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कर्ज में डूबे एमडीएम अस्पताल को उबारने की कवायद, स्वास्थ्य मंत्री ने किया दौरा - HEALTH MINISTER GAJENDRA KHINVSAR

स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर व सचिव गायत्री राठौड़ ने जोधपुर के एमडीएम व एमजी अस्पतालों का दौरा किया. व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए.

Health Minister Gajendra  Khinvsar
एमडीएम अस्पताल का दौरा करते चिकित्सा मंत्री (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 13, 2025, 4:01 PM IST

जोधपुर: संभाग के सबसे बड़े मथुरादास माथुर अस्पताल पर साठ करोड़ की देनदारी है. वह कर्ज में डूबा हुआ है. इसे उबारने के प्रयास शुरू हो रहे हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर व स्वास्थ्य विभाग की सचिव गायत्री राठौड़ ने अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने हॉस्पिटल में भर्ती और ओपीडी में आने वाले मरीजों के इलाज आदि को लेकर जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं और चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर बैठक भी ली. इसके बाद महात्मा गांधी हॉस्पिटल का दौरा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

स्वास्थ्य मंत्री खींवसर ने पत्रकारों से बातचीत में उनसे पूछा गया कि अस्पताल की वित्तीय स्थिति खराब हैं. सरकारी योजनाओं से राशि आ रही है, उससे ज्यादा खर्च हो रहा हैं, ऐसे में अस्पताल का संचालन कैसे होगा? इस पर खींवसर ने कहा कि हमने आज की बैठक में यही चर्चा की है कि दवाइयों का खर्च बहुत ज्यादा है. इसका पुनर्भरण कैसे किया जाए, इसके लिए काम कर रहे हैं.

पढ़ें: चिकित्सा मंत्री ने पीबीएम अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, मरीजों से लिया ​फी​डबैक, चिकित्सकों को दिए निर्देश

आरजीएचएस में मिलने वाली उपचार राशि बहुत कम है. इस पर उन्होंने कहा कि यह योजना हमारे अधीन नहीं है. वित्त विभाग के पास हैं. हम इसके लिए बात करेंगे. अस्पताल की आय के लिए कॉटेज वार्ड बढ़ाने के लिए काम शुरू करने के लिए उन्होंने आश्वासन दिया. इस दौरान एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर बीएस जोधा और अस्पताल अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित मौजूद रहे.

अस्पताल की हालत नाजुक: बता दें कि एमडीएम अस्पताल में सरकारी अनुदान की सख्त आवश्यकता है. यहां पर गत सरकार के कार्यकाल में महंगे उपचार किए गए. इसके लिए आवश्यक सामग्री व दवाइयों की राशि का पुनर्भरण नहीं हुआ. इससे कर्ज बढ़ता गया. इस दौरान गत वर्ष सरकार ने अधीक्षक बदल दिया. इसके बाद एक साल की अस्थाई व्यवस्था ने हालात और खराब कर दिए. हाल में सरकार ने वापस डॉ विकास राजपुरोहित को अस्पताल की कमान सौंपी है.उन्होंने बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता कर्जा उतारने की है, जिसके चलते कई काम बाधित हो रहे हैं.

जोधपुर: संभाग के सबसे बड़े मथुरादास माथुर अस्पताल पर साठ करोड़ की देनदारी है. वह कर्ज में डूबा हुआ है. इसे उबारने के प्रयास शुरू हो रहे हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर व स्वास्थ्य विभाग की सचिव गायत्री राठौड़ ने अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने हॉस्पिटल में भर्ती और ओपीडी में आने वाले मरीजों के इलाज आदि को लेकर जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं और चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर बैठक भी ली. इसके बाद महात्मा गांधी हॉस्पिटल का दौरा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

स्वास्थ्य मंत्री खींवसर ने पत्रकारों से बातचीत में उनसे पूछा गया कि अस्पताल की वित्तीय स्थिति खराब हैं. सरकारी योजनाओं से राशि आ रही है, उससे ज्यादा खर्च हो रहा हैं, ऐसे में अस्पताल का संचालन कैसे होगा? इस पर खींवसर ने कहा कि हमने आज की बैठक में यही चर्चा की है कि दवाइयों का खर्च बहुत ज्यादा है. इसका पुनर्भरण कैसे किया जाए, इसके लिए काम कर रहे हैं.

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आरजीएचएस में मिलने वाली उपचार राशि बहुत कम है. इस पर उन्होंने कहा कि यह योजना हमारे अधीन नहीं है. वित्त विभाग के पास हैं. हम इसके लिए बात करेंगे. अस्पताल की आय के लिए कॉटेज वार्ड बढ़ाने के लिए काम शुरू करने के लिए उन्होंने आश्वासन दिया. इस दौरान एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर बीएस जोधा और अस्पताल अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित मौजूद रहे.

अस्पताल की हालत नाजुक: बता दें कि एमडीएम अस्पताल में सरकारी अनुदान की सख्त आवश्यकता है. यहां पर गत सरकार के कार्यकाल में महंगे उपचार किए गए. इसके लिए आवश्यक सामग्री व दवाइयों की राशि का पुनर्भरण नहीं हुआ. इससे कर्ज बढ़ता गया. इस दौरान गत वर्ष सरकार ने अधीक्षक बदल दिया. इसके बाद एक साल की अस्थाई व्यवस्था ने हालात और खराब कर दिए. हाल में सरकार ने वापस डॉ विकास राजपुरोहित को अस्पताल की कमान सौंपी है.उन्होंने बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता कर्जा उतारने की है, जिसके चलते कई काम बाधित हो रहे हैं.

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