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सुबह के समय सिर दर्द होना ब्रेन ट्यूमर के लक्षण, विशेषज्ञ से लीजिए सलाह - symptoms of brain tumor

यदि सिर के एक ही हिस्से में तेज दर्द है. लगातार सिर दर्द हो रहा है. सिर में एक तरफ सुन्नपन है तो सर्तक हो जाएं, देरी नहीं करें, तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और परामर्श लें. क्योंकि, ये लक्षण ब्रेन ट्यूमर की आशंका बताते हैं.

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ब्रेन ट्यूमर (Etv Bharat reporter)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 9:03 AM IST

लखनऊ: क्या आपको सुबह के समय सिर में दर्द और तेज दबाव महसूस होता है? या फिर आंखों से धुंधला दिखता है, याददाश्त कमजोर होती जा रही है. ऐसे लक्षणों को नजरंदाज करना घातक हो सकता है. ये लक्षण ब्रेन ट्यूमर के है. वहीं, सिर में होने वाले कैंसर युक्त ट्यूमर के दोबारा होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. करीब 60 फीसदी रोगियों में ट्यूमर ऑपरेशन के कुछ माह बाद से लेकर पांच साल के भीतर दोबारा हो सकता है. जबकि कैंसर विहीन ट्यूमर ऑपरेशन के 10 से 15 साल बाद हो सकता है. विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस हर साल 8 जून को मनाया जाता है. लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विशेषज्ञों ने जानकारी साझा की.

पीजीआई के न्यूरो सर्जन डॉ. कमलेश सिंह भैसोड़ा ने बताया, कि आधुनिक तकनीक और गजेट्स आने से ब्रेन ट्यूमर की सफलता दर 90 फीसदी तक संभव है. दूरबीन, न्यूरो मॉनीटरिंग आदि गजेट्स से ट्यूमर के पूरे हिस्से का निकालना संभव हो गया है. बिनाइन ट्यूमर वाले मरीजों के ऑपरेशन के बाद मरीज सामान्य जीवन जी रहे हैं. हालांकि, कैंसर वाले ट्यूमर की सफलता दर कम है. यह काफी हद तक कीमो और रेडिएशन पर भी निर्भर करता है.

डॉ. कमलेश ने बताया, कि दिमाग के करीब 25 फीसदी ट्यूमर स्कल बेस दिमाग के (निचले हिस्से) में होते हैं. यह ऑपरेशन जटिल होते हैं. इसकी सर्जरी देश के कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है. कुछ ट्यूमर मस्तिष्क के ऊतकों को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं और कुछ ट्यूमर आसपास के हिस्सों पर दबाव डालते हैं. इसमें अक्सर सिरदर्द होते रहना सबसे कॉमन है. इसके साथ ही अगर आपको कुछ और लक्षण लंबे समय से महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

इसे भी पढ़े-World Brain Tumor Day 2021: यूपी में करीब 200 हैं न्यूरो सर्जन...पढ़िए पूरी रिपोर्ट


ओपीडी में आने वाले आधे मरीज ब्रेन ट्यूमर के शिकार: पीजीआई के न्यूरो सर्जन डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है, कि न्यूरोसर्जरी विभाग की ओपीडी में आने वाले मरीजों में आधे मरीज ब्रेन ट्यूमर के होते हैं. पीजीआई, केजीएमयू और लोहिया संस्थान में रोजाना औसतन 50 रोगी ब्रेन ट्यूमर के आ रहे हैं. इलाज में देरी पर यह जानलेवा हो सकता है. कैंसर युक्त ट्यूमर में सबसे ज्यादा खतरनाक ग्लियोब्लास्टोमा ट्यूमर होता है. इसमें ऑपरेशन के बाद भी मरीज का जीवन करीब डेढ़ साल का होता है. यह ट्यूमर बहुत अक्रामक होता है. ऑपरेशन के बाद यह तेजी से बढ़ता है. इसका सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है.

लक्षण: तेज सिर दर्द के साथ उल्टी होना. दौरे आना. दिमाग का ठीक से काम न करना. दोहरा या धुंधला दिखना. याद रखने में कठिनाई होना. बोलने में कठिनाई होना. हाथ, पैर और शरीर का एक तरफ का हिस्सा कमजोर होना.

यह भी पढ़े-जानिए...पैरालिसिस अटैक आने के कारण, क्या इलाज भी है संभव ?

लखनऊ: क्या आपको सुबह के समय सिर में दर्द और तेज दबाव महसूस होता है? या फिर आंखों से धुंधला दिखता है, याददाश्त कमजोर होती जा रही है. ऐसे लक्षणों को नजरंदाज करना घातक हो सकता है. ये लक्षण ब्रेन ट्यूमर के है. वहीं, सिर में होने वाले कैंसर युक्त ट्यूमर के दोबारा होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. करीब 60 फीसदी रोगियों में ट्यूमर ऑपरेशन के कुछ माह बाद से लेकर पांच साल के भीतर दोबारा हो सकता है. जबकि कैंसर विहीन ट्यूमर ऑपरेशन के 10 से 15 साल बाद हो सकता है. विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस हर साल 8 जून को मनाया जाता है. लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विशेषज्ञों ने जानकारी साझा की.

पीजीआई के न्यूरो सर्जन डॉ. कमलेश सिंह भैसोड़ा ने बताया, कि आधुनिक तकनीक और गजेट्स आने से ब्रेन ट्यूमर की सफलता दर 90 फीसदी तक संभव है. दूरबीन, न्यूरो मॉनीटरिंग आदि गजेट्स से ट्यूमर के पूरे हिस्से का निकालना संभव हो गया है. बिनाइन ट्यूमर वाले मरीजों के ऑपरेशन के बाद मरीज सामान्य जीवन जी रहे हैं. हालांकि, कैंसर वाले ट्यूमर की सफलता दर कम है. यह काफी हद तक कीमो और रेडिएशन पर भी निर्भर करता है.

डॉ. कमलेश ने बताया, कि दिमाग के करीब 25 फीसदी ट्यूमर स्कल बेस दिमाग के (निचले हिस्से) में होते हैं. यह ऑपरेशन जटिल होते हैं. इसकी सर्जरी देश के कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है. कुछ ट्यूमर मस्तिष्क के ऊतकों को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं और कुछ ट्यूमर आसपास के हिस्सों पर दबाव डालते हैं. इसमें अक्सर सिरदर्द होते रहना सबसे कॉमन है. इसके साथ ही अगर आपको कुछ और लक्षण लंबे समय से महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

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ओपीडी में आने वाले आधे मरीज ब्रेन ट्यूमर के शिकार: पीजीआई के न्यूरो सर्जन डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है, कि न्यूरोसर्जरी विभाग की ओपीडी में आने वाले मरीजों में आधे मरीज ब्रेन ट्यूमर के होते हैं. पीजीआई, केजीएमयू और लोहिया संस्थान में रोजाना औसतन 50 रोगी ब्रेन ट्यूमर के आ रहे हैं. इलाज में देरी पर यह जानलेवा हो सकता है. कैंसर युक्त ट्यूमर में सबसे ज्यादा खतरनाक ग्लियोब्लास्टोमा ट्यूमर होता है. इसमें ऑपरेशन के बाद भी मरीज का जीवन करीब डेढ़ साल का होता है. यह ट्यूमर बहुत अक्रामक होता है. ऑपरेशन के बाद यह तेजी से बढ़ता है. इसका सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है.

लक्षण: तेज सिर दर्द के साथ उल्टी होना. दौरे आना. दिमाग का ठीक से काम न करना. दोहरा या धुंधला दिखना. याद रखने में कठिनाई होना. बोलने में कठिनाई होना. हाथ, पैर और शरीर का एक तरफ का हिस्सा कमजोर होना.

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