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बुरहानपुर की यूनेस्को धरोहर अब लाचार, 400 साल से हजारों घरों की बुझा रहा प्यास - BURHANPUR KUNDI BHANDARA

बुरहानपुर कलेक्टर ने जिले में स्थित कुंडी भंडारा का निरीक्षण किया. उन्होंने बंद लिफ्ट का परमानेंट हल निकालने का निर्देश दिया.

BURHANPUR KUNDI BHANDARA
4 किलोमीटर है कुंडी भंडारा की लंबाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 16, 2025, 9:05 PM IST

Updated : Feb 17, 2025, 2:48 PM IST

बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित कुंडी भंडारा का कलेक्टर हर्ष सिंह ने निरीक्षण किया. धरती से करीब 80 फीट नीचे बहती साफ और स्वच्छ जलधारा की यह श्रृंखला यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है. लिफ्ट बंद होने के कारण कलेक्टर नीचे नहीं उतरे. कलेक्टर ने बंद लिफ्ट का परमानेंट हल निकालने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा उन्होंने कुडियों के धंसने की वजह जानने के लिए भी निर्देशित किया है.

मुगल शासन काल में हुआ था कुंडी भंडारा का निर्माण

बुरहानपुर जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर लालबाग उपनगर के सतपुड़ा की पहाड़ी पर यह कुंडी भंडारा स्थित है. 1615 ईस्वी में मुगल शासक जहांगीर के शासनकाल में अब्दुल रहीम खानखाना ने भूमिगत जल की इस धारा का निर्माण कराया था. उस समय इसका नाम नहर-ए-खैर-ए-जारिया रखा गया था, लेकिन बाद में यह कुंडी भंडारा के नाम से पहचाना जाने लगा. यह कुंडी भंडारा जमीन के 80 फीट नीचे आज भी अविरल धारा के रूप में प्रवाहित हो रही है.

यूनेस्को धरोहर अब लाचार (ETV Bharat)

4 किलोमीटर है कुंडी भंडारा की लंबाई

जानकारों के मुताबिक इसके पानी की शुद्धता मिनरल वाटर से भी उत्तम है. इस कुंडी भंडारे की लंबाई करीब 4 किलोमीटर है. इसमें कुल 105 कुंडिया बनाई गई है. हालांकि उचित देखभाल के अभाव में यह कुंडी भंडारा अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. नगर निगम ने कुंडी को लोहे की जाली से ढका था, लेकिन शरारती तत्वों ने इन जालियों को तोड़ दिया.

Burhanpur Kundi Bhandara HISTORY
मुगल शासन काल में हुआ था कुंडी भंडारा का निर्माण (ETV Bharat)

पहले पर्यटकों के लिफ्ट के माध्यम से कुंडी भंडारा के अंदर ले जाकर दीदार कराया जाता था, लेकिन अब लिफ्ट बंद कर दी गई है. यहां आने वाले पर्यटकों लिफ्ट सही कराने की मांग कर रहे हैं. मार्च 2024 में यूनेस्को ने इसको विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया था.

बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित कुंडी भंडारा का कलेक्टर हर्ष सिंह ने निरीक्षण किया. धरती से करीब 80 फीट नीचे बहती साफ और स्वच्छ जलधारा की यह श्रृंखला यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है. लिफ्ट बंद होने के कारण कलेक्टर नीचे नहीं उतरे. कलेक्टर ने बंद लिफ्ट का परमानेंट हल निकालने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा उन्होंने कुडियों के धंसने की वजह जानने के लिए भी निर्देशित किया है.

मुगल शासन काल में हुआ था कुंडी भंडारा का निर्माण

बुरहानपुर जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर लालबाग उपनगर के सतपुड़ा की पहाड़ी पर यह कुंडी भंडारा स्थित है. 1615 ईस्वी में मुगल शासक जहांगीर के शासनकाल में अब्दुल रहीम खानखाना ने भूमिगत जल की इस धारा का निर्माण कराया था. उस समय इसका नाम नहर-ए-खैर-ए-जारिया रखा गया था, लेकिन बाद में यह कुंडी भंडारा के नाम से पहचाना जाने लगा. यह कुंडी भंडारा जमीन के 80 फीट नीचे आज भी अविरल धारा के रूप में प्रवाहित हो रही है.

यूनेस्को धरोहर अब लाचार (ETV Bharat)

4 किलोमीटर है कुंडी भंडारा की लंबाई

जानकारों के मुताबिक इसके पानी की शुद्धता मिनरल वाटर से भी उत्तम है. इस कुंडी भंडारे की लंबाई करीब 4 किलोमीटर है. इसमें कुल 105 कुंडिया बनाई गई है. हालांकि उचित देखभाल के अभाव में यह कुंडी भंडारा अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. नगर निगम ने कुंडी को लोहे की जाली से ढका था, लेकिन शरारती तत्वों ने इन जालियों को तोड़ दिया.

Burhanpur Kundi Bhandara HISTORY
मुगल शासन काल में हुआ था कुंडी भंडारा का निर्माण (ETV Bharat)

पहले पर्यटकों के लिफ्ट के माध्यम से कुंडी भंडारा के अंदर ले जाकर दीदार कराया जाता था, लेकिन अब लिफ्ट बंद कर दी गई है. यहां आने वाले पर्यटकों लिफ्ट सही कराने की मांग कर रहे हैं. मार्च 2024 में यूनेस्को ने इसको विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया था.

Last Updated : Feb 17, 2025, 2:48 PM IST
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