ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक तस्वीर ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. जहां हस्तिनापुर में पुराने जमाने की तरह ढोल के साथ कोटवार ने चिल्ला चिल्लाकर मुनादी की. साइकिल पर बैठा कोटवार जोर जोर से चिल्लाकर कह रहा था. सुनो सुनो गांव वालों सुनो, एक जुलाई को थाना प्रभारी हस्तिनापुर मिठाई बांट रहे हैं. यह मुनादी लागू होने जा रहे नए आपराधिक कानूनों के स्वागत में की गई. पुलिस के अनोखे अंदाज अब सभी जगह चर्चा हो रही है.
थानों में नए कानूनों का होगा भव्य स्वागत
पूरे देश में एक जुलाई से अंग्रेजों के बनाए पुराने आपराधिक कानून हटाकर नए आपराधिक कानून लागू किए जा रहे हैं. जिसको लेकर अब पुलिस विभाग उत्सव मना रहा है और नए कानूनों का स्वागत कर रहा है. सोमवार 1 जुलाई को ग्वालियर जिले के सभी थानों में उत्सव के साथ नए अपराधिक कानूनों का अभिनंदन किया जाएगा. जिसमें प्रबुद्धजनों को आमंत्रित किया गया है.
सोमवार से लागू हो रहे नये आपराधिक कानून
असल में भारत सरकार द्वारा आजादी के पूर्व अंग्रेजों द्वारा बनाये अपराधिक कानूनों की जगह अब नए अपराधिक कानून बनाए गए हैं. जो सोमवार से पूरे भारत वर्ष में लागू होने जा रहे हैं. इन कानूनों का स्वागत करने के लिए अब मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा प्रत्येक थाने में नागरिकों की उपस्थिति में जश्न का माहौल बनाया जा रहा है.
ढोल बजाकर किया ग्रामीणों को इकट्ठा
इस जश्न के लिए हस्तिनापुर पुलिस ने जिस तरह लोगों को आमंत्रित किया. उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. असल में बेहट एसडीओपी संतोष पटेल और हस्तिनापुर थाना प्रभारी राजकुमार राजावत ने ग्रामीणों को आमंत्रित करने के लिए पुराने जमाने की तरह मुनादी कराई. वह भी बड़े ही रोचक और अनोखे ढंग से, जिसमें ग्राम चौकीदार साइकिल में सवार होकर ढोल के साथ चिल्लाते हुए गांव में आवाज लगा रहा है कि,"सुनो सुनो गांव वालों सुनो एक जुलाई को थाना प्रभारी हस्तिनापुर मिठाई बांट रहे हैं, क्योंकि एक जुलाई से भारत के नए अपराधिक कानून लागू हो रहे हैं और अंग्रेजों के समय बने कानूनों को हटाया जा रहा है. नए कानूनों का स्वागत करने के लिए थाने में आएं और उत्सव मनाएं.
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नये कानून में घर जाकर बयान लेगी पुलिस
गौरतलब है कि भारत की संसद द्वारा आईपीसी के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), सीआरपीसी के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) पारित किया गया. जिसमें नागरिकों को समय पर संवेदनशीलता के साथ सम्मान बनाये रखते हुए न्याय दिलाने की ओर ध्यान दिया गया है. साथ ही पुलिस को अपराधियों पर लगाम कसने के लिए नये कानून में ढे़र सारी शक्तियां दी गई हैं. वहीं फरियादी, पीड़ित पक्ष, महिला बच्चे और बुजुर्गों की सुनवाई के लिए पुलिस को उनके निवास स्थान पर जाने के लिए बाध्य किया गया है. इसके साथ साथ ई-एफआईआर जैसे प्रावधान लाए गए हैं.