ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में तीन दशकों बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जब मुरार नदी का पानी शहर में प्रवेश कर गया. ग्वालियर शहर से गुजरी मुरार नदी में रमौआ डैम का पानी छोड़ देने से शिरोल इलाके में बाढ़ जैसे हालत हैं. नदी के आसपास के इलाके में रहने वाले लोग घरों में ताला डालकर पलायन कर गए हैं, जो लोग बचे हुए थे उन्हें भी प्रशासन ने खाली कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की हिदायत दी है. हालात यह हैं कि लोगों का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है.
लोगों को दी जा रही है सुरक्षित स्थान पर जाने की हिदायत
अब लोग सिर्फ प्रशासन से राहत की आस लगाए हुए हैं. ग्वालियर शहर के शिरोल इलाके की वीआईपी रोड में जिला शिक्षा अधिकारी, पुलिस थाना शिरोल सहित कई शासकीय कार्यालय मौजूद हैं, लेकिन पानी का तेज बहाव होने के चलते यह स्थान पूरी तरह असुरक्षित और बाढ़ जैसे हालात से प्रभावित हो गया है. सुरक्षा को लेकर यहां पुलिस फोर्स तैनात किया गया है और लगातार अनाउंसमेंट कर लोगों को आसपास का इलाका खाली कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की अपील की जा रही है.
डिवाइडर तोड़कर की गई पानी निकासी की व्यवस्था
नदी और इसके आसपास भरे पानी के क्षेत्र के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है. इन हालातों को देखते हुए कई व्यापारियों ने भी अपने प्रतिष्ठानों पर और लोगों ने अपने घरों पर ताला जड़ दूसरे सुरक्षित स्थानों पर जाना शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है कि इस बार के पानी की वजह से उनका काफ़ी नुकसान हो रहा है. यहां से जाना उनकी मजबूरी है. कम से कम उनकी जान तो सुरक्षित रहेगी. वहीं पुलिस का कहना है कि अल सुबह से ही यहां बाढ़ का पानी आना शुरू हो गया था, क्योंकि निकासी के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी, इसलिए डिवाइडर तोड़कर पानी निकासी की व्यवस्था लगातार की जा रही है और लोगों को हिदायत दी जा रही है कि वह यहां से दूर रहें.
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भितरवार में नदी के बहाव में फंसा ट्रैक्टर
ग्वालियर शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र भितरवार में भी बारिश लोगों के लिए आफत बनी हुई है. यहां वेसली का पानी गांवों में घुस गया. पानी का बहाव इतना तेज था कि रास्ते से गुजर रहे लोगों की जान पर बन आई. इसी रास्ते को पार कर रहा 1 ट्रैक्टर बहाव के बीच अचानक बंद हो गया, जिसमें 1 दर्जन से ज्यादा लोग सवार थे. इसके बाद किसी तरह रस्सी की मदद से लोगों को बाहर निकाला गया.
डबरा विधानसभा क्षेत्र के नंदू का पुरा गांव में भी लोगों को अलर्ट किया गया था, लेकिन ग्रामीणों की अनदेखी की वजह से मुसीबत बढ़ गई और SDRF को सूचना मिली कि 5 परिवार गांव में फंसे हुए हैं, जिसके बाद SDRF का अमला ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचा और ट्रैक्टर व नाव की मदद से एक-एक कर कई लोगों का रेस्क्यू किया गया. एक ओर आसमान से बरस रही बारिश ने रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी बढ़ा रखी है. वहीं लगातार प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटा हुआ है. माना जा रहा है कि अगर यह बारिश ऐसे ही एक-दो दिन तक चलती रही तो हालात और भी बदतर हो जाएंगे.