चित्तौड़गढ़. हरियाणा के गुरुग्राम साइबर थाना पश्चिम के एक हेड कांस्टेबल के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो, चित्तौड़गढ़ में जीरो एफआईआर दर्ज करने के आदेश हुए हैं. एक मामले में गुरुग्राम की साइबर टीम शहर के एक आरोपी को पकड़ने आई, लेकिन रिश्वत लेकर उसे छोड़ गई. ब्यूरो मुख्यालय पर ही हेड कांस्टेबल राजेश कुमार के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट कायम की जाएगी.
ब्यूरो चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सिंह सांधू ने बताया कि साइबर थाना पश्चिम गुरुग्राम की पुलिस टीम आई और मीठा राम जी का खेड़ा निवासी प्रदीप बैरवा को गिरफ्तार कर ले जाने लगी. टीम में शामिल हेड कांस्टेबल राजेश कुमार ने प्रदीप को छोड़ने के बदले 200000 रुपए मांगे. ऐसे में प्रदीप का भाई मनोज कुमार अपने मित्र मुकेश खटीक के साथ 2 फरवरी को एसीबी दफ्तर पहुंचा और सांधू के समक्ष शिकायत दर्ज कराई.
रिपोर्ट को तत्काल प्रभाव से संज्ञान में लेते हुए एडिशनल एसपी ने वेरिफिकेशन के लिए परिवादी को एक वॉइस रिकॉर्डर देकर ब्यूरो के हेड कांस्टेबल को परिवादी के साथ हेड कांस्टेबल राजेश कुमार से मिलने भेजा. डील के दौरान राजेश कुमार 70000 रुपए पर आ गया. इसके बाद भी परिवादी बारगेनिंग पर अड़ा रहा. अंतत राजेश कुमार 50000 रुपए पर सहमत हो गया. परिवादी मनोज बेरवा ने मौके पर ही 15000 रुपए हेड कांस्टेबल राजेश को थमा दिए और 35000 रुपए बाद में देने को कहा.
इस बीच, राजेश कुमार को शेष राशि देने के लिए परिवादी सदर थाने के पास पहुंचा, लेकिन उसे कार्रवाई की भनक लग गई तथा टीम के साथ गुरुग्राम निकल गया. उसके बाद राजेश ने परिवादी से किसी भी प्रकार का कोई संपर्क नहीं साधा. हालांकि ट्रैप की यह कार्रवाई सफल नहीं हो पाई, लेकिन परिवादी और हेड कांस्टेबल राजेश के बीच 8 बार फोन पर बात हुई जिसे एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिकॉर्ड में ले लिया. गुरुग्राम पुलिस आरोपी प्रदीप को छोड़ गई थी.
ऐसे में कुछ दिन इंतजार के बाद एसीबी ने मामले से संबंधित पूरी रिपोर्ट बनाकर हेड क्वार्टर भेज दी. जहां से जीरो एफआईआर दर्ज करने के आदेश हुए. सांधू के अनुसार अब इस मामले में जयपुर मुख्यालय पर ही मामला दर्ज किया जाएगा. एसीबी ने गुरुग्राम के डीसीपी कार्यालय से हेड कांस्टेबल राजेश कुमार का सर्विस रिकॉर्ड मांगा है. प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एक कॉपी गुरुग्राम डीसीपी को भेजी जाएगी.