ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और ग्वालियर सिंधिया राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का बुधवार सुबह निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली. दुख की इस घड़ी में सिंधिया राजघराने में शोक की लहर है. आपको बता दें कि लंबे अरसे पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता माधव राव सिंधिया को एक प्लेन दुर्घटना में खो चुके थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब 60 के दशक में माधवी का विवाह ग्वालियर के महाराज माधवराव सिंधिया से हुआ था तो बारात ले जाने के लिए महाराजा सिंधिया ने ग्वालियर से दिल्ली के बीच एक स्पेशल ट्रेन चलवाई थी.
दिल्ली में आयोजित की गई थी शादी
वैसे कहा जाता है कि बड़ी शख्सियतों के किस्से भी बड़े होते हैं. ऐसा ही किस्सा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और उनके पिता माधवराव सिंधिया के विवाह से जुड़ा है. जब माधवीराज सिंधिया का विवाह माधवराव सिंधिया से हुआ था तो हर तरफ चर्चा हुई थी, क्योंकि उस दौरान यह शादी नेपाल की राजकुमारी और ग्वालियर के महाराज की थी. राजकुमारी और महराज का विवाह स्थल देश की राजधानी दिल्ली में रखा गया था.
विवाह से पहले नेपाल की राजकुमारी थीं माधवी राजे
बताया जाता है कि, साल 1971 में जब भारत में राजशाही रियासतों को समाप्त किया गया तो उससे पहले 1966 में ग्वालियर के महाराज माधवराव सिंधिया के विवाह के लिये कई प्रस्ताव आए थे. जिनमे से एक तस्वीर थी नेपाल के प्रधानमंत्री, कास्की और लमजुंग के महाराजा, गोरखा के सरदार रामकृष्ण कुंवर के पैतृक वंशज जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा की पोती किरण राज्यलक्ष्मी देवी की थी. उस दौरान ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने इस विवाह के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और विवाह संबंध पक्का हो गया. शादी की तारीख और जगह तय की गई. तारीख थी 8 मई 1966 और जगह दिल्ली.
बारातियों के लिए चलाई गई थी स्पेशल ट्रेन
जब शादी का समय आया तो पूरी ग्वालियर रियासत दुल्हन की तरह सजी थी. हर तरफ उल्लास का माहौल था और बड़े-बड़े लोग शादी में शामिल होने के लिए जाने वाले थे. ऐसे में इतनी संख्या में बरातियों को ले जाने की बात जब सामने आई. फिर माधवराव सिंधिया ने दिल्ली में बात की और उस दौरान एक स्पेशल ट्रेन ग्वालियर से दिल्ली के बीच विशेष रूप से बारात के आने जाने के लिए चलाई गई थी.
विवाह के बाद राजकुमारी को मिला था नया नाम
तय समय और महूर्त में माधव राव सिंधिया के साथ किरण राज्य लक्ष्मी देवी का विवाह संपन्न हुआ. सिंधिया परिवार की नई बहू शादी के बाद ग्वालियर राज महल में आई तो सिंधिया राजपरिवार की परंपरा के अनुसार किरण राज्य लक्ष्मी का पुनः नामकरण किया गया. इसके बाद उन्हे माधवी राजे सिंधिया के नाम से जाना जाने लगा. बाद में उनके दो बच्चे हुए पहली बेटी चित्रांगदा राजे सिंधिया और दूसरा बेटा ज्योतिरादित्य सिंधिया.
गुरुवार को ग्वालियर आएगा पार्थिव शरीर
राजमाता माधवी राजे सिंधिया इस दुनिया में नहीं रहीं. उनके निधन के बाद उनके बेटे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजपरिवार के लोग उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार को एयर एंबुलेंस के जरिये ग्वालियर लाएंगे. फिर सिंधिया पैलेस में उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा. इसके बाद सिंधिया राजवंश की शाही छतरी पर माधवी राजे सिंधिया का अंतिम संस्कार किया जाएगा.