ETV Bharat / state

कौन थी किरण जो प्रधानमंत्री की गोद में खेली, बहु बनाने सिंधिया राजपरिवार ने सरहद लांघी, रेल दौड़ाई - Kiran Nepali PM Grand Daughter

दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और ग्वालियर सिंधिया राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया. बुधवार रात तक उनके पार्थिव शरीर को एयर एंबुलेंस के जरिये ग्वालियर लाया जाएगा. इस ऑर्टिकल के जरिए जानें माधवी राजे सिंधिया और माधवराव सिंधिया की शादी के अनोखे किस्से.

Who was Kiran Known As Madhvi Raje
माधव राव और माधवी राजे सिंधिया (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 15, 2024, 2:24 PM IST

Updated : May 15, 2024, 7:07 PM IST

ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और ग्वालियर सिंधिया राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का बुधवार सुबह निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली. दुख की इस घड़ी में सिंधिया राजघराने में शोक की लहर है. आपको बता दें कि लंबे अरसे पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता माधव राव सिंधिया को एक प्लेन दुर्घटना में खो चुके थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब 60 के दशक में माधवी का विवाह ग्वालियर के महाराज माधवराव सिंधिया से हुआ था तो बारात ले जाने के लिए महाराजा सिंधिया ने ग्वालियर से दिल्ली के बीच एक स्पेशल ट्रेन चलवाई थी.

Kiran Nepali PM Grand Daughter
50वीं सालगिरह मनाते हुए माधव राव और माधवी राजे सिंधिया (Etv Bharat)

दिल्ली में आयोजित की गई थी शादी

वैसे कहा जाता है कि बड़ी शख्सियतों के किस्से भी बड़े होते हैं. ऐसा ही किस्सा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और उनके पिता माधवराव सिंधिया के विवाह से जुड़ा है. जब माधवीराज सिंधिया का विवाह माधवराव सिंधिया से हुआ था तो हर तरफ चर्चा हुई थी, क्योंकि उस दौरान यह शादी नेपाल की राजकुमारी और ग्वालियर के महाराज की थी. राजकुमारी और महराज का विवाह स्थल देश की राजधानी दिल्ली में रखा गया था.

विवाह से पहले नेपाल की राजकुमारी थीं माधवी राजे

बताया जाता है कि, साल 1971 में जब भारत में राजशाही रियासतों को समाप्त किया गया तो उससे पहले 1966 में ग्वालियर के महाराज माधवराव सिंधिया के विवाह के लिये कई प्रस्ताव आए थे. जिनमे से एक तस्वीर थी नेपाल के प्रधानमंत्री, कास्की और लमजुंग के महाराजा, गोरखा के सरदार रामकृष्ण कुंवर के पैतृक वंशज जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा की पोती किरण राज्यलक्ष्मी देवी की थी. उस दौरान ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने इस विवाह के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और विवाह संबंध पक्का हो गया. शादी की तारीख और जगह तय की गई. तारीख थी 8 मई 1966 और जगह दिल्ली.

MADHAVI RAJE SCINDIA MARRIAGE STORY
किरण राज्य लक्ष्मी कैसे बनीं माधवी राजे सिंधिया (Etv Bharat)

बारातियों के लिए चलाई गई थी स्पेशल ट्रेन

जब शादी का समय आया तो पूरी ग्वालियर रियासत दुल्हन की तरह सजी थी. हर तरफ उल्लास का माहौल था और बड़े-बड़े लोग शादी में शामिल होने के लिए जाने वाले थे. ऐसे में इतनी संख्या में बरातियों को ले जाने की बात जब सामने आई. फिर माधवराव सिंधिया ने दिल्ली में बात की और उस दौरान एक स्पेशल ट्रेन ग्वालियर से दिल्ली के बीच विशेष रूप से बारात के आने जाने के लिए चलाई गई थी.

विवाह के बाद राजकुमारी को मिला था नया नाम

तय समय और महूर्त में माधव राव सिंधिया के साथ किरण राज्य लक्ष्मी देवी का विवाह संपन्न हुआ. सिंधिया परिवार की नई बहू शादी के बाद ग्वालियर राज महल में आई तो सिंधिया राजपरिवार की परंपरा के अनुसार किरण राज्य लक्ष्मी का पुनः नामकरण किया गया. इसके बाद उन्हे माधवी राजे सिंधिया के नाम से जाना जाने लगा. बाद में उनके दो बच्चे हुए पहली बेटी चित्रांगदा राजे सिंधिया और दूसरा बेटा ज्योतिरादित्य सिंधिया.

Madvi Raje Scindia Original Name
इंदिरा गांधी के साथ सिंधिया राज परिवार (Etv Bharat)

ये भी पढ़ें:

मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का निधन, दिल्ली AIIMS में ली आखिरी सांस

राजमाता विजयाराजे सिंधिया की बहू माधवी राजे को कभी रास न आई राजनीति, जनता ने केवल प्रचार में देखा

गुरुवार को ग्वालियर आएगा पार्थिव शरीर

राजमाता माधवी राजे सिंधिया इस दुनिया में नहीं रहीं. उनके निधन के बाद उनके बेटे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजपरिवार के लोग उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार को एयर एंबुलेंस के जरिये ग्वालियर लाएंगे. फिर सिंधिया पैलेस में उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा. इसके बाद सिंधिया राजवंश की शाही छतरी पर माधवी राजे सिंधिया का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और ग्वालियर सिंधिया राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का बुधवार सुबह निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली. दुख की इस घड़ी में सिंधिया राजघराने में शोक की लहर है. आपको बता दें कि लंबे अरसे पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता माधव राव सिंधिया को एक प्लेन दुर्घटना में खो चुके थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब 60 के दशक में माधवी का विवाह ग्वालियर के महाराज माधवराव सिंधिया से हुआ था तो बारात ले जाने के लिए महाराजा सिंधिया ने ग्वालियर से दिल्ली के बीच एक स्पेशल ट्रेन चलवाई थी.

Kiran Nepali PM Grand Daughter
50वीं सालगिरह मनाते हुए माधव राव और माधवी राजे सिंधिया (Etv Bharat)

दिल्ली में आयोजित की गई थी शादी

वैसे कहा जाता है कि बड़ी शख्सियतों के किस्से भी बड़े होते हैं. ऐसा ही किस्सा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और उनके पिता माधवराव सिंधिया के विवाह से जुड़ा है. जब माधवीराज सिंधिया का विवाह माधवराव सिंधिया से हुआ था तो हर तरफ चर्चा हुई थी, क्योंकि उस दौरान यह शादी नेपाल की राजकुमारी और ग्वालियर के महाराज की थी. राजकुमारी और महराज का विवाह स्थल देश की राजधानी दिल्ली में रखा गया था.

विवाह से पहले नेपाल की राजकुमारी थीं माधवी राजे

बताया जाता है कि, साल 1971 में जब भारत में राजशाही रियासतों को समाप्त किया गया तो उससे पहले 1966 में ग्वालियर के महाराज माधवराव सिंधिया के विवाह के लिये कई प्रस्ताव आए थे. जिनमे से एक तस्वीर थी नेपाल के प्रधानमंत्री, कास्की और लमजुंग के महाराजा, गोरखा के सरदार रामकृष्ण कुंवर के पैतृक वंशज जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा की पोती किरण राज्यलक्ष्मी देवी की थी. उस दौरान ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने इस विवाह के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और विवाह संबंध पक्का हो गया. शादी की तारीख और जगह तय की गई. तारीख थी 8 मई 1966 और जगह दिल्ली.

MADHAVI RAJE SCINDIA MARRIAGE STORY
किरण राज्य लक्ष्मी कैसे बनीं माधवी राजे सिंधिया (Etv Bharat)

बारातियों के लिए चलाई गई थी स्पेशल ट्रेन

जब शादी का समय आया तो पूरी ग्वालियर रियासत दुल्हन की तरह सजी थी. हर तरफ उल्लास का माहौल था और बड़े-बड़े लोग शादी में शामिल होने के लिए जाने वाले थे. ऐसे में इतनी संख्या में बरातियों को ले जाने की बात जब सामने आई. फिर माधवराव सिंधिया ने दिल्ली में बात की और उस दौरान एक स्पेशल ट्रेन ग्वालियर से दिल्ली के बीच विशेष रूप से बारात के आने जाने के लिए चलाई गई थी.

विवाह के बाद राजकुमारी को मिला था नया नाम

तय समय और महूर्त में माधव राव सिंधिया के साथ किरण राज्य लक्ष्मी देवी का विवाह संपन्न हुआ. सिंधिया परिवार की नई बहू शादी के बाद ग्वालियर राज महल में आई तो सिंधिया राजपरिवार की परंपरा के अनुसार किरण राज्य लक्ष्मी का पुनः नामकरण किया गया. इसके बाद उन्हे माधवी राजे सिंधिया के नाम से जाना जाने लगा. बाद में उनके दो बच्चे हुए पहली बेटी चित्रांगदा राजे सिंधिया और दूसरा बेटा ज्योतिरादित्य सिंधिया.

Madvi Raje Scindia Original Name
इंदिरा गांधी के साथ सिंधिया राज परिवार (Etv Bharat)

ये भी पढ़ें:

मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का निधन, दिल्ली AIIMS में ली आखिरी सांस

राजमाता विजयाराजे सिंधिया की बहू माधवी राजे को कभी रास न आई राजनीति, जनता ने केवल प्रचार में देखा

गुरुवार को ग्वालियर आएगा पार्थिव शरीर

राजमाता माधवी राजे सिंधिया इस दुनिया में नहीं रहीं. उनके निधन के बाद उनके बेटे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजपरिवार के लोग उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार को एयर एंबुलेंस के जरिये ग्वालियर लाएंगे. फिर सिंधिया पैलेस में उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा. इसके बाद सिंधिया राजवंश की शाही छतरी पर माधवी राजे सिंधिया का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Last Updated : May 15, 2024, 7:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.