महेंद्रगढ़: नारनौल के नावदी गांव की 9 साल की बच्ची गरिमा को सामाजिक कार्यों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 के लिए उनका चयन किया गया है. गरिमा पूरे हरियाणा से एकमात्र बालिका है. जिसका इस साल राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 के लिए चयन हुआ है. 22 जनवरी 2024 को विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में भारत के राष्ट्रपति द्वारा उन्हें पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.
गरिमा एक दृष्टिबाधित लड़की है, जो "साक्षर पाठशाला" नाम के अभियान से बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही है. अब तक वो एक हजार से अधिक बच्चों से जुड़ चुकी हैं. बच्चों को शिक्षित करने में उनके असाधारण प्रयासों ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाया है. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार असाधारण योग्यताओं और उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए बच्चों को दिया जाता है. राष्ट्रीय स्तर के ये पुरस्कार 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को ये पुरस्कार दिया जाता है.
बहादुरी, कला और संस्कृति, पर्यावरण, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा और खेल जैसी सात श्रेणियों में बच्चों की उत्कृष्टता के लिए ये पुरस्कार दिया जाता है. प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, प्रमाण पत्र और एक प्रशस्ति पुस्तिका दी जाती है. 22 जनवरी 2024 को विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार वर्ष 2024 के लिए देश के सभी क्षेत्रों से असाधारण उपलब्धियों के लिए 19 बच्चों का चयन किया गया है.
इन बच्चों में हरियाणा के एक छोटे से गांव की बच्ची का नाम आना जिला महेंद्रगढ़ के लिए गर्व की बात है. 23 जनवरी, 2024 को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से मुलाकात करेंगे. बच्चे 26 जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेंगे. समाज सेवा की श्रेणी में चार बच्चे शामिल हैं. सूची में 9 लड़के और 10 लड़कियां शामिल हैं. ये 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं.
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