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गुरुग्राम के हेड कांस्टेबल ने रिश्वत लेकर छोड़ा आरोपी को, जीरो एफआईआर दर्ज करने के हुए आदेश - order of Zero FIR on Head constable - ORDER OF ZERO FIR ON HEAD CONSTABLE

गुरुग्राम साइबर थाना पश्चिम के एक हेड कांस्टेबल पर चित्तौड़गढ़ में जीरो एफआईआर दर्ज करने के आदेश हुए हैं. आरोपी हेड कांस्टेबल ने एक आरोपी को रिश्वत लेकर छोड़ दिया था.

Order to register zero FIR against constable
कांस्टेबल पर जीरो एफआईआर दर्ज करने के आदेश (ETV Bharat Chittorgarh)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 11, 2024, 8:31 PM IST

चित्तौड़गढ़. हरियाणा के गुरुग्राम साइबर थाना पश्चिम के एक हेड कांस्टेबल के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो, चित्तौड़गढ़ में जीरो एफआईआर दर्ज करने के आदेश हुए हैं. एक मामले में गुरुग्राम की साइबर टीम शहर के एक आरोपी को पकड़ने आई, लेकिन रिश्वत लेकर उसे छोड़ गई. ब्यूरो मुख्यालय पर ही हेड कांस्टेबल राजेश कुमार के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट कायम की जाएगी.

ब्यूरो चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सिंह सांधू ने बताया कि साइबर थाना पश्चिम गुरुग्राम की पुलिस टीम आई और मीठा राम जी का खेड़ा निवासी प्रदीप बैरवा को गिरफ्तार कर ले जाने लगी. टीम में शामिल हेड कांस्टेबल राजेश कुमार ने प्रदीप को छोड़ने के बदले 200000 रुपए मांगे. ऐसे में प्रदीप का भाई मनोज कुमार अपने मित्र मुकेश खटीक के साथ 2 फरवरी को एसीबी दफ्तर पहुंचा और सांधू के समक्ष शिकायत दर्ज कराई.

पढ़ें: घुसखोर ग्राम विकास अधिकारी चढ़ा एसीबी की हत्थे, पट्टा देने की एवज में ली डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत - VDO Arrested Taking Bribe

रिपोर्ट को तत्काल प्रभाव से संज्ञान में लेते हुए एडिशनल एसपी ने वेरिफिकेशन के लिए परिवादी को एक वॉइस रिकॉर्डर देकर ब्यूरो के हेड कांस्टेबल को परिवादी के साथ हेड कांस्टेबल राजेश कुमार से मिलने भेजा. डील के दौरान राजेश कुमार 70000 रुपए पर आ गया. इसके बाद भी परिवादी बारगेनिंग पर अड़ा रहा. अंतत राजेश कुमार 50000 रुपए पर सहमत हो गया. परिवादी मनोज बेरवा ने मौके पर ही 15000 रुपए हेड कांस्टेबल राजेश को थमा दिए और 35000 रुपए बाद में देने को कहा.

पढ़ें: दौसा में घूसखोर वीडीओ एसीबी की गिरफ्त में, बिल भुगतान की एवज में मांगी थी रिश्वत - Vdo Arrested In Bribe Case

इस बीच, राजेश कुमार को शेष राशि देने के लिए परिवादी सदर थाने के पास पहुंचा, लेकिन उसे कार्रवाई की भनक लग गई तथा टीम के साथ गुरुग्राम निकल गया. उसके बाद राजेश ने परिवादी से किसी भी प्रकार का कोई संपर्क नहीं साधा. हालांकि ट्रैप की यह कार्रवाई सफल नहीं हो पाई, लेकिन परिवादी और हेड कांस्टेबल राजेश के बीच 8 बार फोन पर बात हुई जिसे एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिकॉर्ड में ले लिया. गुरुग्राम पुलिस आरोपी प्रदीप को छोड़ गई थी.

पढ़ें: बारां में ACB का एक्शन, आबकारी विभाग का जमादार 7 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार - Acb Trap In Baran

ऐसे में कुछ दिन इंतजार के बाद एसीबी ने मामले से संबंधित पूरी रिपोर्ट बनाकर हेड क्वार्टर भेज दी. जहां से जीरो एफआईआर दर्ज करने के आदेश हुए. सांधू के अनुसार अब इस मामले में जयपुर मुख्यालय पर ही मामला दर्ज किया जाएगा. एसीबी ने गुरुग्राम के डीसीपी कार्यालय से हेड कांस्टेबल राजेश कुमार का सर्विस रिकॉर्ड मांगा है. प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एक कॉपी गुरुग्राम डीसीपी को भेजी जाएगी.

चित्तौड़गढ़. हरियाणा के गुरुग्राम साइबर थाना पश्चिम के एक हेड कांस्टेबल के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो, चित्तौड़गढ़ में जीरो एफआईआर दर्ज करने के आदेश हुए हैं. एक मामले में गुरुग्राम की साइबर टीम शहर के एक आरोपी को पकड़ने आई, लेकिन रिश्वत लेकर उसे छोड़ गई. ब्यूरो मुख्यालय पर ही हेड कांस्टेबल राजेश कुमार के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट कायम की जाएगी.

ब्यूरो चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सिंह सांधू ने बताया कि साइबर थाना पश्चिम गुरुग्राम की पुलिस टीम आई और मीठा राम जी का खेड़ा निवासी प्रदीप बैरवा को गिरफ्तार कर ले जाने लगी. टीम में शामिल हेड कांस्टेबल राजेश कुमार ने प्रदीप को छोड़ने के बदले 200000 रुपए मांगे. ऐसे में प्रदीप का भाई मनोज कुमार अपने मित्र मुकेश खटीक के साथ 2 फरवरी को एसीबी दफ्तर पहुंचा और सांधू के समक्ष शिकायत दर्ज कराई.

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रिपोर्ट को तत्काल प्रभाव से संज्ञान में लेते हुए एडिशनल एसपी ने वेरिफिकेशन के लिए परिवादी को एक वॉइस रिकॉर्डर देकर ब्यूरो के हेड कांस्टेबल को परिवादी के साथ हेड कांस्टेबल राजेश कुमार से मिलने भेजा. डील के दौरान राजेश कुमार 70000 रुपए पर आ गया. इसके बाद भी परिवादी बारगेनिंग पर अड़ा रहा. अंतत राजेश कुमार 50000 रुपए पर सहमत हो गया. परिवादी मनोज बेरवा ने मौके पर ही 15000 रुपए हेड कांस्टेबल राजेश को थमा दिए और 35000 रुपए बाद में देने को कहा.

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इस बीच, राजेश कुमार को शेष राशि देने के लिए परिवादी सदर थाने के पास पहुंचा, लेकिन उसे कार्रवाई की भनक लग गई तथा टीम के साथ गुरुग्राम निकल गया. उसके बाद राजेश ने परिवादी से किसी भी प्रकार का कोई संपर्क नहीं साधा. हालांकि ट्रैप की यह कार्रवाई सफल नहीं हो पाई, लेकिन परिवादी और हेड कांस्टेबल राजेश के बीच 8 बार फोन पर बात हुई जिसे एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिकॉर्ड में ले लिया. गुरुग्राम पुलिस आरोपी प्रदीप को छोड़ गई थी.

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ऐसे में कुछ दिन इंतजार के बाद एसीबी ने मामले से संबंधित पूरी रिपोर्ट बनाकर हेड क्वार्टर भेज दी. जहां से जीरो एफआईआर दर्ज करने के आदेश हुए. सांधू के अनुसार अब इस मामले में जयपुर मुख्यालय पर ही मामला दर्ज किया जाएगा. एसीबी ने गुरुग्राम के डीसीपी कार्यालय से हेड कांस्टेबल राजेश कुमार का सर्विस रिकॉर्ड मांगा है. प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एक कॉपी गुरुग्राम डीसीपी को भेजी जाएगी.

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