुर. बहुचर्चित पूर्व राजपरिवार के पारिवारिक विवाद मामले में मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी. भरतपुर दौरे पर आई जिला प्रभारी सचिव सुचि त्यागी की बैठक के चलते एसडीएम मामले की सुनवाई नहीं कर सके. अब मामले की सुनवाई की अगली तारीख 12 जून दी गई है. इस सुनवाई में तय किया जाना है कि मामला एसडीएम कोर्ट में सुनवाई योग्य है या नहीं.
पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह की याचिका पर एसडीएम कोर्ट में 28 मई को सुनवाई होनी थी. लेकिन एसडीएम रवि कुमार भरतपुर दौरे पर आई जिला प्रभारी सचिव सुची त्यागी की बैठक में व्यस्त रहे. जिसकी वजह से सुनवाई नहीं कर सके और अगली तारीख 12 जून दे दी.
यह है पूर्व राजपरिवार का विवाद: पूर्व राज परिवार सदस्य एवं पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह पर मारपीट करने, खाना नहीं देने, घर छोड़ने को मजबूर करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. पूर्व मंत्री ने वरिष्ठ नागरिक के रूप में उपखंड अधिकारी के ट्रिब्यूनल में प्रार्थना पत्र पेश कर ये आरोप लगाए थे. मामले में पूर्व मंत्री की पत्नी और पूर्व सांसद व बेटे ने भी चुनौती दी कि यह मामला एसडीएम कोर्ट में सुनवाई योग्य नहीं है. लेकिन अब एसडीएम कोर्ट अगली सुनवाई में तय करेगा कि ये मामला एसडीएम कोर्ट के योग्य है या नहीं.
मां-बेटे के आरोप: पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटा अनिरुद्ध सिंह ने पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने बीते 30 साल में महाराजा सूरजमल की पूरी संपत्ति बेच दी. सिर्फ एक मोतीमहल बचा है. दिव्या सिंह का कहना है कि मैं मरते दम तक मोतीमहल को बचाऊंगी. उन्होंने कहा कि 30 साल में मेरे साथ क्या हुआ, अगर मैंने ये बता दिया तो ऐसा ना हो सुप्रीम कोर्ट तक केस पहुंच जाए. साथ ही उन्होंने पारिवारिक विवाद में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी आग में घी डालने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी पत्नी और बेटे के आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताते हुए गहलोत से माफी मांगी थी.