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नर्सिंग कॉलेज मामले में HC में सुनवाई, अपात्र कॉलेज के छात्रों को लेना होगा नए कॉलेजों में एडमिशन - एमपी नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा

HC On MP Nursing College Scam एमपी नर्सिंग कॉलेज एडमिशन फर्जीवाड़े को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जहां कोर्ट ने अपात्र कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों नए कॉलेज में एडमिशन लेने की बात कही है.

hc on mp nursing college scam
नर्सिंग कॉलेज मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 10:54 PM IST

Updated : Feb 5, 2024, 11:03 PM IST

नर्सिंग कॉलेज मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई

जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट में सोमवार को एक बार फिर फर्जी नर्सिंग कॉलेज से जुड़े हुए मामले की सुनवाई हुई. आज भी कोर्ट में नर्सिंग छात्राओं की परीक्षाओं को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है. वहीं एक बार फिर संबद्धता देने वाली संस्थाओं ने अपात्र लोगों को कॉलेज खोलने की अनुमति दे दी. इस पर कोर्ट ने फटकार भी लगाई. वहीं जिन कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है. उनके छात्र-छात्राओं को दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट करने के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है.

नर्सिंग छात्रों की परीक्षा पर नहीं हो पाया फैसला

एक बार फिर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में नर्सिंग कॉलेज के फर्जीवाड़े से जुड़े मामले की सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा नर्सिंग के छात्र-छात्राएं इस बात पर टकटकी लगाए बैठे रहे, कहीं कोर्ट उनकी परीक्षा को हरी झंडी दे दे, लेकिन इस सुनवाई में भी उनकी परीक्षा को हरी झंडी नहीं मिली है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 2020 के बाद से एक भी नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं की परीक्षा नहीं हो पाई है. मध्य प्रदेश में तकरीबन डेढ़ लाख बच्चे इस कोर्स में फंस गए हैं.

कोर्ट में मामला लंबित होने के बाद भी खुले नए कॉलेज

हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि 2020 से जब से यह मामला कोर्ट में चल रहा है. उसके बाद भी नर्सिंग काउंसिल की ओर से नए कॉलेजों को अनुमति दी जा रही है. 2021 में 49 और 2022 में 48 नए कॉलेज खोलने की अनुमति दी गई. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि इन कॉलेज में भी वही गड़बड़ियां हैं. जो पहले से चल रहे कॉलेज में पाई गई थी. इस मुद्दे पर कोर्ट ने सरकार को फटकार भी लगाई है.

बाकी बचे हुए कॉलेज की सीबीआई जांच

मध्य प्रदेश के कुल मिलाकर 791 में से 364 की सीबीआई जांच हो चुकी है, लेकिन अभी भी 300 से ज्यादा कॉलेज ऐसे हैं, जिनकी जांच नहीं हुई है. कोर्ट ने इन कॉलेज की जांच की भी अनुमति दे दी है. इन सभी कॉलेजों को नर्सिंग काउंसिल ने मान्यता दी है.

यहां पढ़ें...

कमेटी पर फैसला

कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वह एक कमेटी बनाए, जो उन छात्रों की व्यवस्था करे, जिन्होंने ऐसे कॉलेजों में एडमिशन ले लिया था. जो सीबीआई जांच में अपात्र पाए गए हैं. अब इन छात्रों को नए सिरे से नए कॉलेजों में एडमिशन दिया जाएगा. अपात्र संस्थाओं को जिन लोगों ने मान्यता दी थी. उन लोगों ने भ्रष्टाचार के जरिए अरबों पैसे कमाए. हर कॉलेज ने खुलने के पहले बड़े पैमाने पर रिश्वत दी थी. इस पूरी सुनवाई में उन लोगों पर कोई फैसला नहीं आया है.

नर्सिंग कॉलेज मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई

जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट में सोमवार को एक बार फिर फर्जी नर्सिंग कॉलेज से जुड़े हुए मामले की सुनवाई हुई. आज भी कोर्ट में नर्सिंग छात्राओं की परीक्षाओं को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है. वहीं एक बार फिर संबद्धता देने वाली संस्थाओं ने अपात्र लोगों को कॉलेज खोलने की अनुमति दे दी. इस पर कोर्ट ने फटकार भी लगाई. वहीं जिन कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है. उनके छात्र-छात्राओं को दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट करने के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है.

नर्सिंग छात्रों की परीक्षा पर नहीं हो पाया फैसला

एक बार फिर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में नर्सिंग कॉलेज के फर्जीवाड़े से जुड़े मामले की सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा नर्सिंग के छात्र-छात्राएं इस बात पर टकटकी लगाए बैठे रहे, कहीं कोर्ट उनकी परीक्षा को हरी झंडी दे दे, लेकिन इस सुनवाई में भी उनकी परीक्षा को हरी झंडी नहीं मिली है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 2020 के बाद से एक भी नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं की परीक्षा नहीं हो पाई है. मध्य प्रदेश में तकरीबन डेढ़ लाख बच्चे इस कोर्स में फंस गए हैं.

कोर्ट में मामला लंबित होने के बाद भी खुले नए कॉलेज

हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि 2020 से जब से यह मामला कोर्ट में चल रहा है. उसके बाद भी नर्सिंग काउंसिल की ओर से नए कॉलेजों को अनुमति दी जा रही है. 2021 में 49 और 2022 में 48 नए कॉलेज खोलने की अनुमति दी गई. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि इन कॉलेज में भी वही गड़बड़ियां हैं. जो पहले से चल रहे कॉलेज में पाई गई थी. इस मुद्दे पर कोर्ट ने सरकार को फटकार भी लगाई है.

बाकी बचे हुए कॉलेज की सीबीआई जांच

मध्य प्रदेश के कुल मिलाकर 791 में से 364 की सीबीआई जांच हो चुकी है, लेकिन अभी भी 300 से ज्यादा कॉलेज ऐसे हैं, जिनकी जांच नहीं हुई है. कोर्ट ने इन कॉलेज की जांच की भी अनुमति दे दी है. इन सभी कॉलेजों को नर्सिंग काउंसिल ने मान्यता दी है.

यहां पढ़ें...

कमेटी पर फैसला

कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वह एक कमेटी बनाए, जो उन छात्रों की व्यवस्था करे, जिन्होंने ऐसे कॉलेजों में एडमिशन ले लिया था. जो सीबीआई जांच में अपात्र पाए गए हैं. अब इन छात्रों को नए सिरे से नए कॉलेजों में एडमिशन दिया जाएगा. अपात्र संस्थाओं को जिन लोगों ने मान्यता दी थी. उन लोगों ने भ्रष्टाचार के जरिए अरबों पैसे कमाए. हर कॉलेज ने खुलने के पहले बड़े पैमाने पर रिश्वत दी थी. इस पूरी सुनवाई में उन लोगों पर कोई फैसला नहीं आया है.

Last Updated : Feb 5, 2024, 11:03 PM IST
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