ग्वालियर। पूर्व मंत्री इमरती देवी का विधानसभा चुनाव के दौरान हारने के बाद पहली बार दर्द सामने आया है. उन्होंने खुलकर इस दर्द को पत्रकारों के सामने बयान किया है. 2 दिन पहले ही उनका डबरा में आयोजित एक पार्टी कार्यक्रम में बयान वायरल हुआ था. जिसमें उन्होंने कहा था कि 'कुछ लोग मंच तो साझा करते हैं और पार्टी को अपनी मां बताते हैं, लेकिन जब मां का मौका आता है, तो यह लोग लात मारने यानी गद्दारी करने से पीछे नहीं हटते. उनके साथ यह पिछले विधानसभा चुनाव में हो चुका है.'
पूर्व मंत्री इमरती देवी का छलका दर्द
पूर्व मंत्री इमरती देवी ने कहा कि 'उनके विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के कार्यकर्ताओं ने काम ही नहीं किया. चाहे बीजेपी के जिला अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, उपाध्यक्ष हों या अन्य पदाधिकारी किसी ने भी उनके चुनाव में काम नहीं किया. उन्हें जितने वोट मिले वह उनकी व्यक्तिगत छवि के कारण मिले है.' साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि 'चुनाव ही तो हारी हूं, कोई मुझमें परी थोड़े है.' हालांकि इस चुनाव में इमरती देवी कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे से बेहद कम मतों से हार गई थीं.
इमरती बोलीं सिंधिया से बड़ा कोई प्रत्याशी नहीं
एक सवाल के जवाब में इमरती देवी ने कहा कि 'उन्होंने भिंड लोकसभा सीट से बीजेपी से टिकट नहीं मांगा था. उनके नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस बात के गवाह है. यदि वे टिकट मांगतीं तो उन्हें टिकट मिल सकता था.' गुना शिवपुरी से ज्योतिरादित्य सिंधिया की बड़ी जीत का उन्होंने दावा किया है. उन्होंने कहा है कि गुना में सिंधिया से बड़ा कोई प्रत्याशी नहीं है.
अपने ही समधी से दो बार मिली हार
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2023 में इमरती देवी ग्वालियर जिले की चर्चित सीट डबरा से बीजेपी प्रत्याशी थी. चुनावी नतीजों में उन्हें एक बार फिर अपने ही समधी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे ने इमरती देवी को 2267 वोटों से हराया है. जबकि इससे पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गईं इमरती देवी साल 2020 के उपचुनाव में भी इसी सीट से बीजेपी प्रत्याशी थीं. जबकि उनके समधी सुरेश राजे कांग्रेस से मैदान में थे. तब भी समधी सुरेश राजे ने इमरती देवी को 7568 वोटों से हराया था.