ग्वालियर। लंबे इंतजार के बाद शिवानी ने अपने प्रियतम से विवाह रचा लिया. वृंदावन से बारात आई, ढोल नगाड़ा, निमंत्रण ,भोज से लेकर शादी की हर रस्म निभाई गई. आप सोच रहे होंगे शादी में तो ये सभी होता है लेकिन यह शादी अपने आप में खास थी. यहां दुल्हन तो शिवानी ही थी लेकिन दूल्हा थे कन्हैया. शिवानी पर श्याम का ऐसा रंग चढ़ा कि उनसे ही शादी रचा ली.
श्रीकृष्ण की दीवानी कॉलेज छात्रा
ग्वालियर के न्यू ब्रज विहार कॉलोनी की रहने वाली शिवानी परिहार पर श्रीकृष्ण की ऐसी दीवानगी छाई कि इस कॉलेज छात्रा ने अपना जीवन लड्डू गोपाल पर न्यौछावर कर दिया. दुनिया से बेपरवाह होकर कन्हैया की दुल्हनिया बन गईं. उन्होंने बुधवार को भगवान श्री कृष्ण से बड़े ही धूम धाम से विवाह रचाया.
वृंदावन से आई बारात
भक्त के लिए भगवान श्रीकृष्ण खुद वृंदावन से बारात लेकर पहुंचे. जमकर ढोल नगाड़े, बैंड बाजे बजे, नाते रिश्तेदार इकठ्ठे हुए ,खुशियां मनाईं गई और शादी की सारी रस्में निभाई गईं. बारातियों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. जब भगवान खुद दूल्हा थे तो बारात का जोश तो देखते ही बनता था.
घर में रस्में, मंदिर पहुंची बारात
ग्वालियर के कैंसर पहाड़िया स्थित कार्यक्रम स्थल पर बुधवार को वृंदावन से भगवान लड्डू गोपाल की बारात आई. जिसमें पंडित सहित 11 लोग शामिल थे. पहले घर में विवाह की सभी रस्में पूरी की गई. इसके बाद घराती और बाराती मंदिर में पहुंचे जहां सर्व समाज विवाह सम्मेलन आयोजित था. इस सम्मेलन में बैंड-बाजा के साथ बारात का आगमन हुआ इसके बाद वरमाला और कन्यादान से लेकर फेरों तक की सभी महत्वपूर्ण रस्में निभाई गईं.
शिवानी के बचपन का सपना हुआ पूरा
इस विवाह से शिवानी और उनका परिवार बहुत खुश है. शिवानी ने बताया कि "अपनी खुशी को बयां करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं लेकिन उनका बचपन का सपना पूरा हो गया. उनके विवाह की सारी रस्में अच्छे से पूरी की गईं हैं". घर में आमतौर पर जिस तरह लड़कियों को मेहंदी लगाई जाती है, हल्दी लगायी जाती है वह सभी कुछ हुआ.
शिवानी की जिद के आगे झुकना पड़ा
इस विवाह में शिवानी का परिवार और रिश्तेदार दोनों ही शामिल हुए. शिवानी की मां मीरा परिहार ने बताया कि "शुरू में वे इस बात को लेकर चिंता में थी कि जीवन बहुत लंबा है. कैसे क्या होगा लेकिन शिवानी की जिद के आगे उन्हें झुकना पड़ा. इस शादी के लिए राजी होना पड़ा क्योंकि अब मुझे क्या जरूरत है चिंता करने की जब उसकी चिंता करने वाला ऊपर बैठा है". इस बात की ख़ुशी है कि लगुन, हल्दी तेल सभी प्रोग्राम हुए, सभी करीबी रिश्तेदार भी साथ आये, सब अच्छे से हो गया.
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मिला विवाह का प्रमाण पत्र
शिवानी ने ये विवाह सम्मेलन से किया है. विवाह के बाद उन्हें विवाह प्रमाण पत्र भी मिल चुका है. शादी के बाद नई दुल्हन अब विदा होकर अपने स्वामी आराध्य और दूल्हे लड्डू गोपाल जी के साथ वृंदावन जा चुकी हैं. वे आगे का जीवन अब श्री कृष्ण भक्ति में वृंदावन के राधा ध्यान आश्रम में बितायेंगी. साथ ही वृंदावन से कभी कभी मायके भी आती जाती रहेंगी.