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नियमों को ताक पर रखकर अलॉट की थी दुकानें, हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर तलब किए विभागों के मुखिया - HC notice to Kangra officers

High court notice: कांगड़ा जिला में नियमों को ताक पर रखकर दुकान व बूथ अलॉट किए जाने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Himachal high court
हिमाचल हाई कोर्ट (ETV Bharat file photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 18, 2024, 10:33 PM IST

शिमला: कांगड़ा जिला में मार्केटिंग बोर्ड द्वारा नियमों को ताक पर रखकर दुकान व बूथ अलॉट किए जाने से जुड़े मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने कृषि विभाग के प्रधान सचिव व निदेशक सहित हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग बोर्ड, कृषि उत्पादन विपणन समिति के सचिव, डीसी कांगड़ा व पुलिस अधीक्षक राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए. याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार, समिति ने कांगड़ा जिला के विभिन्न क्षेत्रों में बोर्ड द्वारा बनाई सब्जियों व फलों की बिक्री वाली दुकानों व बूथों को अलॉट करने के लिए विज्ञापन जारी किए थे. थोक मात्रा में सब्जियों व फलों की बिक्री के लिए इन दुकानों व बूथों को स्थापित किया गया है. विज्ञापन के मुताबिक 15 फ़ीसदी दुकानें स्थानीय लोगों के लिए, 50 फ़ीसदी आढ़तियों के लिए ,10 फीसदी सहकारी एवं संबंधित संस्थाओं के लिए, 10 फीसदी अनुसूचित जाति वालों के लिए, पांच फीसदी अनुसूचित जनजाति के लिए व 10 फीसदी पिछड़ा वर्ग श्रेणी के लिए आरक्षित रखा गया था.

आरोप है कि कृषि उत्पादन विपणन समिति कांगड़ा ने गलत तरीके से दुकानों का आवंटन कर दिया. कुछ ऐसे लोगों को दुकान,बूथ व गोदाम आवंटित कर दिए जो नियमों के दायरे में ही नहीं आते थे. आरोप है कि कुछ ने तो दुकान पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र तक हासिल कर दिए और वह दुकान हासिल करने में कामयाब भी हो गए. इन दुकानदारों को निजी तौर पर प्रतिवादी बनाया गया है. फिलहाल तत्कालीन सचिव व निजी तौर पर प्रतिवादी बनाए गए दुकानदारों को हाईकोर्ट की ओर से नोटिस जारी नहीं किया गया है. प्रार्थी की ओर से सक्षम अधिकारियों के समक्ष इस बाबत शिकायत भेजी गई थी मगर फिर भी उनकी ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. मामले में आगामी सुनवाई 13 अगस्त को होगी.

ये भी पढ़ें: पॉलिटिकल साइंस में MA हैं CM सुक्खू की धर्मपत्नी, 20 साल से हैं कांग्रेस कमेटी की सदस्य

शिमला: कांगड़ा जिला में मार्केटिंग बोर्ड द्वारा नियमों को ताक पर रखकर दुकान व बूथ अलॉट किए जाने से जुड़े मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने कृषि विभाग के प्रधान सचिव व निदेशक सहित हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग बोर्ड, कृषि उत्पादन विपणन समिति के सचिव, डीसी कांगड़ा व पुलिस अधीक्षक राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए. याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार, समिति ने कांगड़ा जिला के विभिन्न क्षेत्रों में बोर्ड द्वारा बनाई सब्जियों व फलों की बिक्री वाली दुकानों व बूथों को अलॉट करने के लिए विज्ञापन जारी किए थे. थोक मात्रा में सब्जियों व फलों की बिक्री के लिए इन दुकानों व बूथों को स्थापित किया गया है. विज्ञापन के मुताबिक 15 फ़ीसदी दुकानें स्थानीय लोगों के लिए, 50 फ़ीसदी आढ़तियों के लिए ,10 फीसदी सहकारी एवं संबंधित संस्थाओं के लिए, 10 फीसदी अनुसूचित जाति वालों के लिए, पांच फीसदी अनुसूचित जनजाति के लिए व 10 फीसदी पिछड़ा वर्ग श्रेणी के लिए आरक्षित रखा गया था.

आरोप है कि कृषि उत्पादन विपणन समिति कांगड़ा ने गलत तरीके से दुकानों का आवंटन कर दिया. कुछ ऐसे लोगों को दुकान,बूथ व गोदाम आवंटित कर दिए जो नियमों के दायरे में ही नहीं आते थे. आरोप है कि कुछ ने तो दुकान पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र तक हासिल कर दिए और वह दुकान हासिल करने में कामयाब भी हो गए. इन दुकानदारों को निजी तौर पर प्रतिवादी बनाया गया है. फिलहाल तत्कालीन सचिव व निजी तौर पर प्रतिवादी बनाए गए दुकानदारों को हाईकोर्ट की ओर से नोटिस जारी नहीं किया गया है. प्रार्थी की ओर से सक्षम अधिकारियों के समक्ष इस बाबत शिकायत भेजी गई थी मगर फिर भी उनकी ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. मामले में आगामी सुनवाई 13 अगस्त को होगी.

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