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बीजेपी में नाम पर सियासत, दो हस्तियों के नाम पर बंटा ग्वालियर, क्या फैसला लेगा केंद्रीय वर्चस्व - Gwalior Station Name Politics

पिछले 10 सालों में बहुत कुछ बदला है देश में ट्रांसपोर्टेशन को नई गति मिली है रेलवे का विस्तार हुआ है कई रेलवे स्टेशन को नए नाम की पहचान मिली है और अब एक बार फिर मध्य प्रदेश के महानगरों में शुमार ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की कवायद शुरू हो गई लेकिन यहाँ एक बड़ा पेंच है क्योंकि स्टेशन के नए नाम को लेकर सियासत भी गर्माती नज़र आ रही है.

GWALIOR STATION NAME POLITICS
दो हस्तियों के नाम पर बंटा ग्वालियर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 29, 2024, 8:47 AM IST

Updated : Sep 29, 2024, 9:04 AM IST

ग्वालियर: वैसे तो योजना के तहत देश भर में चरणबद्ध तरीके से रेलवे स्टेशन का विस्तार किया जा रहा है. उन्हें भव्य रूप दिया जा रहा है और इनमें ग्वालियर का नाम भी शुमार है. जहां स्टेशन का जीर्णोद्धार कर वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, लेकिन अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित यह रेलवे स्टेशन एक और वजह से चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि रेल मंत्रालय से इस स्टेशन का नाम बदलने की तो चर्चा की जा रही है, लेकिन जो नाम बदल कर रखना है उसे लेकर सियासत तेज है.

ग्वालियर सांसद ने की रेल मंत्री से मुलाकात

असल में 130 साल पुराना ग्वालियर रेलवे स्टेशन से जल्द ही नए रूप में दिखाई देगा. इसके सा-साथ अब इसका नाम बदलने को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं. हाल ही में ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाहा ने दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर इस स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग की है.

बीजेपी में नाम पर सियासत (ETV Bharat)

वाजपेयी के नाम पर स्टेशन का नाम रखने की मांग

मंत्री को सौंपे पत्र में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि ग्वालियर ने देश को कई बार गौरवान्वित किया है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी इस ग्वालियर से पुराना नाता है. यह उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है. अपने राजनीतिक जीवन में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार प्रधानमंत्री बनकर देश की सेवा की है और उनके सम्मान में ग्वालियर का नाम बदल कर उनके नाम पर रखा जाए.

Gwalior Railway Station Name Change
रेल मंत्री से रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग (ETV Bharat)

सिंधिया समर्थक कर रहे माधवराव सिंधिया के नाम की मांग

ग्वालियर के बीजेपी सांसद भारत कुशवाहा द्वारा उठायी गई मांग का जहां पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं बीजेपी का ही एक धड़ा सहमत नहीं है. पूर्व विधायक और सिंधिया समर्थक बीजेपी नेता रमेश अग्रवाल का कहना है कि 'साल 1895 में बना ग्वालियर रेलवे स्टेशन सिंधिया राज घराने की देन है, सिंधिया राज परिवार ने ही इस स्टेशन का निर्माण कराया था. जब माधवराव सिंधिया केंद्र में रेल राज्यमंत्री थे.

GWALIOR STATION NAME POLITICS
ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाहा ने भेजा पत्र (ETV Bharat)

उस दौरान उन्होंने भी रेलवे के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाई है. इसलिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन का अगर नाम बदला जाए तो स्व माधवराव सिंधिया के नाम पर होना चाहिए.'

Gwalior Railway Station Name Change
ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग (ETV Bharat)

यहां पढ़ें...

नाम बदलने की सियासत लगातार जारी, अब नए नाम से पहचाना जाएगा हबीबगंज जीआरपी थाना

हलालपुरा बना हनुमानगढ़ी, जनिए नाम बदलने की इस सियायत में भाजपा का क्या है संदेश

'स्टेशन के नाम पर दिख रही गुटबाजी'

इधर कांग्रेस भी इस मुद्दे पर सधा हुआ जवाब दे रही है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि 'इस बात में कोई दो राय नहीं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी देश की बड़ी शख्सियत रहे हैं. उन्होंने अपने समय में एक स्वच्छ राजनीति का उदाहरण पेश किया है. वहीं यदि ग्वालियर के हिसाब से देखें तो इस स्टेशन को अच्छे स्तर का रेलवे स्टेशन बनाने में स्व. माधवराव सिंधिया की भी बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने रेल मंत्री रहते इस क्षेत्र में रेलवे को बढ़ाने का काम किया है. अब यह बीजेपी सरकार को तय करना है. केंद्र दोनों में से वे किस का नाम को चुनते हैं, लेकिन कहीं न कहीं इस तरह 2 नामों से यह तो साफ है कि बीजेपी में गुटबाजी अब खुलकर दिख रही है. यहां भारत सिंह कुशवाहा, नरेंद्र सिंह तोमर वर्सेस सिंधिया दिखाई दे रहा है.'

ग्वालियर: वैसे तो योजना के तहत देश भर में चरणबद्ध तरीके से रेलवे स्टेशन का विस्तार किया जा रहा है. उन्हें भव्य रूप दिया जा रहा है और इनमें ग्वालियर का नाम भी शुमार है. जहां स्टेशन का जीर्णोद्धार कर वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, लेकिन अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित यह रेलवे स्टेशन एक और वजह से चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि रेल मंत्रालय से इस स्टेशन का नाम बदलने की तो चर्चा की जा रही है, लेकिन जो नाम बदल कर रखना है उसे लेकर सियासत तेज है.

ग्वालियर सांसद ने की रेल मंत्री से मुलाकात

असल में 130 साल पुराना ग्वालियर रेलवे स्टेशन से जल्द ही नए रूप में दिखाई देगा. इसके सा-साथ अब इसका नाम बदलने को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं. हाल ही में ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाहा ने दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर इस स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग की है.

बीजेपी में नाम पर सियासत (ETV Bharat)

वाजपेयी के नाम पर स्टेशन का नाम रखने की मांग

मंत्री को सौंपे पत्र में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि ग्वालियर ने देश को कई बार गौरवान्वित किया है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी इस ग्वालियर से पुराना नाता है. यह उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है. अपने राजनीतिक जीवन में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार प्रधानमंत्री बनकर देश की सेवा की है और उनके सम्मान में ग्वालियर का नाम बदल कर उनके नाम पर रखा जाए.

Gwalior Railway Station Name Change
रेल मंत्री से रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग (ETV Bharat)

सिंधिया समर्थक कर रहे माधवराव सिंधिया के नाम की मांग

ग्वालियर के बीजेपी सांसद भारत कुशवाहा द्वारा उठायी गई मांग का जहां पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं बीजेपी का ही एक धड़ा सहमत नहीं है. पूर्व विधायक और सिंधिया समर्थक बीजेपी नेता रमेश अग्रवाल का कहना है कि 'साल 1895 में बना ग्वालियर रेलवे स्टेशन सिंधिया राज घराने की देन है, सिंधिया राज परिवार ने ही इस स्टेशन का निर्माण कराया था. जब माधवराव सिंधिया केंद्र में रेल राज्यमंत्री थे.

GWALIOR STATION NAME POLITICS
ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाहा ने भेजा पत्र (ETV Bharat)

उस दौरान उन्होंने भी रेलवे के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाई है. इसलिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन का अगर नाम बदला जाए तो स्व माधवराव सिंधिया के नाम पर होना चाहिए.'

Gwalior Railway Station Name Change
ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग (ETV Bharat)

यहां पढ़ें...

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हलालपुरा बना हनुमानगढ़ी, जनिए नाम बदलने की इस सियायत में भाजपा का क्या है संदेश

'स्टेशन के नाम पर दिख रही गुटबाजी'

इधर कांग्रेस भी इस मुद्दे पर सधा हुआ जवाब दे रही है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि 'इस बात में कोई दो राय नहीं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी देश की बड़ी शख्सियत रहे हैं. उन्होंने अपने समय में एक स्वच्छ राजनीति का उदाहरण पेश किया है. वहीं यदि ग्वालियर के हिसाब से देखें तो इस स्टेशन को अच्छे स्तर का रेलवे स्टेशन बनाने में स्व. माधवराव सिंधिया की भी बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने रेल मंत्री रहते इस क्षेत्र में रेलवे को बढ़ाने का काम किया है. अब यह बीजेपी सरकार को तय करना है. केंद्र दोनों में से वे किस का नाम को चुनते हैं, लेकिन कहीं न कहीं इस तरह 2 नामों से यह तो साफ है कि बीजेपी में गुटबाजी अब खुलकर दिख रही है. यहां भारत सिंह कुशवाहा, नरेंद्र सिंह तोमर वर्सेस सिंधिया दिखाई दे रहा है.'

Last Updated : Sep 29, 2024, 9:04 AM IST
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