ग्वालियर: 'मैं भी अतुल सुभाष की तरह अपना वीडियो बनाकर मरना चाहता था, क्योंकि मेरे पास अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है. मैं षड्यंत्र का शिकार हो गया हूं. मेरी और मेरे परिवार की प्रतिष्ठा मेरे मरने से ही बच सकेगी. यह आत्महत्या के पहले लिखे गए उस नोट का मजमून है जो एक लोकप्रिय कांग्रेस नेता की आत्महत्या से जुड़ा है. एक पखवाड़े पहले आत्महत्या करने वाले शहर जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष अमर सिंह माहौर की पुत्री कीर्ति अपने पिता के चार पेज के आत्महत्या के पहले लिखे गए पत्र को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची. जहां उस पत्र में उल्लेखित व्यक्तियों खास कर संदीप सिंह चौहान जेएमएफसी अमन सूलिया और धारा सिंह को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है.
पत्र में कांग्रेस नेता ने लिखा
कांग्रेस नेता अमर सिंह माहौर के पत्र में लिखा है कि 20 फरवरी 2023 को कलेक्ट्रेट में किसी व्यक्ति के कहने पर संदीप सिंह चौहान ने उनसे नोटरी कराई थी. उन्होंने विश्वास में आकर यह नोटरी की थी लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह उनके खिलाफ कोई षड्यंत्र है. उनका जीवन सीधा सरल और बेदाग रहा है. उन्होंने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि संदीप सिंह चौहान और धारा सिंह के बीच जो भी जमीन का सौदा हुआ उससे उनका कोई लेना देना नहीं है. उन्हें जबरन इस मामले में फंसाया गया है.
'जेएमएफसी के आदेश को भी जांच में लेने का अनुरोध'
कांग्रेस नेता ने अपनी मौत से पहले लिखे पत्र में जेएमएफसी अमन सूलिया के एक आदेश को भी जांच के दायरे में लेने का अनुरोध किया है. कांग्रेस नेता माहौर ने अपने पत्र में लिखा है कि जनवरी 2024 को स्थानीय एक अखबार में उनके नाम से विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई. इसके बारे में जेएमएफसी ने अपने अगस्त के आदेश में उल्लेख किया है. जबकि उनका इस विज्ञप्ति से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने न्यायिक क्षेत्र में भी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप अपने पत्र में लगाए हैं. साथ ही उन्होंने अपनी बेटी कीर्ति को सख्त हिदायत की है कि वह भविष्य में नोटरी को अपना पेशा नहीं बनाए.
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'पिता को दिलाना चाहती हैं न्याय'
कांग्रेस नेता की बेटी कीर्ति का कहना है कि "वह अपने पिता को न्याय दिलाना चाहती हैं. इसके लिए वह अधिकारियों से मिल रही हैं. पत्र में उल्लेखित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई हो, इसके लिए वह अधिकारियों से गुहार लगा रही हैं. कांग्रेस नेता माहौर ने 12 दिसंबर की शाम को अपने घर में आत्महत्या कर ली थी. वह कलेक्ट्रेट में नोटरी का कार्य करते थे. कीर्ति ने कहा कि पिता के देहांत के बाद सभी कार्यों से निवृत्त होकर जब वह कागजातों की देखभाल कर रही थीं तब उन्हें पिता का यह पत्र मिला."
इस मामले में माधवगंज थाना प्रभारी प्रवीण शर्मा ने कहा है कि "पत्र की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी और उसमें जिन व्यक्तियों के नाम आए हैं उन्हें भी जांच के दायरे में लिया जाएगा."