भिवानी: हरियाणा के भिवानी में कस्बा बवानी खेड़ा के गांव जमालपुर में गरीब परिवार रामनिवास के घर जन्मे हरिओम बाबा ने अपनी कला का लोहा इंटरनेशनल स्तर पर मनवाया है. उनके पिता मजदूरी का काम करते हैं. लेकिन हरिओम बाबा ने अपनी मेहनत और लगन से कला के क्षेत्र में अहम स्थान हासिल किया है. बीके स्कूल में कला अध्यापक के रूप में कार्यरत हरिओम ने हाल ही में सेबेस्टियन आर्ट गैलरी में कांस्य पदक जीता और अपने गांव का नाम रोशन किया है. इस इंटरनेशनल कला प्रदर्शनी का आयोजन आर्ट कॉम एक्सपो इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ आर्टिस्ट एंड पार्टनर्स, नॉर्वे द्वारा किया गया है.
हरियाणा के लिए गर्व की बात: इस इंटरनेशनल कला प्रदर्शनी में 16 देशों के 56 कलाकारों ने अपनी-अपनी उत्कृष्ट कलाकृतियों का प्रदर्शन किया. हरिओम बाबा की पेंटिंग ने विशेष रूप से दर्शकों और निर्णायक मंडल का ध्यान आकर्षित किया और उन्हें कांस्य पदक से सम्मानित किया. बाबा इंटरनेशनल स्तर पर पदक जीतने वाले हरियाणा के पहले कलाकार बन गए हैं. जो कि हरियाणा के लिए गर्व की बात है. बता दें कि सेबेस्टियन आर्ट गैलरी क्रोएशिया के डबरोवनिक में स्थित एक प्रसिद्ध आर्ट गैलरी है. यह गैलरी विश्व भर के कलाकारों को एक मंच प्रदान करती है. जहां वे अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन कर सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय कला जगत में अपनी पहचान बना सकते हैं.
पांच घोड़ों की पेंटिंग में जीता पदक: हरियाणा के पहले कलाकार प्रदर्शनी की निदेशक बर्नेस जिसेलदा सालबू ने इस बार के आयोजन का नेतृत्व किया. हरिओम ने बताया कि इस प्रदर्शनी का विषय कला ही उनका जीवन है. हरिओम बाबा को यह पदक उनकी पेंटिंग पांच घोड़ों के लिए मिला है. जो महान भारती कलाकार एमएफ हुसैन की कलाकृति की याद दिलाती है. हरिओम बाबा की इस पेंटिंग में घोड़ों की गतिशीलता और ऊर्जा को अद्वितीय तरीके से प्रस्तुत किया गया है. यह पेंटिंग न केवल रंगों और ब्रश स्ट्रोक्स का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि इसमें घोड़ों की स्वाभाविक गति और शक्ति को भी बेहतरीन तरीके से दर्शाया गया है.
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