हरिद्वार: समान नागरिक संहिता का फाइनल ड्राफ्ट तैयार हो चुका है. गठित कमेटी ने ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है. कल तीन फरवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता के प्रस्ताव पर मोहर लगेगी, जिसके बाद 6 फरवरी को सरकार इस विधेयक को सदन के पटल पर रखेगी. धामी सरकार के इस कदम की हरिद्वार से साधु-संतों ने तारीफ की है.
आखिल भारतीय अखाड़ा परिषक्ष के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने यूसीसी को लेकर उत्तराखंड की धामी सरकार को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ साधु-संतों का आशीर्वाद है. श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने बताया कि यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए धामी सरकार ने जो कमेठी गठित की थी, उस कमेठी ने हरिद्वार में कुछ साधु-संतों से भी परामर्श लिया था.
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श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने समान नागरिक संहिता कानून को धामी सरकार का अच्छा प्रयास बताया है. उनका मानना है कि इससे समाज में समानता आएगी. श्रीमहंत रवींद्र पुरी का कहना है कि किसी विशेष वर्ग को संविधान के तहत विशेष अधिकार नहीं मिलना चाहिए. संविधान में सभी नागरिकों के लिए सामान अधिकार होने चाहिए. उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य ने इस दिशा में एक प्रयास किया है, जो देश में नजीर बनेगा.
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वहीं, दिगम्बर आणि अखाड़ा के बाबा हठयोगी का कहना है कि उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता कानून देश के लिए मिसाल बनेगा, जो हर नागरिक को एक कानून में बंधेगा. वहीं, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद का कहना है कि आज पूरा संत समाज काफी खुश है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता की दिशा में जो कदम उठाया है, ऐसा साहस कभी और कोई कोई ही करता है. कई लोग सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे है. उन्हें उम्मीद है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जैसा साहस अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी दिखाएंगे.
इसी के साथ बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक ने कहा कि आज यूसीसी का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री को सौंपा गया है. 6 तारीख को यूसीसी विधेयक विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा. इसी के साथ उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा.